काश तुम -तुम ना होते, काश हम – हम ना होते. जब ये ठंडी हवा , गालों को छूकर बालों को उड़ा जाती, जब मुलायम ओस पर सुनहरी धूप पड़ जाती काश उस गीली ओस पर तब हम, तुम्हारा हाथ थामे चल पाते. जब कोई अश्क चुपके से, इन आँखों से लुढ़कने लगता, ये दिल किसी की याद में चुपके…
