गद्य

अभी कुछ दिन पहले दिव्या माथुर जी ((वातायन की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष यू के हिंदी समिति) ) ने अपनी नवीनतम प्रकाशित कहानी संग्रह “2050 और अन्य  कहानियां” मुझे सप्रेम भेंट की .यहाँ हिंदी की अच्छी पुस्तकें बहुत भाग्य से पढने को मिलती हैं अत: हमने उसे झटपट पढ़ डाला.बाकी कहानियां तो साधारण प्रवासी समस्याओं और परिवेश पर ही थीं परन्तु आखिर की दो कहानियों  ” 2050…

करी खा तो सकते हैं पर सूंघ नहीं सकते . ब्रिटेन में करी का काफी प्रचलन  है. जगह जगह पर भारतीय और बंगलादेशी टेक आउट कुकुरमुत्तों की तरह खुले हुए हैं और यहाँ के निवासियों में करी का काफी शौक देखा  जाता है …पर समस्या तब खड़ी होती है जब उन्हें करी खाने से तो कोई परहेज नहीं पर करी की…

सफ़ेद रंग का लम्बा वाला लिफाफा था और मोती से जड़े उसपर अक्षर. देखते ही समझ गई थी कि ख़त पापा ने लिखा है. पर क्या???? आमतौर पर पापा ख़त नहीं लिखा करते थे.बहने ही लिखा करतीं थीं और उनके लिफाफे गुलाबी,नीले ,पीले हुआ करते थे. कोई जरुरी बात ही रही होगी. झट से खोला था तो दो बड़े बड़े…

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा …..हर जगह आज यही पंक्तियाँ बजती सुनाई दे रही हैं. हर कोई देश भक्ति की भावना से लवरेज दिखाई पड़ता है, अंतर्जाल तिरंगों से भरा पडा है ,.राजपथ से ऐतिहासिक लाल किले तक आठ किलोमीटर लंबे मार्ग पर  गणतंत्र दिवस की परेड में सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों की टुकडि़यों ने बैंड की धुनों…

क्रेमलिन – वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शुमार. घर की मुर्गी दाल बराबर .बस यही होता है. जो चीज़ हमें सहजता से सुलभ हो जाये उसकी कदर ही कहाँ करते हैं  हम. और यही कारण होता है कि जिस जगह हम रहते हैं वहां के दर्शनीय स्थलों के प्रति उदासीन से रहते हैं .अरे  यहीं तो हैं कभी भी देख आयेंगे,…

बदलते वक़्त के साथ सब कुछ बदलता जाता है .रहने का तरीका ,खाने का तरीका ,त्यौहार मनाने का तरीका, मृत्यु  का  तरीका और जन्म लेने का तरीका, तो भला जन्म दिन मनाने का तरीका क्यों नहीं बदलेगा .अब देखिये ना जब छोटे बच्चे हुआ करते थे .ना तो टी वी था ना ही टेलीफ़ोन की इतनी सुविधा ,तो जन्म दिन…

ठण्ड में ठंडा है इस बार का क्रिसमस .लन्दन में ३० साल में सबसे ज्यादा खराब मौसम है इस दिसंबर का. १ हफ्ते पहले भारी बर्फबारी के कारण कई स्कूलों  को बंद कर दिया गया था और अब इस सप्ताह अंत में भी भारी बर्फबारी की आशंकाएं जताई जा रही हैं ,देश के पूर्वी हिस्सों में ८ इंच  तक की बर्फबारी…

जैसा कि आपने जाना कि अब जीविकोपार्जन  के लिए हमने एक छोटी सी कंपनी में ऑफिस  एडमिनिस्ट्रेटर /इन्टरप्रेटर की नौकरी कर ली थी .क्योंकि अब  क्लासेज़ में जाना उतना जरुरी नहीं रह गया था.अब बारी थी स्वध्ययन  की , अब तक जो भी पढ़ाया गया है उन सब को समझने की , समीक्षा करने की, पढाई हुई जानकारी का उपयोग करने…

अभी एक समाचार पत्र में एक पत्र छपा था .आप भी पढ़िए. नवम्बर २०१०(लन्दन )  ये एक खुला पत्र है उस आदमी के नाम जिसने बुधवार १७ नवम्बर को मेरी कार चुरा ली. मैं  यह पत्र इसलिए लिख रही हूँ कि शायद अगली बार तुम या कोई और ऐसा करने से पहले  २ बार सोचे.पिछले बुधवार काम से वापस आते हुए मैंने…

इसके बाद …हम अपने पाठ्यक्रम के चौथे वर्ष में आ पहुंचे थे …..और मॉस्को  अपनी ही मातृभूमि जैसा लगने लगा था .वहां के मौसम , व्यवस्था ,सामाजिक परिवेश सबको घोट कर पी गए थे .अब हमारे बाकी के मित्र छुट्टियों में दौड़े छूटे भारत नहीं भागा करते थे , वहीं  अपनी छुट्टियाँ बिताया करते थे या मोस्को का प्रसिद्द व्…