हमारे देश में ९० % लोग अपनी आजीविका से संतुष्ट नहीं हैं, उनकी क्षमता और कौशल कुछ और होते हैं, वह कोशिश व काम किसी और के लिए करते हैं और बन कुछ और ही जाते हैं. नतीजा यह होता है कि वे अपने काम से झुंझलाए रहते हैं और इस मजबूरी में अपनाये अपने आजीविका के साधन के लिए किसी न किसी…
हमारे देश में सैक्स और संस्कृति दो शब्द ऐसे हैं जिन पर जब चाहे हंगामा करा लो. एक जुबान से निकला नहीं कि हंगामा और दूसरा न निकले तो हंगामा। हमें बच्चों के सामने सैक्स से सम्बंधित माँ बहन की गाली देने से परहेज नहीं है, खजुराहो, कोणार्क की मूर्ति कला देखने- दिखाने से परहेज नहीं है परन्तु बच्चों को उनके…









