लन्दन की बारिश का यूँ तो कभी कोई भरोसा नहीं, और लन्दन वासियों की इसकी खासी आदत भी है।परन्तु कभी कभी जब किसी खास आयोजन में जाना हो यह मोहतरमा बिना किसी पूर्व सूचना के आ धमकें तो बहुत ही खला करती हैं।ऐसा ही कुछ हुआ 19अक्तूबर की शाम को जब हमें “एशियन कम्युनिटी ऑफ़ आर्ट्स” द्वारा प्रसिद्ध कथाकार तेजेंद्र शर्मा के लेखन के माध्यम से “ब्रिटिश हिंदी साहित्य“को मनाये जाने वाले एक आयोजन में जाना था। तेजेंद्र शर्मा पिछले 35 साल से हिंदी और अंग्रेजी में लिख रहे हैं और अब तक उनके 7 कहानी संग्रह, एक कविता,ग़ज़ल संग्रह, 2 ग़ज़लों की सी डी के प्रकाशन के अलावा कई अन्य भाषाओं में इनकी रचनाओं का अनुवाद हो चूका है।
बारिश खासी तेज थी और एक अकस्मात् काम और पड़ा था। एक बार को लगा कि अपनी अनुपस्थिति के लिए उनसे माफी मांग लें। परन्तु तेजेंद्र शर्मा जी अपने मेहमानों को ऐसे अनुग्रह से आमंत्रित करते हैं कि मना करने की न हिम्मत होती है न ही मन होता है।अत: किसी तरह सब व्यवस्था करके हम नेहरु सेंटर पहुँच गए जहाँ यह आयोजन होना था और मंच डॉ निखिल कैशिक ने संभाला हुआ था।
औपचारिकताओं के बाद तेजेंद्र शर्मा जी की 8 ग़ज़लों का म्यूज़िक सी.डी. (गायिका – राधिका चोपड़ा) – रास्ते ख़ामोश हैं और तेजेन्द्र शर्मा के नये कहानी संग्रह (दीवार में रास्ता – वाणी प्रकाशन), 13 साक्षात्कारों के संकलन (बातें– शिवना प्रकाशन), तेजेन्द्र शर्मा पर 25 आलोचनात्मक लेखों का संकलन (हिन्दी की वैश्विक कहानी – अयन प्रकाशन), रचना समय विशेषांक – तेजेन्द्र शर्मा की 12 कहानियां) नामक चार पुस्तकों का विमोचन हुआ .
चित्र में बाएं से – काउंसलर सुनील चोपड़ा, सुनील धामी, कैलाश बुधवार, विभाकर बख़्शी, हरि भटनागर, के.सी. मोहन, संगीता बहादुर, ज़किया ज़ुबैरी, तेजेन्द्र शर्मा, साथी लुधियानवी।
कार्यक्रम बेहद रोचक था और उसके कई आकर्षक पहलू थे।जिसमें से एक था भोपाल के मंच कलाकार आलोक गच्छ द्वारा तेजेंद्र जी की कहानी “एक ही रंग” का नाट्य मंचन। करीब आधे घंटे बिना रुके अकेले अलोक गच्छ ने जिस तरह दर्शकों को बांधे रखा वह अतुलनीय था।
तेजेंद्र शर्मा कहानीकार होने के साथ साथ एक गजलकार, संचालक, फिल्मकार और भी न जाने कौन कौन से कलाकार हैं और सभी जिम्मेदारियां बहुत ही उत्साह से लेते और निभाते हैं .यह बात वहां कैलाश बुधवार, हरि भटनागर, ज़किया ज़ुबैरी आदि सभी वक्ताओं ने अपने अपने वक्तव्य में कही।कैलाश बुधवार ने तो यहाँ तक कहा कि “तेजेंद्र शर्मा ऐसे स्टार साहित्यकार हैं कि आने वाले समय में अगर कोई घूमने लन्दन आएगा तो बाकी दर्शनीय स्थलों के साथ ही तेजेंद्र को भी देखने की ख्वाइश रखेगा”।
इस बात में कोई दो राय नहीं कि वाकई हिंदी साहित्यकारों की एक परिष्कृत सी छवि से इतर तेजेंद्र शर्मा ने हिंदी को एक अलग रूप में आम इंसान की भाषा और उसके साहित्य के रूप में लाने में योगदान दिया है। 60 वर्ष की अवस्था में उनकी ऊर्जा, सकारात्मक नज़रिया और चीजों को देखने का ढंग युवाओं को भी पीछे छोड़ता दिखता है।
आज के दौर में जहाँ सत्ता हो या साहित्य कोई भी मरते दम तक अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं होता तेजेंद्र यह कहते हुए अक्सर पाए जाते हैं कि “हम हिंदी साहित्य की आलोचना के लिए अब तक पिछली पीढी पर निर्भर हैं हमने नई पीढी के आलोचक नहीं पैदा किये जो हिंदी साहित्य को अगले पढाव तक ले जा सकें”।
वह युवाओं और नई पीढी को उत्साहित ही नहीं करते हैं, उन्हें मौके भी देते हैं और उनके साथ मिलकर काम भी उसी उत्साह के साथ करते है।निश्चित यह नज़रिया हिंदी साहित्य के लिए एक बेहद सकारात्मक बात है।
आयोजन में भारत के कई वरिष्ठ साहित्यकारों और लेखकों जैसे राजेन्द्र यादव, ओम थानवी, ममता कालिया, अजित राय आदि ने भी तेजेंद्र शर्मा को इस अवसर पर अपने वीडियो सन्देश भेजे जो खासे दिलचस्प थे।जिसके बाद शामिल चौहान ने तेजेंद्र जी की ग़ज़ल को खूबसूरती से साज़ों की संगत में गाकर सुनाया और उनकी ही एक ग़ज़ल को सुश्री संगीता बुधवार ने भी अपने स्वर दिए।बिना साज़ के संगीता जी ने अपनी सुरीली आवाज़ से गज़ब का समा बाँधा।
चित्र में बाएं से – गौरी शंकर, कैलाश बुधवार, विभाकर बख़्शी, ज़किया ज़ुबैरी, संगीता बहादुर, के.सी. मोहन, तेजेन्द्र शर्मा। आगे बैठे हुए शमील चौहान एवं आशिक़ हुसैन।
कार्यक्रम का समापन रात्रि भोज के साथ हुआ और तेजेंद्र शर्मा जी के 60 वीं वर्षगाँठ का केक भी काटा गया।जिसमें लन्दन के साहित्य और रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े बहुत से गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।
आज 21 अक्टूबर को तेजेंद्र जी का जन्मदिन है। उन्होंने अपने जीवन के 6 दशक पूरे कर लिए हैं .यूँ कहने को इस उम्र में इंसान सठिया जाता है,परन्तु जैसा कि तेजेंद्र जी को जानने और पहचानने वाले कहते हैं उनपर इस उम्र का कोई वश नहीं चला है।आगे के और 6 दशक भी वह इसी ऊर्जा और रचनाधर्मिता से तय करें इसी कामना के साथ,
जन्म दिन की अशेष शुभकामनायें तेजेंद्र जी !!!.
जन्मदिन की और नयी रचनाओं की बहुत बहुत शुभकामनायें।
प्रवीण जी की टिप्पणी को दुहराता हूँ.
This comment has been removed by the author.
अच्छी रिपोर्ट , आपने अपने शब्दों से पुरे कार्यक्रम की जिवंत रूपरेखा खिची है .तेजेंद्र शर्मा जी को पढ़ा तो नहीं कभी . आपके माध्यम से जाना. जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें उनको .
सुन्दर विवरण है! पढ़कर लगता है मानो हम भी शामिल हो गए आयोजन में. तेजेंद्र शर्मा बहुमुखी व्यक्तित्व हैं. उनका बार-बार कहना कि " हम हिन्दी साहित्य की आलोचना के लिए अब तक पिछली पीढ़ी पर निर्भर हैं, हमने नई पीढ़ी के आलोचक नहीं पैदा किए जो हिन्दी साहित्य को अगले पड़ाव तक ले जा सकें " तथ्यपूर्ण है! तेजेन्द्र जी को जन्मदिन की अनेक शुभकामनाएँ!!!
बढ़िया …..
वाकई … तेजेन्द्र जी की कुछ रचनाएँ भी पढ़वा देतीं तो आनंद आ जाता….
शुभकामनाएं हमारी!!
आखरी फोटो सुन्दर 🙂
अनु
हमारी भी शुभकामनायें ………और तुम तो बस तुम ही हो शिखा 🙂
टेजेंद्र जी और उनकी साहित्य साधना से परिचित करवाने के लिए आभार
और न जाने कौन कौन से कलाकार — इन शब्दों से तेजेंद्र जी की बहुमुखी प्रतिभाओं और व्यक्तित्त्व का पता चलता है .
सुन्दर प्रस्तुति. तेजेंद्र जी को जन्मदिन की बधाई और शुभकामनायें .
Anek shubh kamnayen!
इनको जन्मदिन की शुभकामनायें आपका आभार !
जन्मदिन की और नयी रचनाओं की शुभकामनायें।
तेजेंद्र जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं… और उनके काम को प्रणाम
वाह!
आपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को कल दिनांक 22-10-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-1040 पर लिंक किया जा रहा है। सादर सूचनार्थ
शिखा, आज लेस्टरशर के शहर लफ़बरॉ में काव्य रंग ने मेरा जन्मदिन मनाया। वहां से अभी अभी रात को 23.15 पर लौटा और आते ही स्पंदन देखा। तुमने 19 तारीख़ के उत्सव को जैसे शब्दों से पुनर्जीवित कर दिया हो। धन्यवाद बहुत छोटा शब्द है… ढेर सा स्नेह।
एक शाम तेजेंद्र शर्मा जी के नाम -इस अवसर को आपने ब्लॉगर साथियों से साझा किया -अच्छा लगा -आभार!
shubhkamnayen…
तेजेंद्र जी को बधाई.. आपको भी इस खूबसूरत लेख के लिए। एक चीज़ खटक रही है। तेजेंद्र जी ने उम्र के 6 दशक पूरे किए हैं, 60 दशक तो 600 साल हो गए ना :)। किसी ने इस ओर इंगित नहीं किया, सो कहने में अजीब लग रहा है..
वाह !!!
वाह! ढेर सारी शुभकामनाएँ !
शुक्रिया दीपिका !विचारों को लिखने के प्रवाह में इस तरह की त्रुटियाँ हो जाती हैं:).
साक्षात्कार की बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
—
दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आगे भी वह इसी ऊर्जा और रचनाधर्मिता से तय करें इसी कामना के साथ,..हम भी यही चाहते हें आमीन
तेंजेन्द्र जी को जन्मदिन की और नई रचनाओं के प्रकाशन पर हार्दिक बधाई ।
बहुत २ शुभकामनायें रचनाओं के प्रकाशन की हार्दिक शुभकामनायें |
विदेशों में हिंदी की लोकप्रियता के साक्ष्य तसल्ली देते हैं !
रिपोर्ट से तेजेंद्र जी और कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जाना !
आभार एवं शुभकामनायें !
तेजेन्दर जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं।
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
Regards for this post, I am a big big fan of this site would like to go along updated.
I know this if off topic but I’m looking into starting my own weblog and was wondering what all is required to get set up? I’m assuming having a blog like yours would cost a pretty penny? I’m not very web savvy so I’m not 100 positive. Any tips or advice would be greatly appreciated. Thank you
Hey There. I found your blog using msn. This is a very well written article. I will be sure to bookmark it and come back to read more of your useful info. Thanks for the post. I’ll definitely comeback.