कभी कभी फ़ोन के घंटी कितनी मधुर हो सकती है इसका अहसास कभी ना कभी हम सभी को होता है , मुझे भी हुआ जब सामने से आवाज़ आई ..शिखा जी , आपके संस्मरण को हाई कमीशन द्वारा घोषित लक्ष्मी मल्ल सिंघवी प्रकाशन अनुदान सम्मान दिया जायेगा. कृपया वक्त पर हाई कमीशन पहुँच जाएँ. लैटर आपको १-२ दिन मे मिल जाएगा ...शब्द जैसे कानो में मिश्री की तरह घुल रहे थे और जबान तालू से चिपकी जा रही थी बड़ी मुश्किल से जी जरुर .बहुत – बहुत शुक्रिया कहा और फ़ोन बंद हो गया. उसके बाद बहुत देर तक स्तब्ध सी बैठी रही .
कहाँ सोचा था कि ब्लॉग पर अपनी यादों को साझा करते करते यहाँ तक पहुँच जाउंगी . यूँ ही कुछ स्मरण लिखने शुरू किये थे . आप सभी ने इतना प्रोत्साहित किया कि एक के बाद एक कड़ी लिखती चली गई .फिर कुछ मित्रों ने कहना शुरू कर दिया इसे विस्तार दो और पुस्तक छपवाओ . बात हास्यप्रद थी और हंसी में ही मैंने टाल दी परन्तु मन के किसी कोने में इच्छा जन्म लेने लगी थी कि कोशिश करते हैं शायद ….
कहते हैं जब किसी भी चीज़ को आप दिल से चाहो तो साधन अपने आप बन जाते हैं . इसी दौरान एक दिन ब्लॉग पर एक कड़ी पढ़कर प्राण शर्मा जी ने मुझे चैट पर कहा कि आप इसे पुस्तक का रूप देना चाहती हैं तो लिखकर हाई कमीशन भेजिए . वह हर साल चयनित एक पुस्तक के प्रकाशन के लिए अनुदान और सम्मान देते हैं . मैंने उन्हें हंस कर कहा पहले तो मुझे यह सब पता ही नहीं है दूसरा वहां इतने बड़े लोगों की रचनाएं आती होंगी मुझे कहाँ स्थान मिलेगा..
वह कहने लगे आपका लेखन सुयोग्य है . कोशिश करिए. उन्होंने कुछ सूचनाएँ भी भेजीं तो मैंने यह सोच कर कि भेजने में क्या जाता है एक पाण्डुलिपि भेज दी और भूल गई , क्योंकि पता लगा था कि मुझसे पहले वहां और भी पुस्तके विचारणार्थ हैं और वे सब साहित्यकार हैं और मुझसे तो बेहतर ही लिखते होंगे , मुझे कहाँ मिलेगा.परन्तु शायद यह मेरे लेखन के शुभचिंतकों और उनकी शुभकामनाओं का ही नतीजा था जो यह फैसला मेरे हक़ में हुआ और मेरे संस्मरण को अनुदान हेतु चुना गया.मुझे फिर भी यकीन नहीं आ रहा था और मैं उस लैटर का इंतज़ार कर रही थी :). वह आया जिसमें लिखा था कि इस अवसर पर हिंदी साहित्य के अलग अलग क्षेत्र में एक शिक्षक, एक मिडिया कर्मी , एक स्वयंसेवी संस्था और एक लेखक को सम्मानित किया जाता है और इसी के तहत आपके संस्मरण के लिए यह अनुदान आपको ससम्मान प्रदान किया जायेगा. .
अब मेरे पैर जमीं पर नहीं पड़ रहे थे . आप में से बहुत से लोग हो सकता है यह सोच रहे हो कि अनुदान ही तो है अवार्ड थोड़े ना है जो इतना खुश हो रही है . परन्तु अपने लिखे पर इतने स्थापित साहित्यकारों के बीच उनके समान सम्मान और सराहना पाना मेरे लिए तो किसी अवार्ड से कम नहीं था.
आखिर वो दिन भी आ गया . सही वक़्त पर हम समारोह स्थल पर पहुँच गए जहाँ बड़े ही सम्मान के साथ हमें आरक्षित प्रथम पंक्ति में बैठाया गया और फिर माननीय उच्चायुक्त महोदय ने सभी को एक एक करके सम्मानित किया और बाद में सभी को २ शब्द भी कहने को कहा गया . अब इतने दिग्गजों के बीच हमारे मुँह से क्या निकला होगा यह तो आप समझ सकते हैं 🙂 परन्तु मेरी पुस्तक को पुरस्कार स्वरुप जो यह अनुदान मिला है उसके लिए मैं हाई कमीशन की तो तहे दिल से आभारी हूँ . लेकिन इसका श्रेय जाता है आप सब को. मेरे उन सभी पाठकों को जिन्होंने अपनी प्रतिक्रियाओं से मुझे निरंतर इतना लिखने का हौसला दिया है . हो सकता है मैं इस काबिल ना हूँ पर मैं अपने इस पुरस्कार रुपी अनुदान से बहुत खुश हूँ और मेरी इस ख़ुशी के जिम्मेदार आप सब हैं.
यह पुस्तक लगभग पूरी हो चुकी है और भगवान ने चाहा तो इस वर्ष के अंत तक आपके हाथों में होगी.
अपनी शुभकामनाएं और स्नेह बनाये रखियेगा.
बहुत बहुत धन्यवाद आप सबका.
देखिये समारोह के कुछ चित्र.
पहली बधाई दर्ज़ की जाती है
अंकुर को मिठाई खिला दीजिये
हार्दिक शुभकामनाएं
badhaai ho ,badhaai ho ,badhaai ho badhaai ho badhaai ho
आप को बहुत बहुत बधाई जी, अगर हम इस बार लन्डन आये तो मिठ्ठाई जरुर खायेगे,हमरी मिठ्ठाई के पैसे अलग से रख दे, बहुत अच्छा लगा, धन्यवाद
आज मैं ऊपर आसमां नीचे.. – हाँ जी वो तो जाहिर सी बात है… वो गाना भी याद आ रहा है – "आज कल पांव ज़मीन पे नहीं पड़ते मेरे…" 😀
वैसे कमीशन का नाम पहला बार सुना था तो मैंने कुछ और समझा था..याद है न आपको 😛
एनीवे,
किताब का इंतज़ार है अब मुझे… 🙂
Raat ka 1baj raha hai…aapkee post kee ssochana milee aur,log off karneka khayal soch,udhar ghoom gayee!…..Aur kya badhiya khabar padhne milee!
Badhayi,badhayi,badhayi!Zore qalam aur ziyada!Aapke lekhanme haihi aisi kashish!
बहुत बहुत बधाई,,,बढ़्ते चलो..मिठाई का इन्तजाम क्या है?
बहुत बहुत मुबारक हो शिखा जी ,ख़ुदा करे आप इसी तरह कामयाबी की बलंदियों को छूती रहें
सच में यह खुशी बहुत बढ़कर है, उससे ज्यादा खुशी कि आप हम पाठकों से भी साझा कर रही हैं. क्यूंकि हमें तो बैठे-बैठे उस खुशी का थोडा सा अहसास हो रहा है न! just kidding!
बहुत बहुत बधाई आपको! और अपनी लेखनी पर शक मत कीजिये, हम पाठकों का भरोसा कम कर देगी आप तो! हे हे
आप इससे भी आगे जाएँ , यही दुआ है मेरी. इस आसमां से भी आगे……
YAH AAPKE LEKHAN KAA KAMAAL HAI
KI AAPKEE PANDULIPI PURASKRIT HUEE
HAI . AAP SHIKHA HAIN AUR AAPKO
SHIKHA TAK PAHUNCHNA HAIN . BAHUT
PURASKAAR AAPKEE JHOLEE MEIN PADENGE . BADHAAEE AUR SHUBH KAMNA.
bahut bahut badhaai aapko……….!
@ अभि ! लोग पता नहीं क्या क्या समझ लेते हैं 🙂 सब अपनों अपनी अक्ल और सोच पर निर्भर करता है 😀 :):)
Badhaai, badhaai dheron badhaai…
शिखा जी!
आपको बहुत-बहुत बधाई!
बहुत बधाई…
अब किताब का भी इन्तजार रहेगा !
@ लेकिन इसका श्रेय जाता है आप सब को. मेरे उन सभी पाठकों को जिन्होंने अपनी प्रतिक्रियाओं से मुझे निरंतर इतना लिखने का हौसला दिया है .
— तो अपनी पीठ हम भी ठोक ही लें
(ओके..!)
पुस्तक का बेसब्री से इंतज़ार।
… ब्लॉग-जगत को न सिर्फ़ आपने गर्व प्रदान किया है बल्कि उन सबको, जो यह कहते हैं कि यहां कूड़ा-कचड़, व्यक्तिगत डायरी, झगड़ा-फ़साद के सिवा कुछ नहीं होता, आपने संदेश किया है कि देखो चुपचाप अपना कर्म किए जा, पहचान तो मिलेगी ही। यह वह विधा है, जिसे लोग सीरियसली महत्त्व दे रहे हैं।
और ये पुस्तक जब आएगी तब उन लोगों से एक बार फिर पूछा जाएगा कि ब्लॉगिंग “बंदर के हाथ में उस्तरा ही है?”
@ आपने संदेश किया है
किया=दिया
shikha ji bahut bahut badhai .
बधाई हो जी इस सम्मानीय सम्मान के लिए . जहाँ तक मै सोच सकता हूँ अनुदान तो किसी लेखक को ही देते होंगे ना उच्चायोग वाले या किसी भी काले चोर को दे देंगे ? उन्होंने आपकी योग्यता और आपकी लेखनी पर जो उच्च गुणवत्ता लिए है को सम्मानित किया हमे गर्व है आपकी इस उपलब्धि पर .. पुस्तक का इंतजार रहेगा .
शिखा जी!
आपको बहुत-बहुत बधाई!
शिखा जी,
बहुत बहुत बधाई
आप को बहुत बहुत बधाई जी.
विलायत में भारत और हिंदी का मान बढ़ाने के लिए बहुत बहुत बधाई…
जय हिंद…
सम्मान के लिए आपको बहुत मुबारक.
आपके पाठक भी खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं.
aaj padhaa
achchhaa lagaa
badhaaii aapko
shubh kaamnaaye
आपकी इस ख़ुशी में कितना खुश हूँ यह तो मैं बता ही नहीं सकता… अब कैसे बताऊँ.?… बस! यह समझ लीजिये… कि ख़ुश से भी ज्यादा ख़ुश हूँ…. ओफ़ ! फ़ो……… अब ………अब आप समझ जाइये न…
आपकी इस ख़ुशी में कितना खुश हूँ यह तो मैं बता ही नहीं सकता… अब कैसे बताऊँ.?… बस! यह समझ लीजिये… कि ख़ुश से भी ज्यादा ख़ुश हूँ…. ओफ़ ! फ़ो……… अब ………अब आप समझ जाइये न…
बहुत बहुत बधाई हो, आपने ब्लॉग जगत को गौरवान्वित होने का एक और कारण दिया है।
मैं तो उसी दिन से गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूँ, जब से आपने यह खबर दी थी… बधाई वधाई तो हम देने से रहे.. जब तक मिठाई न मिले.. एक हाथ दे एक हाथ ले..
चलिए पांवों को ज़मीन पर और हाथों को की बोर्ड पर उतारिये, किताब पूरी करिये!
बधाई!!! (दे ही देते है).
नहीं जी हम इसे छोटी मोटी चीज नहीं समझ रहे है हमें पता है की ये काफी बड़ा सम्मान है और आप की ख़ुशी का अंदाजा भी है और आप को ये सम्मान मिलने से हम जैसो का भी हौसला बढ़ रहा है और हमें भी और अच्छा लिखने की प्रेरणा मिल रही है | अब लग रहा है की दुनिया हिंदी ब्लॉग जगत के महत्व को समझ रही है | आप को ढेरो बधाईया |
शिखा ,
जिनके पास हुनर के साथ हौसला होता है वही अपना विस्तृत आकाश पाते हैं ..
अब भले ही कोई इस सम्मान को खाली अनुदान ही समझे ..अनुदान पाना भी सबको नसीब नहीं होता ..यह तुम्हारे लेखन का कमाल है जो तुम्हारी पुस्तक की पाण्डुलिपि को चुना गया ..मेरे हिसाब से तो यह किसी पुरस्कार से कम नहीं …और इस सम्मान से तुम्हारे साथ हम भी गौरव का अनुभव कर रहे हैं ..आखिर नियमित पाठक जो हैं 🙂 मनोज जी की तरह हम भी अपनी पीठ ठोक लेते हैं :):)
अब इंतज़ार है तुम्हारे लिखे संस्मरण को पुस्तक के रूप में देखने का …
बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई
बहुत बहुत बधाई….
बहुत बड़ी खुशखबरी है ये…
पूरे ब्लॉग जगत के लिए गर्व की बात है..असीम शुभकामनाएं
बहुत बहुत बधाई… वाकई मे आपने ब्लॉग का नाम रौशन किया है… कल चर्चामंच पर आपकी पोस्ट होगी… आप वहाँ आ कर अपने विचारों से कृतार्थ करेंगे ..
बहुत बहुत बधाई
अब किताब का इंतज़ार है अब
वाह वाह के कहे आपके शब्दों के बारे में जीतन कहे उतन कम ही है | अति सुन्दर
बहुत बहुत धन्यवाद् आपको असी पोस्ट करने के लिए
कभी फुरसत मिले तो मेरे बलों पे आये
दिनेश पारीक
आपकी इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई के साथ शुभकामनाएं ।।
वाकई और लाजबाव . बहुत बहुत बधाई अरे हम भी खुश है कि हमारी प्रिय को इतना सम्मान मिला. बस इसी तरह से आसमान पैरों तले रौदती चलो .
बहुत ही सुन्दर एवं सार्थक लेखन ….
सम्मान के लिए बहुत बहुत बधाई आपको!
रंगपंचमी की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ…
हार्दिक बधाइयां और शुभकामनायें……………अब हमारी मिठाई कहाँ है ? बहुत ही अच्छा लगा पढकर , देखकर …………बहुत खुशी हुयी……………बस इसी प्रकार तरक्की के सोपान चढती जाओ और हमे रोज़ नयी किताबे पढने को मिले मिठाई के साथ और पार्टी भी चाहिये।
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
रामारम.
शिखा जी ,
बहुत शुभ समाचार सुनाया आपने । आपकी ख़ुशी में शामिल हूँ । ढेरों बधाइयाँ ।
किसी ने बताया क्या आपको कि सफ़ेद रंग कितना फब रहा है ! 🙂
बधाई स्वीकारें.
BAHUT BAHUT BADHAI..
congrats
congrats
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crore crore
congrats
feeling happy
aaj tu aage , hum bhi hain piche
ह्रदय गद गद है आपकी इस उपलब्धि पर ….पुस्तक आने का इन्तजार है …आप यूँ ही उपलब्धियां हासिल करते रहें और जगत में नाम रोशन करते रहें …आपका आभार इस ख़ुशी को हम सब के साथ साँझा करने लिए ..पुनः बधाई
बहुत बहुत बधाई
Dear Sae hi sahi..
meri badhai bhi swikare..
bahut bahut badhaiyan..
शिखाजी,
आपको इस महत्वपूर्ण सम्मान के लिए बधाई.
जानती है आप… यह पुरस्कार आपको क्यों मिला….. इसलिए कि आप बहुत से अच्छे लोगों की दुआओं में शामिल है.
आपको अभी बड़ा पुरस्कार भी मिलेगा देखते चलिए.
ये तो होना ही था. बधाईईई हो. किसी अपने की क़ामयाबी पर दिल कितना खुश होता है ये बताया जा सकता है क्या? अनन्त शुभकामनायें.
शिखा जी , अनुदान और सम्मान की बहुत बहुत बधाई ।
बडी खुशी की बात है, बधाई!
वाह! बहुत-बहुत बधाई! मिठाई का तकाजा हम नही कर रहे हैं क्योंकि हमें पता है कि आप इत्ती दूर से तो मिठाई खिलाने से रहीं। अधिक से अधिक आप मिलने पर खिलाने का वायदा कर सकती हैं। मिठाई तो हम अपने आप खा ले रहे हैं और आपको शुक्रिया कह दे रहे हैं।
प्राण शर्मा जी ने यह काम अच्छा किया कि आपको हड़का दिया और आपने अपनी संस्मरण किताब की पांडुलिपि जमा कर दी। अब किताब छपने का इंतजार है।
आपके संस्मरण वाकई अच्छे हैं! उनमें एक काबिले गौर बात यह है कि आपने जो संस्मरण लिखे उनमें लंदन या रूस के वे पहलू भी दिखाये जिनको देखकर एहसास हुआ कि वहां भी सब हरा-हरा ही नहीं है।
उन साथियों के नाम भी लिख दीजिये जिन्होंने आपको संस्मरण लिखने के लिये उकसाया और आपको अनुदान मिला। कौन कागज खर्चा होना है जी!
हमारा यह कहने का मतलन नहीं है कि आप उकसाने/प्रोत्साहित करने वालों में हमारा नाम लिखें। हम आपके संस्मरण लेखन के प्रंशसक हैं। लेकिन प्रोत्साहित हम आपको कविता लिखने के लिये करते हैं। जब कविताओं की किताब छपे तब आप बेशक प्रोत्साहित करने वालों में हमारा नाम दे सकती हैं। हम उसका बुरा नहीं मानेंगे। 🙂
एक बार फ़िर से बधाई! आगे के लिये मंगलकामनायें। आखिर आसमां (सितारों) के ऊपर(आगे) जहां और भी हैं।
बधाई हो,अब किताब की छपाई हो, सबके लिए मिठाई हो और फिर किताब की पढ़वाई हो।
*
बहुत बहुत शुभकामनाएं। सचमुच हम कई बार जिन बातों और जिस लेखन को किसी काम का नहीं समझते हैं,वही असली खजाना होता है। इसीलिए कहा गया कि हीरे की परख जौहरी ही जानते हैं।
ओये होये…………………………… !!
लख लख बधाईयाँ ,दी ! अपन तो पुस्तक और मिठाई के डब्बे के पार्सल के इन्तज़ार में बको-ध्यान लगा के बैठे हैं। 🙂
dhero badhai…:)
aaj tum upar aasman neeche…aur uss asma ke neeche ham….:)
neehar rahe hain…tumhari unchai ko:D
Sheekha ji
bahut bahut badhai..isi tarah jeevan main aage badhte rahe.
yehi kamna hain hamari.
आप सभी की शुभकामनाओं का तहे दिल से शुक्रिया.
@ अनूप शुक्ल ! उन साथियों का आभार हम लिखित रूप से बहुत पहले ही कर चुके हैं जिन्होंने संस्मरण लिखने के लिए उकसाया.बार बार एक ही बात कहने से उसका महत्व कम हो जाता है ..है ना.?:) .
रही बात कविता की तो फिकर मत कीजिये यदि कभी कविता की पुस्तक छपी तो आपके नाम आभार सर्वोपरि होगा 🙂 :).
बधाई और शुभकामनाओं का बहुत शुक्रिया 🙂
वाह, क्या बात है! बहुत-2 बधाई.
आप जैसे लोगों की रचनाओं से ही हिंदी ब्लोगिंग को गंभीरता मिल रही है.. प्रतिष्ठा मिल रही है…. मुख्यधारा के साहित्य के समकक्ष ब्लॉग भी खड़ा हो पा रहा है… बहुत बहुत बधाई आपकी इस उपलब्धि के लिए… पुस्तक को पी डी ऍफ़ फार्मेट में ब्लॉग पर भी प्रकाशित कीजियेगा…
dheron badhaiyan, yun hi din duni raat chaugni tarakki pate raho…
i m really proude to be your friend.
khabar sun kar maja aa gaya,
kitab chhapwao jaldi se!
eagerly w8ing !
many congratulations once more!
@ अनूप शुक्ल ! उन साथियों का आभार हम लिखित रूप से बहुत पहले ही कर चुके हैं जिन्होंने संस्मरण लिखने के लिए उकसाया.बार बार एक ही बात कहने से उसका महत्व कम हो जाता है ..है ना.?:) .
शिखाजी, आपने चूंकि अपनी बात कहने के बाद इस बारे में मेरी भी राय जानना चाही है तो मैं यह कहना चाहूंगा कि मेरी समझ में बार-बार आभार व्यक्त करने से उसका महत्व कम नहीं होता बल्कि मामला ज्यादा बढ़ ही जाता है।
अब देखिये अमिताभ बच्चन जी बार-बार अपने बाबूजी की तारीफ़ करते हैं इससे उनकी ही छवि अच्छी बनती है कि देखो कितने संस्कारवान हैं अमिताभ जी।
और किसी का तो पता नहीं लेकिन मैं जब भी कहीं ब्लागिंग की बात करता हूं तो अपने ब्लाग शुरु करने के कारण के रूप में रविरतलामी जी का ब्लाग और अपने पुराने साथियों देबाशीष, जीतेन्द्र, पंकज नरुला, आलोक कुमार आदि मित्रों के साथ अपने ई-स्वामी को याद जरूर याद कर लेते हैं।
इसी संस्कारी भाव के चलते देखिये हम समीरलाल की भले ही कितनी खिंचाईं करें लेकिन समीरलाल जब भी कोई मौका आता है तो यह बताने से नहीं चूकते कि उन्होंने गद्य लेखन हमारे ही उकसाने पर शुरु किया।
इससे किसी अच्छा लगे न लगे लेकिन हमारी भी बचत होती है। अगर कहीं कुछ ऊंच-नीच हुई तो कहने को रहेगा- इन लोगों की संगत के चलते ऐसा हो गया वर्ना हम तो भले इंसान थे।
वैसे यह अपनी-अपनी पसंद और रुचि का मामला है| आपने चूंकि पूछा तो मैंने बता दिया। बाकी आपका कहना अपनी जगह सही है! हमारा बताना अपनी जगह! ठीक है ना?
बहुत बहुत बधाई…
शिखा ,आप अनूप जी का इशारा नहीं समझ पा रही हैं ,एक थेंक्स तो कह ही सकती है उनको ,उनका भी मन रह जायेगा |
अनूप जी !एकदम सही कहा आपने .आप तो महान हैं.और हम अदना से इंसान…आज तक न जाने कितनो ने अमूल्य सलाह दी है.और उसी कि बदोलत आज ब्लॉग पर भी हैं.सबका बार बार आभार ही करती रही तो और कुछ लिख ही नई पाऊँगी .ऐसा करिये हमारी तरफ से भी यह काम भी आप ही कर डालिए:)
congratts.
itz bigning
शिखाजी,
आपने तो बाउंसर फ़ेंक दिया। हमारे पास डक करने के सिवा कोई चारा नहीं है। आपने तो रास्ता बताओ तो आगे चलो के नियम के तहत हमारी सलाह मानने का काम हमें ही सौंप दिया। बहुत खूब। 🙂
आवेश जी, आपकी बात सही नहीं है। हमारा ऐसा कोई संकेत नहीं है कि शिखाजी हमें धन्यवाद दें। शुक्रिया हमने कविताओं वाली किताब के रिजर्व रखा लिया है। आशा है वो वाला शुक्रिया जल्द ही मिलेगा। 🙂
शिखाजी
आपको ह्रदय से बहुत बहुत बधाई आप लिखती रहे मंजिले अपने आप मिल जाएगी |
शुभकामनाये |
शिखाजी, आपको ढेर सारी बधाई। मैंने 23 तारीख के बाद आज ही ब्लाग ओपन किया है और सबसे पहले आपके ब्लाग को ही देखा और यह शुभ समाचार मिला। मैं तो आपकी पहले से ही प्रशंसक हूँ, बस ऐसे ही लिखती रहें, भविष्य सुंदर है।
बधाई बधाई … बहुत हो बधाई … आप लिखता ही इतना अच्छी हो की सम्मान तो मिलना ही था ….
बहुत खुशी हुई हमें भी …
हार्दिक शुभकामनायें जी ….बहुत-बहुत बधाई हो !!!!
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