तेरी नजरों में अपने ख्वाब समा मैं यूँ खुश हूँबर्फ के सीने में फ़ना हो ज्यूँ ओस चमकती है. अब बस तू है, तेरी नजर है, तेरा ही नजरिया मैं चांदनी हूँ जो चाँद की बाँहों में दमकती है. तेरी सांसों से जो आती है वह खुशबू है मेरी रात की रानी तो तिमिर के संग ही महकती है. बेशक फूलों से भरे हों बाग़…

मोस्को में पत्रकारिता की पढ़ाई के दौरान, हमारे मीडिया स्टडीज के शिक्षक कहा करते थे कि पत्रकारिता किसी भी समय या सीमा से परे है. आप या तो पत्रकार हैं या नहीं हैं. यदि पत्रकार हैं तो हर जगह, हर वक़्त हैं. खाते, पीते, उठते, बैठते, सोते, जागते हर समय आप पत्रकारिता कर सकते हैं. आप बेशक सक्रीय पत्रकार न हों परन्तु…

यदि बंद करना है तो जाओ पहले घर का एसी बंद करो. हर मोड़ पर खुला मॉल बंद करो २४ घंटे जेनरेटर से चलता हॉल बंद करो. नुक्कड़ तक जाने लिए कार बंद करो बच्चों की पीठ पर लदा भार बंद करो. नर्सरी से ही ए बी सी रटाना बंद करो घर में चीखना चिल्लाना बंद करो. बच्चों से मजदूरी करवाना बंद करो कारखानों का प्रदुषण फैलाना…

पिछले दिनों बाजार गई तो १६ वर्षीय एक बच्ची को ढेर सारी अलग अलग तरह की खुशबू वाली मोमबत्तियां खरीदते हुए देखा। बच्ची मेरी जानकार थी सो मैंने पूछ लिया, अरे अभी तो क्रिसमस में बहुत समय है, क्या करोगी इतनी मोमबत्तियों का?. उसने जबाब दिया कि यह मोमबत्तियां वह अपने स्ट्रेस पर काबू पाने के लिए खरीद रही है. कुछ अलग अलग तरह की खास…