वह होने को तो एक ड्यूप्लेक्स घर था तीन कमरों वाला पर उसे दो घरों के तौर पर किराये पर दिया गया था। लन्दन के इस तरह के देसी बहुल इलाकों में मकान मालिकों ने इसी तरह कर रखा है। 30-35 साल से यहाँ रह रहे हैं, कमा – बचा कर खूब सारे घर खरीद लिए और फिर उनके 2…
कभी उस दुखी दिखती, बिसूरती औरत के कलेजे में झाँक कर देखना जिसे तुमने कह दिया कि सुखी तो है फिर भी रोती है क्या कमी है जो आँचल खारे पानी से भिगोती है. कभी ज़रा प्यार से देखना उसका कंधा दबा कर शायद फिर सच्चे लगें तुम्हें उसके वो आँसू जिन्हें तुमने खारिज कर दिया मगरमच्छी बता कर. ज़रा उसके…
आज भी जब हो जाते हैं मन के विचार गड्डमड्ड डिगने लगता है आत्मविश्वास डगमगाने लगता है स्वाभिमान नहीं सूझती कोई राह उफनने लगता है गुबार छूटने लगती है हर आस तो दिल मचल कर कहता है तुम कहाँ हो ? यहाँ क्यों नहीं हो? फिर एक किरण आती है नजर भंवर में जैसे मिल जाती है डगर भेद सन्नाटा…
अंधेरों के दरवाजों में ताले नहीं होते. उनकी चाबियाँ भी नहीं होतीं. इसलिए उन्हें लॉक नहीं किया जा सकता. बस भेड़ा जा सकता है जो मिलते ही ज़रा सी नकारात्मकता की ठेल, खुल जाते हैं और फ़ैल जाता है सारा अँधेरा आपके मन मस्तिष्क पर. उसमें खो जाता है आपका अस्तित्व और गुम हो जाते हैं आप. नहीं दिखाई पड़ते किसी…
विज्ञान कभी भी अपने दिमाग के दरवाजे बंद नहीं करता। बेशक वह दिल की न सुनता हो परंतु किसी भी अप्रत्याशित, असंभव या बेबकूफाना लगने वाली बात पर भी उसकी संभावनाओं की खिड़की बन्द नहीं होती। यही कारण है कि आज हम बिजली का बल्ब, हवाई जहाज या टेलीफोन जैसी सुविधाओं का सहजता से उपयोग करते हैं जिनकी इनके अविष्कार…
भाषा – सिर्फ शब्दों और लिपि का ताना बाना नहीं होती. भाषा सम्पूर्ण संस्कृति होती है और अपने पूरे वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है. खासकर यदि वह भाषा किसी पाठ्यक्रम में इस्तेमाल की जाए वह भी छोटे बच्चों के तो उसपर थोड़ा विचार अवश्य किया जाना चाहिए. क्योंकि प्रारंभिक शिक्षा और किताबों का उद्देश्य नौकरी दिलाना या साहित्य पढ़ाना…
दुनिया की सबसे स्वार्थी, जीरो नैतिक मूल्य और असंवेदनशील कौम साबित हो रहे हैं हम. यह सही है कि किसी भी आपदा या महामारी के लिए कोई भी देश, बेशक कितना भी विकसित और संपन्न क्यों न हो, कभी तैयार नहीं हो सकता. पिछले साल जब इटली, फ़्रांस, स्पेन, यूके जैसे देशों से भयावह खबरें आ रही थीं तब वहां…
एक जंगल था. उसमें तरह तरह के जीव रहते थे. उस पर कुछ कुछ तथाकथित बलशाली जीवों जैसे शेर, चीता, भालू आदि ने कब्जा कर रखा था. जंगल के सभी अच्छे, फलदायक इलाके उन्होंने अपने कब्जे में किये हुए थे. जिनके अन्दर वे सिर्फ अपने ही लोगों को जाने देते. उनके बाहर उन्होंने अपने ही भेड़ियों, सियारों आदि को पहरे…
प्रिय बेटियों, पूरी आशा है तुम वहाँ कुशल पूर्वक होगी। हम यहाँ ठीक हैं। तुम्हारी मम्मी भी आ गईं हैं। वह भी ठीक हैं। हम रोज चाय के समय तुम लोगों को याद करते हैं। मम्मी तुम लोगों के समाचार देती हैं। उनकी बातें खत्म ही नहीं होतीं। ऐसा लगता है न जाने कब से नहीं बोलीं हैं। यह जगह…
COVID-19 हमारे जीवनकाल की सबसे बड़ी वैश्विक घटना भी है और चुनौती भी. 2019 के अंत में कोरोना वायरस (COVID-19) का प्रकोप फैलना शुरू हुआ और 30 जनवरी, 2020 को अंतर्राष्ट्रीय विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा इसे माहामारी घोषित करते हुए आपातकाल की घोषणा कर दी गई। आज 6 महीने बाद भी पूरी दुनिया की आबादी का एक व्यापक टुकड़ा मुख्य रूप से…