कुछ दिन पहले एक दोपहर को दरवाजे की घंटी बजी,जाकर देखा तो सूट, बूट, टाई में ३- ४ महानुभाव खड़े थे. उनमे से एक ने बड़ी शालीनता से आगे बढ़कर एक परचा थमाया और धन्यवाद कहकर चले गए. दरवाजा बंद करके मैंने पर्चे पर नजर डाली तो समझ में आया कि वह एक राजनैतिक पार्टी के चुनाव प्रचार का परचा है जिसमें उस पार्टी को वोट…
कुछ कहते हैं शब्दों के पाँव होते हैं वे चल कर पहुँच सकते हैं कहीं भी दिल तक, दिमाग तक,जंग के मैदान तक. कुछ ने कहा शब्दों के दांत होते हैं काटते हैं, दे सकते हैं घाव, पहुंचा सकते हैं पीड़ा। मेरे ख़याल से तो शब्द रखते हैं सिर्फ अपने रूढ़ अर्थ कब, कहाँ, कैसे,कहे, लिखे, सुने गए यह कहने सुनने वाले की नियत पर है निर्भर कोई भी शब्द अच्छा या…
मुस्कुराहटें संक्रामक होती है बहुत तेजी से फैलती हैं साथ ही चिंता, दुःख जैसे वायरस के लिए एंटी -वायरल भी होती है. फिर वह मुस्कुराहटें मरीज की हों या मरीज के साथ वाले की उनका प्रभाव सामने वाले पर अवश्य ही पड़ता है और इसी मुस्कराहट से उपजी सकारात्मकता से बेशक मुश्किलें न सुलझें पर कुछ वक्त के लिए भुलाई…




