निशा नहीं शत्रु, बस सुलाने आती है, चली जाएगी हो कितना भी गहन अन्धेरा, उषा अपनी राह बनाएगी समय की डोर थाम तू, मन छोड़ दे बहती हवा में वायुवेग के संग सुगंध फिर, तेरा जी महकाएगी. कार्य नियत उसे उतना ही, है जितनी सामर्थ्य जिसकी गांडीव मिला अर्जुन को ही, बने कृष्ण उसके ही सारथी हर एक का जन्म…

शौर्य गाथाएँ – जैसा कि शीर्षक से ही अंदाजा हो जाता है कि यह संकलन वीरों के पराक्रम और त्याग की कहानियों से भरा होगा. यह संग्रह पिटारा है उन रणबांकुरों के जीवन की सच्ची कहानियों का, जो अपने घर – परिवार, सुख – सुविधाओं और यहाँ तक कि अपनी जान की भी तिलांजलि देकर डटे रहते हैं सीमा और रणक्षेत्रों पर कि उनके…