ब्रिटेन आजकल एक अजीब दौर से गुजर रहा है। हाल ही में, लाखों ब्रिटिश नागरिक लंदन की सड़कों पर अपनी आज़ादी और अधिकार मांगते हुए नज़र आए। उनका कहना है कि उन्हें अपना देश वापस चाहिए, क्योंकि अब यह देश उनके लिए पहले जैसा नहीं रहा। वे महसूस करते हैं कि वे अब अपने ही देश में अल्पसंख्यक बन गए…

यूके हिंदी समिति की स्थापना 1990 में हुई थी और इसने साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में 35 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इसका हिंदी परीक्षा प्रतियोगिताओं का शैक्षणिक कार्यक्रम 25 वर्ष पहले शुरू हुआ था, इसलिए 6 सितंबर 2025 को इसे मनाने का समय आ गया। इस दिन की शुरुआत इसके संस्थापक पद्मेश गुप्त, सुप्रसिद्ध लेखिका और पत्रकार शिखा…

क्योंकि हमने पढ़ना छोड़ दिया है – – हमारी अभिव्यक्ति में गलत , अभद्र शब्दों का प्रयोग होता है क्योंकि हम सही और सुन्दर शब्दों का प्रयोग जानते ही नहीं। – अपने भावों को अभिव्यक्त करते समय क्रोध, घृणा, पैर पटकना, आदि क्रियाओं को काम में लेते हैं क्योंकि किसी भाव को उपयुक्त शब्दों से अभिव्यक्त करना हम नहीं जानते।…