मनोज जी ने अपने ब्लॉग पर प्रवासी पंछियों पर एक श्रंखला शुरू की है. जो मुझे बेहद पसंद है .क्योंकि उसमें मुझे अपने बचपन के बहुत से सवालों के जबाब मिल जाते हैं.ये कुछ पंक्तियाँ उन्हीं आलेखों से प्रेरित हैं.
कहते हैं उड़ान परों से नहीं
हौसलों से होती है
पर क्या हौसला ही काफी है.
हौसले के साथ तो
हौसलों से होती है
पर क्या हौसला ही काफी है.
हौसले के साथ तो
उड़ता है बादल भी
पर कहलाता है आवारा.
यूँ तो उड़ता है पत्ता भी
पर निर्भर होता है
पर कहलाता है आवारा.
यूँ तो उड़ता है पत्ता भी
पर निर्भर होता है
हवा के रुख पर.
उड़ान हो तो ऐसी
जैसे उड़ते हैं पंछी
संतुलित करके परों को
सोच कर मंजिल को
पहचान कर सही दिशा को
उड़ो तुम भी,
बेशक “पर” हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
उड़ान हो तो ऐसी
जैसे उड़ते हैं पंछी
संतुलित करके परों को
सोच कर मंजिल को
पहचान कर सही दिशा को
उड़ो तुम भी,
बेशक “पर” हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतत्व तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
वाह शिखा जी .. बहुत बढिया !!
एक सकरात्मक कविता। दिशा निर्धारित नहीं होने पर पहुंच गए चीन वाली बात हो जाती है। इतना आनन्द देने के लिए आभार।
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
….bahut sundar…saarthak…aabhaar.
सारांश यह कि पक्षियों का जीवन विविधताओं भरा अत्यंत ही रोचक होता है।
इनकी उड़ान में बड़ी-बड़ी बाधाएं भी पार कर लेने का जज़्बा होता है। ये हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत होते हैं। आपने कमाल की पंक्तियां लिखी है,
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
सही कहा है सिर्फ़ हौसला से काम नहीं चलेगा।
तुम्हारी यही खूबी है कि कहीं से भी प्रेरणा ले कर ज़िंदगी के कथ्य को कह देती हो … एक कविता बुर्के में महिला को देख लिखी थी और आज पक्षियों के बारे में पढते हुए … हौसले के साथ सही दिशा का भान हो तो मंजिल पर सही वक्त में पहुंचा जा सकता है ..नहीं तो भटकने का डर रहता है .. बहुत सुन्दर और प्रेरणादायक रचना ..
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
shi kaha hai bahut sunder
rachana
ज़िन्दगी के टेढ़े-मेढ़े रास्तों से
अवगत करवाने का सफल प्रयास
बहुत अच्छी संदेशात्मक रचना !
उड़ो तुम भी,
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
वाह, बहुत सुन्दर सीख देती कविता |
अरे वह! बहुत ही इन्स्पाईरिटिव पोएम है… ग़ज़ब का हौसला डिस्क्रिप्शन है… मैं ऐसे थोड़े ही न कहता हूँ… कि खूबसूरत लोग हो खूबसूरत लिख सकते हैं… खूबसूरती ही अपने आप में इन्स्पाईरिटिव है… तो आप तो खूबसूरत लिखेंगीं ही… ऐज़ युज़ुअल…
हौसले को अगर सही दिशा दिया जाय तो मंजिले मक़सूद उम्मीद से पहले हासिल हो सकती है . पक्षियों से प्रेरणा लेकर जीवन की राह पर हौसलों को सही दिशा दिखाती शिखा कृति . आभार
उड़ने के माहिर यह सहज बोध जन्म से लिए होते हैं -बस इक हौसला देने वाला चाहिए …
अच्छी कवि
पक्षी किसी आदत के गुलाम नहीं होते ….
शुभकामनायें आपको !
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 21 – 06 – 2011
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ …शुक्रिया ..
साप्ताहिक काव्य मंच– 51 ..चर्चा मंच
मैं तो विज्ञान का विद्यार्थी हूँ.. कह सकता हूँ कि एक मामूली सा पथ भटकाव किसी को वास्तविक पथ से कितनी दूर ले जा सकता है… आपने तो पंछियों के माध्यम से जीवन दर्शन प्रस्तुत कर दिया है… एक निश्चित पथ पर चलते हुए वे पंछी सरहदों पार चले जाते हैं, जबकि हमें वीसा लगता है, क्योंकि सरहदें हमने ही बनायी हैं!! शिखा जी बहुत सुन्दर कविता!!
इतनी सच्ची कविता … हर नज़रिए से सकारात्मक
वाह, वास्तव में दिशा ही तो दशा तय करती है..
शिखा बहुत बढ़िया बात कही, हौसलों के पर होते हैं और वे कभी दिशाहीन नहीं होते. उन्हें गंतव्य दिखता है बस अपने हौसलों से उड़ान भर कर उसे पा ही लेने को आतुर होते हैं.
उड़ान के लिए बस पागलपन चाहिए… और कुछ भी नहीं.
नहीं मार्ग बंद हैं,
हौंसले बुलंद हैं।
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
Khoob likha aapne….. Sunder panktiyan
मन की उडान का भावपूर्ण मार्गदर्शन …!!
बहुत सुंदर कविता..!!
बहुत बढ़िया!
उड़ान तो सभी को बहुत अच्छी लगती है!
यदि उन्मुक्त उड़ान हो तो कहने ही क्या हैं!
पंक्षी क्या ये बात तो सभी पर लागु होती है कि
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है |
सही दिशा में किया गया कम हौसला ही हमें मंजिल तक पहुंचता है |
शिक्षाप्रद प्रेरणादायी रचना
बहुत खूब शिखा जी.
जबरदस्त .
one of your best.hats off.
मन की उडान का भावपूर्ण मार्गदर्शन|
हौसलों पर ही दुनिया जहान कायम है।
सुंदर भाव
sahi kha ..hosla beshak ho ..par sahi disha ka gyan hona bhi jaruri hai..
Really a meaningful creation. I appreciate your love for Hindi language
एक सकारात्मक सोच वाली कविता,
आभार- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत उम्दा रचना….वाह!!!
sahi likha hai….sangeeta ji se ittefaaq rakhta huun.. 🙂
This comment has been removed by the author.
A beautiful poem, inspiring and guiding correctly.
उड़ो तुम भी,
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
सार्थक व गतिशीलता ,रचनाकार का निहितार्थ होता है , जो दृष्टिगोचर है … खुबसूरत शिल्प बधाई /
bahut sundar rachana,is rachana ke liye meri taraf se do panktiyan-
hausale hain to mumkin hai har ek manzil ko paa lena.
hausale gar naheen parwaaz bhee phir ud naheen sakata.
S.N.Shukla
हौसलों की उड़ान को सही दिशा की आवशयकता है ,
मगर कई बार तेज आंधियां दिशा बदल देती हैं …
प्रेरक कविता !
उड़ो तुम भी,
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है bahut gaharai liye hue shaandaar rachanaa.badhaai aapko.
please visit my blog.thanks
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
बहुत अच्छा सन्देश दिया रचना के माध्यम से। बधाई।
उड़ो तुम भी,
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
सुन्दर संदेश देती बेहतरीन रचना।
बबुत खूब .. इस रचना ने मेरा दिल भी हल्का कर दिया … कई बार पलायनवादी का ताना मिलता है प्रवासियों को … पर इस ताराह से संतुकित उड़ान हर किसी के बस की बात नहीं होती … लाजवाब रचना …
भावपूर्ण प्रेरक रचना…
हौसले के पर हों पर साथ में सही दिशा का भान हो तो उड़ान सार्थक होती है |
आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है …..
आज के कुछ खास चिट्ठे …आपकी नज़र . (अब तो चवन्नी बराबर भी नहीं हमारी हैसियत)
अच्छी और सच्ची रचना।
barish me saare pakshhi pero me chhip jate hain…….
ek baaj hota hai jo udd kar badlo se upar pahuch jata hai……:)
to uddo aise ki wahan pahucho…jo safalata ka ek paimana ban jaye:)
bahut shandaar prastuti!!
bahut sundar… aur aik darshan bhi chhupa hai isme .. Gantavy tak pahuchne ke liye disha ka bhaan hona chahiye . .. bahut khoob ..
वाकई बहुत ही अच्छी रचना
उड़ो तुम भी,
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
वाह .. बहुत ही अच्छी रचना ..।
दिशाहीन यात्रा निरर्थक है | सही कहा आपने उड़ने के लिए हौसले की जरुरत है |
bilkul sahi kaha shikha di…aajkal nayi hawa chali hui hai..optimism to zaruri hai jine k liye….lekin over-optimism utna hi khatarnaak aur reality se door karne wala ho jata hai…log inke difference ko nahin samajh paate…aur ek hypothesis mein jine lagte hain..fir avsaad k shikaar hote hain..aur sabse badi baat ye k unhe apni is haalat k kaaran samajh hi nahin aa pata..
ek realistic kathya kaha h aapne is rachanaa mein.. :):)
बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
bilkul sahee…..
kisi ne kaha bhi hai "disha heen daud ka koi mahatw nahi hai"…
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है
ज़रूरी बात ।
प्रवासी भारतियों के लिए सुखद ।
हौसले के साथ तो
उड़ता है बादल भी
पर कहलाता है आवारा.
यूँ तो उड़ता है पत्ता भी
पर निर्भर होता है
हवा के रुख पर.
…..पर उडान को नियंत्रित रखते हैं. अनियंत्रित उडान किसी मंजिल तक नहीं ले जाती. सफलता के लिए दिल और दिमाग के बीच संतुलन जरूरी होता है. काफी व्यावहारिक सोच को आपने अपनी कविता में उतरा है….बधाई!
सार्थक संदेश
target should always be a "vector" quantity..
nice thought..
बहुत अच्छी पोस्ट…
अपना एक शेर याद दिला दिया-
सफ़र ये आसमानों का बहुत दुश्वार है लेकिन
हमारे हौसले पर बनके खुद परवाज़ करते हैं.
शिखा जी………….अच्छा लिखा है आपने…उड़ान के साथ सही दिशा का भान बहुत आवश्यक है …
उड़ती तो पतंग भी है …पर डोर हमेशा दूसरे के हाथ …
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल २३-६ २०११ को यहाँ भी है
आज की नयी पुरानी हल चल – चिट्ठाकारों के लिए गीता सार
सत्य…एकदम सत्य कहा आपने…
हुनर केवल उड़ने का होना काफी नहीं..ज्ञान दिशा और लक्ष्य का भी होना चाहिए…
बहुत सुन्दर…ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति…सच सिर्फ हौसले ही काफी नहीं जरुरी है गंतव्य की सही राह का पता होना भी….
सही कहा आपने, उडाने के लिए परों के साथ साथ सही दिशा का ज्ञान भी जरूरी है।
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रहस्यम आग…
ब्लॉग-मैन पाबला जी…
अच्छी संदेश भरी कविता। आभार।
vah very nice yaha bhi aaye my blog
@बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे …
बहुत बढिया!
शिखा जी नम्स्कार्। बहुत बढिया कविता की शब्दाव्ली है -बेशक "पर" हौंसलों के हों
पर ध्यान रहे
गंतव्य तक पहुँचने के लिए
सही दिशा का भान होना
बेहद जरुरी है।
Wow that was unusual. I just wrote an really long comment but after I clicked submit my comment didn’t appear. Grrrr… well I’m not writing all that over again. Regardless, just wanted to say excellent blog!
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