यह उस दौर की बात है जब न तो मोबाइल फ़ोन थे, न सोशल मीडिया और न ही पूरी दुनिया को एक क्लिक से जोड़ता हुआ इन्टरनेट. ले दे कर या काले चोगे वाला जम्बो टेलीफोन था, (जिसकी लोकल कॉल्स भी खासी महँगी थीं) या फिर दूरदर्शन. इनके इस्तेमाल पर भी माँ बाप का पहरा रहा करता था. तो बेचारे नए…