लोकप्रिय प्रविष्टियां

दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन पर काफी भीड़ थी. महिलाओं के लिए सुरक्षित डिब्बा जहाँ आने वाला था वहाँ भी लाइन लगी हुई थी. मेट्रो के आते ही एक लड़के ने उस लाइन में आगे लगने की कोशिश की शायद वह महिलाओं के डिब्बे से होकर दूसरे डिब्बे में जाना चाहता था या उसे पता नहीं था कि वह डिब्बा…

अमूमन कहा जाता है कि दोस्त ऐसे रिश्तेदार होते हैं जिन्हें हम खुद अपने लिए चुनते हैं. परन्तु मुझे लगता है कि दोस्त भी हमें किस्मत से ही मिलते हैं.क्योंकि मनुष्य तो गलतियों का पुतला है इस चुनाव में भी गलती कर सकता है खासकर जब बात अच्छे और सच्चे दोस्तों की हो.तो ऐसे दोस्त किस्मत वालों को ही नसीब होते…

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा …..हर जगह आज यही पंक्तियाँ बजती सुनाई दे रही हैं. हर कोई देश भक्ति की भावना से लवरेज दिखाई पड़ता है, अंतर्जाल तिरंगों से भरा पडा है ,.राजपथ से ऐतिहासिक लाल किले तक आठ किलोमीटर लंबे मार्ग पर  गणतंत्र दिवस की परेड में सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों की टुकडि़यों ने बैंड की धुनों…

प्रकृति अपना संतुलन खुद बना लेती है. कितने संकेत दिए उसने, ग्लोबल वॉर्मिंग, पानी की कमी, सुनामी, भूकम्पों द्वारा कि रुक जाओ , संभल जाओ, वर्ना सब ख़त्म हो जायेगा. पर नहीं … हम मनु की संताने अपने आप को किसी ईश्वर से कम नहीं समझतीं. हम हर समस्या का हल निकाल लेंगे. दिमाग पाया है हमने ऐसा. कितना ज्यादा हो गया…

मेरे ऑफिस की खिड़की से दीखता है, बड़े पेड़ का एक छोटा सा टुकड़ा। जो छुपा लेता है उसके पीछे की सभी अदर्शनीय चीजों को. उन सभी दृश्यों को जिन्हें किसी भी नजरिये से खूबसूरत नहीं कहा जा सकता। फिर भी उन शाखाओं के पीछे से मैं  झाँकने की कोशिश  करती रहती हूँ. उन हरी हरी पत्तियों के पीछे भूरी -भूरी  …

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