देश के गंभीर माहौल में निर्मल हास्य के लिए 🙂 पृथ्वी पर ब्लॉगिंग का नशा देख कर कर स्वर्ग वासियों को भी ब्लॉग का चस्का लग गया. और उन्होंने भी ब्लॉगिंग शुरू कर दी. पहले कुछ बड़े बड़े देवी देवताओं ने ब्लॉग लिखने शुरू किये, धीरे धीरे ये शौक वहां रह रहे सभी आम और खास वासियों को लगने लगा…
लोकप्रिय प्रविष्टियां
यूँ सुना था तथाकथित अमीर और विकसित देशों में सड़कों पर जानवर नहीं घूमते. उनके लिए अलग दुनिया है. बच्चों को गाय, बकरी, सूअर जैसे पालतू जानवर दिखाने के लिए भी चिड़िया घर ले जाना पड़ता है. और जो वहां ना जा पायें उन्हें शायद पूरी जिन्दगी वे देखने को ना मिले.ये तो हमारा ही देश है जहाँ न चाहते हुए भी हर…
वैसे तो हमारे देश में घोटालों की कोई एक परिभाषा नहीं ,कोई सीमा नहीं है. हमेशा नए नए और अनोखे से नाम कानो में पड़ जाते हैं. परन्तु पिछले दिनों कुछ इसतरह के मामले सुनने में आये कि लोकतंत्र से ही विरक्ति सी होने लगी है .लोकतंत्र के सबसे मजबूत खम्भे पर बैठे लोग हों या हाथ में कलम की…
अभी एक समाचार पत्र में एक पत्र छपा था .आप भी पढ़िए. नवम्बर २०१०(लन्दन ) ये एक खुला पत्र है उस आदमी के नाम जिसने बुधवार १७ नवम्बर को मेरी कार चुरा ली. मैं यह पत्र इसलिए लिख रही हूँ कि शायद अगली बार तुम या कोई और ऐसा करने से पहले २ बार सोचे.पिछले बुधवार काम से वापस आते हुए मैंने…