कुछ दिन पहले एक दोपहर को दरवाजे की घंटी बजी,जाकर देखा तो सूट, बूट, टाई में ३- ४ महानुभाव खड़े थे. उनमे से एक ने बड़ी शालीनता से आगे बढ़कर एक परचा थमाया और धन्यवाद कहकर चले गए. दरवाजा बंद करके मैंने पर्चे पर नजर डाली तो समझ में आया कि वह एक राजनैतिक पार्टी के चुनाव प्रचार का परचा है जिसमें उस पार्टी को वोट…
सिंधु घाटी से मेसोपोटामिया तक मोहन जोदड़ो से हड़प्पा तक कहाँ कहाँ से न गुजरी औरत, एक कब्र से दूसरी गुफा तक. अपनी सहूलियत से करते उदघृत देख कंकालों को कर दिया परिभाषित। इस काल में देवी उस में भोग्या इसमें पूज्य तो उसमें त्याज्या बदलती रही रूप सभ्यता दर सभ्यता। जिसने जैसा चाहा उसे रच दिया अपने अपने…
दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन पर काफी भीड़ थी. महिलाओं के लिए सुरक्षित डिब्बा जहाँ आने वाला था वहाँ भी लाइन लगी हुई थी. मेट्रो के आते ही एक लड़के ने उस लाइन में आगे लगने की कोशिश की शायद वह महिलाओं के डिब्बे से होकर दूसरे डिब्बे में जाना चाहता था या उसे पता नहीं था कि वह डिब्बा…
कुछ कहते हैं शब्दों के पाँव होते हैं वे चल कर पहुँच सकते हैं कहीं भी दिल तक, दिमाग तक,जंग के मैदान तक. कुछ ने कहा शब्दों के दांत होते हैं काटते हैं, दे सकते हैं घाव, पहुंचा सकते हैं पीड़ा। मेरे ख़याल से तो शब्द रखते हैं सिर्फ अपने रूढ़ अर्थ कब, कहाँ, कैसे,कहे, लिखे, सुने गए यह कहने सुनने वाले की नियत पर है निर्भर कोई भी शब्द अच्छा या…
मुस्कुराहटें संक्रामक होती है बहुत तेजी से फैलती हैं साथ ही चिंता, दुःख जैसे वायरस के लिए एंटी -वायरल भी होती है. फिर वह मुस्कुराहटें मरीज की हों या मरीज के साथ वाले की उनका प्रभाव सामने वाले पर अवश्य ही पड़ता है और इसी मुस्कराहट से उपजी सकारात्मकता से बेशक मुश्किलें न सुलझें पर कुछ वक्त के लिए भुलाई…
जिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ था जब सीजन की पहली बर्फबारी हुई और कोई बर्फ में खेलने को नहीं मचला। हॉस्पिटल के चिल्ड्रन वार्ड में अपनी खिड़की के पास का पर्दा हटाया तो एक हलकी सी सफ़ेद चादर बाहर फैली थी पर खेलने के लिए मचलने वाला बच्चा बिस्तर पर दवा की खुमारी में आराम से सोया हुआ था. मैंने…
इस बार लंदन में ठण्ड बहुत देरी से पड़नी शुरू हुई इसलिए अब भी अजीब सी पड़ रही है. सूखी सूखी सी. यहाँ तक कि लंदन में तो इस बार अब तक बर्फ तक नहीं पडी. पर ठण्ड ऐसी कि जैसे दिमाग में भी घुस गई हो. ग्लूमी – ग्लूमी सा मौसम फ़िज़ा में और वैसा ही मूड मन पर तारी…