.यहाँ यूरोप में होलिडेज पर जाने का बहुत रिवाज़ है….जब देखो जिसे देखो होलिडेज पर निकल जाता है …काम का क्या है ? होता रहेगा…रोज़ ही होता है और जहाँ जरा ज्यादा काम का बोझ हुआ कह दिया ..कि हम तो होलिडेज पर जा रहे हैं आकर देखेंगे .यहाँ हर कोई तीन महीने में एक बार एक हफ्ते के लिए तो छुट्टियां मना ही आता है ..हवा पानी बदलने के लिए ,दिमाग तारो ताज़ा करने के लिए ..
हम तो जाते अपने गाम सबको राम राम राम
.
.वैसे ये बीमारी मुझे भी है ..बचपन से ही पापा ने लगा दी थी …हर २-३ महीने में कहीं घूमने के लिए न जाने को मिले तो घर काटने को दौड़ने लगता है …चार दीवारियों से भयानक सी आवाजें आने लगती हैं..दिमाग का एक हिस्सा हमेशा १६० डिग्री पर रहता है जिस पर बच्चे यदि चाहें तो अंडा तो फ्राई कर ही सकते हैं
.पर हाय रे नसीब … हम भारतीयों की किस्मत ऐसी कहाँ ..वो तो युरोपे में रहे हैं या झुमरीतलैया में, काम के मारे बेचारों को होलिडेज ( आराम के दिन ) तो क्या एक गरीब दिन भी नसीब नहीं होता .जब तक की दादी .या नानी को बीमार न कर दिया जाये…अब क्या करें ,मन तो नहीं करता पर मजबूरी है आखिर इंसान तो हम भी हैं ..साल में एक बार तो होलिडेज मनाने का न सही पर घर जाने का हक तो हमें भी है.रोज़ की वही दिनचर्या…सुबह से शाम तक की चकार्धिन्नी …घर- बाहर के काम, बच्चे और फिर ये ब्लॉग…. ये भी तो लिखना होता है न…उस पर एक साल होते होते घर वालों कि यादें भी कचोटने लगती हैं ..तो हमारे लिए तो बहुत जरुरी हो जाता है साल में कम से कम एक बार आपनी मिट्टी को चख आयें ..ऊंट कि तरह प्यार- दुलार इकठ्ठा भर लायें मन की थैली में जो यहाँ रेगिस्तान में आगे का एक साल कुछ सुकून से निकल जाये…कुछ चाट -पकवान खा आयें कि ये कमबख्त जीभ कुछ रमा हो जाये फिर से यहाँ बेक्ड बीन्स और टोस्ट खाने के लिए.हालाँकि ये सारे अरमान निकलने के चक्कर में एक हफ्ता तो बीमारी में ही निकल जाता है ..पर फिर भी… अब ” दिल तो है दिल ..दिल का एतबार क्या कीजे…आ गया जो गोलगप्पों पे प्यार क्या कीजे..?
सो जी हम जा रहे हैं होलिडेज पर… और कहीं नहीं, अपने ही देश में, अपनों से मिलने .कुछ अपनी कहने .कुछ उनकी सुनने..हाँ आप लोगों को और अपने इस प्यारे ब्लॉग को मिस तो करेंगे थोडा सा..पर उम्मीद है आप लोग इसका ख्याल रखेंगे …और इसे भूलेंगे नहीं ..सो आप अभी तो चले जाइएगा… कब तक रहेंगे यहाँ ….( एक महीने तक थोड़े बैठे रहिएगा यहाँ ) पर फिर लौट के जरुर आइयेगा .हम जल्दी ही मिलेंगे ..एक छोटे से ब्रेक के बाद..
.Hey INDIA here I come………..….
शिखा ,
हाँलांकि ब्लोग्स पर तुम्हारी कमी खलेगी पर इस बात कि बहुत खुशी है कि तुम भारत आ रही हो , अपनो से मिलने…नयी उर्जा लेने…कुछ चाट-पकौड़ी से जुबां का स्वाद बदलने…
तुमको मेरी ढेर सी शुभकामनायें…मिलते हैं फिर….एक ब्रेक के बाद…
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हाय रे खुशनसीब…
क्या बात है !!!
मैं तो जल भुन के राख हो गयी….
जाओ जाओ मज़े करो….ब्लॉग को कुछ नहीं होगा नहीं कोई तुम्हें भूलेगा…तुम भी कोई भूलने की चीज़ हो भला…
All the very best ..
Bon Voyage !!!
aapko bhi ram ram yatra mangalmay ho..
milne kaa jugaad karenge….
bhai,ham to zaroor milenge aapse… kasam katrina kaif ki…hi hi hi ih hi
अहा तो बस अब उलटी गिनती शुरू हो गयी…:)..आ जाओ भई सारे ,नाते रिश्तेदार,पास पडोसी,दोस्ती-दोस्तिनियाँ,चाट,गोलगप्पे,लस्सी वाले पलक पांवड़े बिछाए बैठे हैं…..हम भी :).
will miss u allot no doubt about it
Whole Blog world is going to miss U
अपनी तो mixed feeling है….मिलने की ख़ुशी भी है..पर एक दिन को,ना…..साथ ही एक महीने की दूरी भी है
एन्जॉय करो….खूब घूमो,सबसे मिलो…और कम से कम 5 kg. वजन बढ़ा कर जाओ 🙂
शुभकामनाएं .. आपका इंतजार रहेगा !!
hey india here i come
hey shikha …india says ..welcome ..
आईये आपका स्वागत है जी …हम हूं न स्वागत द्वार पर …झाजी इंडिया गेट ..यानि दिल्ली में स्वागत है
अजय कुमार झा
पुरानी यादें अच्छी लगती ही है……
संगीता दी ! बस छोटा सा ब्रेक.
अदा जी! बहुत शुक्रिया मोरल सपोर्ट देने का.:)
शेफाली! – जुगाड़ तो लगाना ही होगा.:)
रश्मि ! I cant wait to see you …realy..
अजय जी ! स्वागत द्वार पर खड़े होने का शुक्रिया 🙂
हम तो अपने शेर ही सुनायेंगे आपको-
ये ज़मीं ये आसमां, ये चांद तारे गांव में
देखिये आकर कभी दिलकश नज़ारे गांव में
और हां, अपने वतन में भी है इंटरनेट की सुविधा.
अपनी मौजूदगी का अहसास ज़रूर कराते रहियेगा.
शुभ यात्रा |
शिखा जी,
एडवांस में प्रोग्राम बता दीजिए…रेड कारपेट और हेलीकॉप्टर का भी इंतज़ाम करना है न…
जय हिंद…
ऊंट कि तरह प्यार- दुलार इकठ्ठा भर लायें मन की थैली में जो यहाँ रेगिस्तान में आगे का एक साल कुछ सुकून से निकल जाये…कुछ चाट -पकवान खा आयें कि ये कमबख्त जीभ कुछ रमा हो जाये
बहुत बढ़िया बात कही शिखा जी..
ठीक है लेकिन ध्यान से चढ़ना उतरना.. जब प्लेन अच्छेसे रुक जाये तभी उतरिये चाधियेगा. अपना समनवा न साथ में ही रख्वे करियेगा काहे kee आज कल चोर उचक्के बहुत हैं दुनिया माँ.. और बटुए का विशेष ख्याल रखियगा. उहाँ पहुँच के फुनवा जरूर कर देना. और कोई कुछ खाने की चीज दे तो बिलकुल मत खाइएगा ई आजकल लोग बाग़ ज़हरखुरानी बहुते करे हैं.. अच्छा जी
अरे वाह!! एक महिने के लिए भारत..बढ़िया है घूम आईये. खूब एन्जॉय करिये और आकर ढेर सारी तस्वीरें और किस्से सुनाईयेगा. शुभ यात्रा!!
स्वागत है भारत में …
मगर दीपक की बात को ध्यान में जरुर रखियेगा …(कोई कुछ खाने की चीज दे तो बिलकुल मत खाइएगा ई आजकल लोग बाग़ ज़हरखुरानी बहुते करे हैं)
सुस्वागतम ,वैसे यहाँ रह कर भी व्यस्तता के बीच भी कभी-कभी माइक्रो पोस्ट तो लिख ही सकती हैं.
यात्रा की शुभकामनायें!
बहुत बहुत स्वागत है ……भारत की सर ज़मीं पर .
शुभकामनाएं .. आपका इंतजार रहेगा !!
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ढेर सारी शुभकामनायें.
संजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
शिखा जी, तो ये कहना था ना कि हम तो आ रहे हैं अपने गाम…अब हमें भले आपकी कमी खलेगी, पर आप तो अपनों से मिलेंगी, अपनी मिट्टी से मिलेंगी. खूब एन्ज्वॉय कीजिये.
भारत में आपका स्वागत है। आप यदि दिल्ली से आती हैं तो वहाँ बाहर निकलते ही आपको स्वागत का बोर्ड लगा दिखायी देगा, वो हम सब ब्लोगरों ने आपके लिए लगवा दिया है। बस एक मुस्कान फेंक दीजिए। मुम्बई में भी हमने व्यवस्था कर रखी है। बस आप तो बता दीजिए। गोल-गप्पों की दिल्ली में और आगरा में व्यवस्था की गयी है। आप यदि बर्फ के कारण धूप नहीं मिलने से परेशान हैं तो आप राजस्थान में इसका आनन्द ले सकती हैं। यहाँ चारों तरफ आनन्द ही आनन्द बिखरा पड़ा है, आप जहाँ चाहेंगी व्यवस्था हो जाएगी। आपका पुन: स्वागत।
आपकी भारत यात्रा की शुभकामनाएँ …. अपने वतन की खुश्बू का मज़ा कुछ और ही है …
aapke blog par akasmaat hi aanaa ho jaata hai .Bharat men aapka swagat hai.blog par aapki kami khalegi.abhi to apki puraani blog se hi kaam chal jaayegaa.bahut kuchh padnaa baaki hai.apne gaanv ki maati vatan ki khushabu or log aapki aane ki raah me palak paanwade bichhae bethe hai.
shikha ji,
watan ki mitti aapko khich laati hai har saal. apne desh se door rahna bahut kathin hai. aapke yaha aane ka apna ye desh bhi itnzaar kar raha, hum sabhi ko intzaar to hai hin. pichhle saal ki tarah is saal bhi milne ka kuchh intjaam kiya jaye. kuchh apni kahiyega, kuchh hamari suniyega, milkar hin jaiyega. dilli ke chhole bhatoore aur gol gappe bhi khush ho rahe sunkar ki aap aa rahi. swagat hai…aapki yaatra mangalmay ho.
क्या बात है। छुटियों में नानी घर जाना याद दिला दिया। छुटियों का पूरा आनंद लें। आकर एक बढ़िया पोस्ट लिखें।
स्वागत है आपका…….."
aap ke apane desh men ,sondhee mittee kee khushboo ke beech aap kaa bahut bahut swagat hai .
bahoot shoobhkamana
shikha jee ye kyaa baat huyee ham apakee taraf aaye hain aur aap hamare ghar jaa rahee hain kam se kam hamara intazaar to kiya hota? ham bhee milane kaa jugad fit kar lete. chalo koi baat nahin shubhakamanayen
Hi..
Palak panvade bichha ke baithe..
Ghar ke log hain Bharat main..
Apne jo kuchh door hain rahte..
En logon ke swagat main..
Suswagatam..
Aapka sapanon ke desh "Bharat" main hardik swagat hai..
Golgappon ka order place kar diya hai.. Jab khana chahen bata deejiyega.. Baki Bharat bhar ke blogger aur hum se pathak to hain hi har shahar aur har gaaon main aapka khairmakdam karne ke liye..
Shubhkamnaon sahit..
DEEPAK..
स्व.शैलेन्द्र जी ने ऐसे ही अवसर के लिए यह गीत तराशा था
'आंख हमारी मंजिल पर है
दिल में खुशी की मस्त लहर है
लाख लुभाएं महल पराए
अपना घर फिर अपना घर है'
पर आपको तो दोनों घर देखने हैं
स्वागत है—
अपने देश और घर की बात ही निराली है. खट्टी-मिट्ठी यादें जरुर शेयर कीजियेगा.
_________
"शब्द-शिखर" पर सुप्रीम कोर्ट में भी महिलाओं के लिए आरक्षण
अरे शिखा जी!
मुझे आश्चर्य है, आपसे पहले क्यों नहीं मुलाकात हुई। आप मास्को में रहीं, मास्को में पढ़ीं और मैंने आपके बारे में सुना तक नहीं। मैं बरेलीवाला हूँ और पिछले तीस साल से मास्को में हूँ। अब तो आपके ब्लॉग का नियमित पाठक भी बन जाऊंगा।
वैसे आपने कविता कोश देखा है क्या? न देखा हो तो अब देख लें। उसका पता है : kavitakosh.org
अरे शिखा जी!
मुझे आश्चर्य है, आपसे पहले क्यों नहीं मुलाकात हुई। आप मास्को में रहीं, मास्को में पढ़ीं और मैंने आपके बारे में सुना तक नहीं। मैं बरेलीवाला हूँ और पिछले तीस साल से मास्को में हूँ। अब तो आपके ब्लॉग का नियमित पाठक भी बन जाऊंगा।
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अनिल जनविजय
Kya baat hai! Abhi abhi hum bhi ghum ke aye baharat se…jee han hum bhi baahar hi rehte hain aur saal me kewal ekbaar hi jaane ka mauka milta hai…aapne jo bhi likha hai hubahu wahi jazbaat….wahi ehsasaat hamare mann me bhi machal rahe the…
Shubhkamnayein….aapko dher sari khushi mile…apno ka pyaar samet lijiye….bahut sara…ek saal isi par jeena hai!
Yatra mangalmay ho.Apni mitti ki khusbu mubarak ho.
सब मानियेगा लेकिन रश्मि जी की वह वज़न बढ़ाने की सलाह मत मानियेगा ।
Bahut Sundar……
Wah ! India ke kis shahar jaa raheen hain! Aapka aalekh padh aapse milneka man ho raha hai!
बहुत दिन बाद आपके ब्लॉग पे आया मैन, अभी तो शायद आप इंडिया में ही होंगी..उम्मीद है आपकी छुटियाँ अच्छी बीत रही होंगी और काफी यादगार रहेंगी
प्रशंसनीय ।
मजा आ गया
जितनी तारीफ़ की जाय कम है
सिलसिला जारी रखें
आपको पुनः बधाई
satguru-satykikhoj.blogspot.com
Kab lautengi? Ham intezaar karte hain!
क्षमा करे, शायद बडी लेट आया.. अबतलक तो आपकी वापसी भी हो चुकी होगी..
अरे अरे हमारी नमस्ते लेती जाये ओर सब को नमस्ते बोले… शुभयात्रा के लिये शुभकामनाये
Enjoy your vacations !!
इस देश में कोई आपका इन्तजार कर रहा है.. स्वागत है.
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What i do not understood is in truth how you’re not actually a lot more smartly-preferred than you might be right now. You are very intelligent. You already know therefore significantly in the case of this subject, made me in my opinion believe it from so many various angles. Its like men and women are not interested until it?¦s something to accomplish with Lady gaga! Your personal stuffs nice. At all times handle it up!