यूँ मैं बहुत धार्मिक नहीं और पूजा पाठ में तो यकीन न के बराबर है. पर मैं नास्तिक भी नहीं और उत्सवों में त्योहारों में बहुत दिलचस्पी है. उनमें यथासंभव भाग लेने की कोशिश भी हमेशा रहा करती है. ऐसे में जब पता चले कि अपने ही इलाके में जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा का आयोजन है तो जाए बिना रहा…

मोस्को में पत्रकारिता की पढ़ाई के दौरान, हमारे मीडिया स्टडीज के शिक्षक कहा करते थे कि पत्रकारिता किसी भी समय या सीमा से परे है. आप या तो पत्रकार हैं या नहीं हैं. यदि पत्रकार हैं तो हर जगह, हर वक़्त हैं. खाते, पीते, उठते, बैठते, सोते, जागते हर समय आप पत्रकारिता कर सकते हैं. आप बेशक सक्रीय पत्रकार न हों परन्तु…

लन्दन की बारिश का यूँ तो कभी कोई भरोसा नहीं, और लन्दन वासियों की इसकी खासी आदत भी है।परन्तु कभी कभी जब किसी खास आयोजन में जाना हो यह मोहतरमा बिना किसी पूर्व सूचना के आ धमकें तो बहुत ही खला करती हैं।ऐसा ही कुछ हुआ 19अक्तूबर की शाम को जब हमें “एशियन कम्युनिटी ऑफ़ आर्ट्स” द्वारा प्रसिद्ध कथाकार तेजेंद्र शर्मा के…

लोकार्पण सुश्री संगीता बहादुर ( डारेक्टर नेहरु सेंटर) १४ मार्च बुधवार की शाम को लन्दन स्थित नेहरु सेंटर में पुस्तक ” स्मृतियों में रूस ” का विमोचन हुआ .समारोह में सम्मानित अतिथि सुश्री संगीता बहादुर ने सर्प्रथम सभी का स्वागत करते हुए लेखिका को बधाई देते हुए अपनी बात शुरू की. श्री कैलाश बुधवार (पूर्व बी बी सी प्रमुख )ने पुस्तक…