क्या चाहा था, बहुत कुछ तो चाहा ना था क्या माँगा था खुदा से, बहुत कुछ तो माँगा ना था. जो मिला ख़ुशनसीबी थी पर थी, गम के आँचल से लिपटी, लगा बिन मांगे मोती मिला, पर था नक़ली वो मालूम ना था. हर सुख मिला पर था आँसुओं की आड़ में, हर फूल मिला पर था काटों के साथ…