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COVID-19 हमारे जीवनकाल की सबसे बड़ी वैश्विक घटना भी है और चुनौती भी. 2019 के अंत में कोरोना वायरस (COVID-19) का प्रकोप फैलना शुरू हुआ और 30 जनवरी, 2020 को अंतर्राष्ट्रीय विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा इसे माहामारी घोषित करते हुए आपातकाल की घोषणा कर दी गई। आज 6 महीने बाद भी पूरी दुनिया की आबादी का एक व्यापक टुकड़ा मुख्य रूप से…

ये उन दिनों की बात है जब कैमरा की घुंडी घुमाकर रील आगे बढ़ाई जाती थी। एक क्लिक की आवाज के साथ रील आगे बढ़ जाती थी एक रील में 15 , २३ या ३६ फोटो होते थे… जो कभी कभी एक ज्यादा या एक कम भी हो जाते थे. पूरे फोटो खिंच जाने पर कैमरे की एक टोपी घुमाकर…

ग्रीष्मकालीन अवकाश, स्कूल वर्ष और स्कूल के शैक्षणिक वर्ष के  बीच गर्मियों में स्कूल की एक लम्बी छुट्टी को कहते है। देश और प्रांत के आधार पर छात्रों और शिक्षण स्टाफ को आम तौर पर छ: से आठ सप्ताह के बीच यह अवकाश दिया जाता है। जहाँ भारत में यह अवकाश सामान्यत: पाँच से छ: सप्ताह का होता है वहीँ संयुक्त…

  छोड़ना होगा उसे वह घर वह आंगन, वह फर्श, वह छत। जिससे जुड़ा है उसका जन्म, बचपन, उसका यौवन, उसका जीवन। कहते हैं लोग इसी में उसकी भलाई है यही रीत चली आई है। अब वह खुद ही खुद को संभाले भोगे अपने सुख दुख अकेले पुराने नातों को बिसरा दे। वह ठिठकती है हर कदम पर निकलने में…

स्पंदन = मेरे मन में उठती भावनाओं की  तरंगे.जिन्हें साकार रूप दिया मेरे इस प्यारे ब्लॉग ने ..जी हाँ इस माह  मेरे स्पंदन का फर्स्ट बर्थडे है .वैसे तो इसकी नींव  २७ अप्रैल को रखी गई थी .परन्तु इसे सुचारू रूप से बढ़ाना मैने 18 मई से शुरू किया. और इसी दिन मेरी ब्लॉग की  रचना पर पहली  प्रतिक्रिया  आई…

कोई मिस्टर जलजला एकाध दिन से स्वयम्भू चुनावाधिकारी बनकर.श्रेष्ठ महिला ब्लोगर के लिए, कुछ महिलाओं के नाम प्रस्तावित कर रहें हैं. (उनके द्वारा दिया गया शब्द, उच्चारित करना भी हमें स्वीकार्य नहीं है) पर ये मिस्टर जलजला एक बरसाती बुलबुला से ज्यादा कुछ नहीं हैं, पर हैं तो कोई छद्मनाम धारी ब्लोगर ही ,जिन्हें हम बताना चाहते हैं कि हम…

. .यहाँ यूरोप में होलिडेज पर जाने का बहुत रिवाज़ है….जब देखो जिसे देखो होलिडेज पर निकल जाता है …काम का क्या है ? होता रहेगा…रोज़ ही होता है और जहाँ जरा ज्यादा काम का बोझ हुआ कह दिया ..कि हम तो होलिडेज पर जा रहे हैं आकर देखेंगे .यहाँ हर कोई तीन महीने में एक बार एक हफ्ते के…

होली के त्यौहार पर , चलो कुछ हुडदंग मचाएं, टिप्पणियाँ तो देते ही हैं इस बार कुछ title बनाये. ब्लॉगजगत के परिवार में. भांति भांति के गुणी जन आज इस छत के नीचे मिल जाएँ सब मित्रगण प्रेम सौहार्द के रंग के साथ है बस थोडा निर्मल हास्य जैसे मीठी ठंडाई में मिला दी भंग की गोली चार.. लो सबसे…

कुछ दिनों से मेरे अंतर का कवि कुछ नाराज़ है. कुछ लिखा ही नहीं जा रहा था …पर मेरा शत शत नमन इस नेट की दुनिया को जिसने कुछ ऐसे हमदर्द और दोस्त मुझे दिए हैं , जिनसे मेरा सूजा बूथा देखा ही नहीं जाता और उनकी यही भावनाएं मेरे लिए ऊर्जा का काम करती हैं ॥ इन्हीं में एक…