आलेख

आज भी, जब भी विदेशी मीडिया में हिन्दुस्तान का जिक्र होता है तो उसमें सांप भालू का नाच दिखाते लोग, मूर्तियों को दूध पिलाते लोग दिखाए जाते हैं, भारत को किस्से कहानियों का, तमाशबीनों का देश समझा जाता है जिसके नागरिक किवदंतियों और चमत्कारिक कहानियों को अपना इतिहास बताते हैं. जी हाँ, बरसों से सुनते आये हैं कि हम भारतीय बेबकूफ…

हे नारी तू हड़प्पा है… अब आप सोच रहे होंगे कि भाई, नारी का हड़प्पा से क्या सम्बन्ध ? तो जी ! जैसे हड़प्पा की खुदाई चल रही है सदियों से, रोज़ नए नतीजे निकाले जाते, हैं फिर उन्हें अपने शब्दों में ढाल इतिहास बना दिया जाता है … ऐसे ही बेचारी नारी है- खुदाई दर खुदाई हो रही है…

{New Observer Post Hindi Daily 28th nov.2009 (online edition )में प्रकाशित.} एक जमाना था जब पत्रमित्रता जोरों पर थी.देश विदेश में मित्र बनाये जाते थे, उसे ज्ञान बाँटने का और पाने का एक जरिया तो समझा ही जाता था, बहुत से तथाकथित रिश्ते भी बन जाया करते थे।और कभी कभी ब्लेक मैलिंग का सामान भी . आज यही काम इंटर…

आज कुछ पल सुकून के मिले थे शुक्रवार था .सप्ताहांत शुरू हो चुका था ,फुर्सत के क्षण थे तो यादों के झरोखे खुल गए और कुछ खट्टे मीठे पल याद आते ही जहाँ होठों पर मुस्कराहट आई वहीँ मन में एक सवाल हिल्लोरे लेने लगा… सोचा आपलोगों से बाँट लूं शायद जबाब मिल जाये. हुआ यूँ कि एक बार एक…