समाचार माध्यमो द्वारा खबरों की शुचिता , उनको बढ़ा चढ़ा कर दिखाना, उनकी निष्पक्षता , और समाचारों के नाटकीकरण एक ज्वलंत मुद्दा बन चुका है आज, समाज के आम हलको में . वो कहते है ना की साहित्य समाज का आइना होता है तो आप लोगों को ऐसा नहीं लगता की इस समाचारों को हम तक पहुचाने वाले पत्रकारों की…