सुना है 21 दिसंबर को प्रलय आने वाली है ..पर क्या प्रलय आने में कुछ बाकी बचा है ?.भौतिकता इस कदर हावी है की मानवता गर्त में चली गई है, बची ही कहाँ है इंसानों की दुनिया जो ख़तम हो जाएगी।मन बहुत खराब है .. यूँ राहों पर कुलांचे भरती पल में दिखती पल में छुपती मृगनयनी वो दुग्ध.धवल सी चंचल चपल वो युव…

सुबह उठ कर खिड़की के परदे हटाये तो आसमान धुंधला सा लगा। सोचा आँखें ठीक से खुली नहीं हैं अँधेरा अभी छटा नहीं है इसलिए ठीक से दिखाई नहीं दे रहा। यहाँ कोई इतनी सुबह परदे नहीं हटाता पारदर्शी शीशों की खिड़कियाँ जो हैं। बाहर अँधेरा और घर के अन्दर उजाला हो तो सामने वाले को आपके घर के अन्दर का हाल साफ़ नजर आता…

हालाँकि प्रीव्यू देखकर लग रहा था की फिल्म ऐसी नहीं होगी जिसके लिए जेब हल्की की जाये। परन्तु यश चोपड़ा नाम ऐसा था कि, उनके द्वारा निर्देशित अंतिम फिल्म देखना अनिवार्य सा था। आखिरकार एक रविवार यश चोपड़ा को श्रद्धांजलि देने के तौर पर हमने “जब तक है जान” के नाम कर दिया। और जैसा कि अंदाजा लगाया था कि शाहरुख़ का क्रेज…

आँखों में ये खारा पानी कहाँ से आता है किस कैमिकल लोचे से यह होता है,सबसे पहले किसकी आँख में यह लोचा हुआ और क्यों ? और कब इसे एक इमोशन से जोड़ दिया गया,और कब एक स्त्रियोचित गुण बना दिया गया,यह सब हमें नहीं मालूम। हाँ इतना जरूर मालूम है कि, काफी समय से इस पर महिलाओं की मोनोपोली रही है। मर्दों के लिए यह…