मोबाइल और टेबलेट जैसी नई तकनीकियों के आने से एक फायदा बहुत हुआ है कि कहीं कैफे या रेस्टौरेंट में अकेले बैठकर कुछ खाना पीना पड़े तो असहजता नहीं होती, यह एहसास नहीं होता कि कोई घूर रहा है. या कोई यह सोच रहा है कि भला अकेले भी कोई खाने पीने बाहर आता है. क्योंकि अब कोई भी, कभी…
होली पर दुनिया गुझिया बना रही है और हम यह – सुनिये…. सुनिये….. ज़रा अपने देश से होली की फुआरें आ रही थीं कभी फेसबुक पे तो कभी व्हाट्स एप पे गुझियायें परोसी जा रही थीं कुछों ने तो फ़ोन तक पे जलाया था और आज कहाँ कहाँ क्या क्या बना सबका बायो डाटा सुनाया था सुन सुनके गाथाएँ हमें भी जोश…
ये भगवान भी न इंसानो की ही तरह हबड़ दबड़ में रहता है आजकल। ठीक से सुनता समझता भी नहीं बात पहले… पूरी बात सुनिये यहाँ –…
ऐसा भी होता है आजकल … चलिए सुन ही लीजिये.. 🙂 आवाज ….??, हमारी ही है. अब हमारे ब्लॉग पर अपनी आवाज देने का और कौन रिस्क लेगा 🙂 . दोस्तो!!! लन्दन का मौसम आजकल बहुत प्यारा है ऐसे में टूरिस्टों का बोलबाला है इसी दौरान हमारी एक मित्र भी भारत से पधारी उनके स्वागत में हमने की सारी तैयारी …
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता . बहुत छोटी थी मैं जब यह ग़ज़ल सुनी थी और शायद पहली यही ग़ज़ल ऐसी थी जो पसंद भी आई और समझ में भी आई। एक एक शेर इतनी गहराई से दिल में उतरता जाता कि आज भी कोई मुझे मेरी पसंदीदा गजलों के बारे में…
बोर हो गए लिखते पढ़ते आओ कर लें अब कुछ बातें कुछ देश की, कुछ विदेश की हलकी फुलकी सी मुलाकातें। जो आ जाये पसंद आपको तो बजा देना कुछ ताली पसंद न आये तो भी भैया न देना कृपया तुम गाली। एक इशारा भर ही होगा बस टिप्पणी बक्से में काफी जिससे अगली बार न करें हम ऐसी कोई गुस्ताखी। तो…