गद्य

सुना है, लिखने वाले रोज नियम से २- ४ घंटे बैठते हैं। लिखना शुरू करते हैं तो लिखते ही चले जाते हैं। मैं आजतक नहीं समझ पाई कि उनके विचारों पर उनका इतना नियंत्रण कैसे रहता है। मैं तो यदि सोच कर बैठूं कि लिखना है तो दो पंक्तियाँ न लिखीं जाएँ . मेरे विचारों की आवाजाही तो जिन्दगी और मौत की…

पिछले दिनों एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक एक 16 साल के लड़के को 15 हूडी लड़कों ने चाकू से गोदकर बेरहमी से सरे आम सड़क  पर मार डाला . वह बच्चा छोड़ दो  , ऐसा मत करो की गुहार लगाता रहा और वे उसे चाकू से मारते रहे। यह इस साल का लन्दन में होने वाला पहला नाबालिक लड़के का खून है , जबकि पिछले साल 17 वर्षीय एक…

इंसान अगर स्वभाववश कोमल ह्रदय हो तो वह आदतन ऊपर से एक कठोर कवच पहन लेता है। कि उसके नरम और विनम्र स्वभाव का कोई नाजायज फायदा न उठा सके। ज्यादातर आजकल की दुनिया में कुछ ऐसा ही देखा जाता है. विनम्रता को लोग कमजोरी समझ लिया करते हैं। जैसे अगर कोई विनम्रता और सरलता से अपनी गलतियां या कमजोरियां स्वीकार ले तो हर…

यदि विदेशी धरती पर उतरते ही मूलभूत जानकारियों के लिए कोई आपसे कहे कि पुस्तकालय चले जाइए तो आप क्या सोचेंगे? यही न कि पुस्तकालय तो किताबें और पत्र पत्रिकाएं पढ़ने की जगह होती है, वहां भला प्रशासन व सुविधाओं से जुड़ी जानकारियां कैसे मिलेंगी। यह बात शत प्रतिशत सच है। खासकर इंग्लैंड में। यहां आपको बेशक घर ढूंढ़ना हो,…

कुछ ताज़ी हवा के लिए खिड़की खोली तो ठंडी हवा के साथ तेज कर्कश सी आवाजें भी आईं, ठण्ड के थपेड़े  झेलते हुए झाँक कर देखा तो घर के सामने वाले पेड़ की छटाई हो रही थी।एक कर्मचारी सीढियाँ लगा कर पेड़ पर चढ़ा हुआ था और इलेक्ट्रिक आरी से फटाफट टहनियां काट रहा था, दूसरा ,थोड़ी दूरी पर ही ट्रक के साथ रखी मशीन…

 हम बचपन से सुनते आये हैं ” डर के आगे जीत है ” , जो डर गया समझो मर गया ” वगैरह वगैरह। परन्तु सचाई एक यह भी है कि कुछ भी हो, व्यवस्था और सुकून बनाये रखने के लिए डर बेहद जरूरी है। घर हो या समाज जब तक डर नहीं होता कोई भी व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चल सकती।…

अपनी स्कॉटलैंड यात्रा के दौरान एडिनबरा के एक महल को दिखाते हुए वहां की एक गाइड ने हमें बताया कि उस समय मल विसर्जन की वहां क्या व्यवस्था थी। महल में रहने वाले राजसी लोगों के पलंग के नीचे एक बड़ा सा कटोरा रखा होता था। जिसमें वह नित मल त्याग करते थे और फिर उसे सेवक ले जाकर झरोखों / खिडकियों से नीचे…

सुबह उठ कर खिड़की के परदे हटाये तो आसमान धुंधला सा लगा। सोचा आँखें ठीक से खुली नहीं हैं अँधेरा अभी छटा नहीं है इसलिए ठीक से दिखाई नहीं दे रहा। यहाँ कोई इतनी सुबह परदे नहीं हटाता पारदर्शी शीशों की खिड़कियाँ जो हैं। बाहर अँधेरा और घर के अन्दर उजाला हो तो सामने वाले को आपके घर के अन्दर का हाल साफ़ नजर आता…

आँखों में ये खारा पानी कहाँ से आता है किस कैमिकल लोचे से यह होता है,सबसे पहले किसकी आँख में यह लोचा हुआ और क्यों ? और कब इसे एक इमोशन से जोड़ दिया गया,और कब एक स्त्रियोचित गुण बना दिया गया,यह सब हमें नहीं मालूम। हाँ इतना जरूर मालूम है कि, काफी समय से इस पर महिलाओं की मोनोपोली रही है। मर्दों के लिए यह…

बोर हो गए लिखते पढ़ते आओ कर लें अब कुछ बातें कुछ देश की, कुछ विदेश की हलकी फुलकी सी मुलाकातें। जो आ जाये पसंद आपको तो बजा देना कुछ ताली पसंद न आये तो भी भैया न देना कृपया तुम गाली। एक इशारा भर ही होगा बस टिप्पणी बक्से में काफी जिससे अगली बार न करें हम ऐसी कोई  गुस्ताखी। तो…