बरगद की छाँव सा
शहरों में गाँव सा
भंवर में नाव सा
कोई और नहीं होता।
फूलों में गुलाब सा
रागों में मल्हार सा
गर्मी में फुहार सा
कोई और नहीं होता।
नारियल के फल सा
करेले के रस सा
खेतों में हल सा
कोई और नहीं होता।
पूनम की निशा सा
पथ में दिशा सा
जीवन में “पिता” सा
कोई और नहीं होता।
Happy Father’s day Papa.. 🙂
wpadmin
अपने बारे में कुछ कहना कुछ लोगों के लिए बहुत आसान होता है, तो कुछ के लिए बहुत ही मुश्किल और मेरे जैसों के लिए तो नामुमकिन फिर भी अब यहाँ कुछ न कुछ तो लिखना ही पड़ेगा न. तो सुनिए. मैं एक जर्नलिस्ट हूँ मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी से गोल्ड मैडल के साथ टीवी जर्नलिज्म में मास्टर्स करने के बाद कुछ समय एक टीवी चैनल में न्यूज़ प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया, हिंदी भाषा के साथ ही अंग्रेज़ी,और रूसी भाषा पर भी समान अधिकार है परन्तु खास लगाव अपनी मातृभाषा से ही है.अब लन्दन में निवास है और लिखने का जुनून है.
बचपन में पापा से कुश्ती होती थी तब थोड़ी देर बहलाने के बाद पापा मुझे पटक दिया करते थे , और ताना मारते थे कि "बेटा, बाप बाप ही होता है!!"
तब बड़ी चिढ़ होती थी … अब जब खुद एक बेटे का बाप हूँ और उसे पापा के साथ खेलता देखता हूँ तब समझ आता है … वो चिढ़ाते नहीं थे समझाते थे … ज़िन्दगी के दाव पेच … खेल खेल में … आज मानता हूँ "बाप बाप ही होता है !!"
अंकल को प्रणाम।
कितना सुन्दर तोहफा अंकल को दिया आज के दिन आपने 🙂
पिता के प्रति बहुत खूबसूरत भावों का मिश्रण । अंतिम छंद बहुत पसंद आया ।
पिता होता है लुहार
खुद को जीवन की
गर्म भट्टी के सामने बैठ
देता है सही आकार
सान पर चढ़ा कर
जीवन को देता है तेज़ धार
पिता होता है लुहार ।
आपके स्वर में हम भी शामिल हैं .
सचमुच पिता_ सा कोई नहीं होता ! बरगद सी छाँव का पता अधिक तक चलता है जब उनके बिना धूप में जलते हैं !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
—
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (17-06-2014) को "अपनी मंजिल और आपकी तलाश" (चर्चा मंच-1646) पर भी होगी!
—
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
सच्चे दिल के उद्गार ….
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
बहुत खूबसूरत भाव..
बरगद की छाँव सा …कोई और नहीं होता..सच्चे-सुन्दर भाव..
पितृ दिवस पर सुन्दर रचना…
Family first…
पूनम की निशा सा
पथ में दिशा सा
जीवन में "पिता" सा
कोई और नहीं होता ..
सच कहा है ऐसा पथ-प्रदर्शक आशा के भाव लिए पिता ही होता है …
अच्छे उदगार पिता के प्रति …
वाह, बहुत खूब
पिता के प्रति बहुत खूबसूरत भावों का मिश्रण
Great line up. We will be linking to this great article on our site. Keep up the good writing.
Great, thanks for sharing this post.Much thanks again. Much obliged.
I’ve read some good stuff here. Certainly value bookmarking for revisiting. I wonder how much effort you put to create the sort of great informative site.
Like!! Thank you for publishing this awesome article.