Shakespeare’s Sonnet 130 – My mistress’s eyes
My mistress’ eyes are nothing like the sun;
Coral is far more red than her lips’ red;
If snow be white, why then her breasts are dun;
If hairs be wires, black wires grow on her head.
I have seen roses damask’d, red and white,
But no such roses see I in her cheeks;
And in some perfumes is there more delight
Than in the breath that from my mistress reeks.
I love to hear her speak, yet well I know
That music hath a far more pleasing sound;
I grant I never saw a goddess go;
My mistress, when she walks, treads on the ground:
And yet, by heaven, I think my love as rare
As any she belied with false compare.
If snow be white, why then her breasts are dun;
If hairs be wires, black wires grow on her head.
I have seen roses damask’d, red and white,
But no such roses see I in her cheeks;
And in some perfumes is there more delight
Than in the breath that from my mistress reeks.
I love to hear her speak, yet well I know
That music hath a far more pleasing sound;
I grant I never saw a goddess go;
My mistress, when she walks, treads on the ground:
And yet, by heaven, I think my love as rare
As any she belied with false compare.
मेरी प्रिया की आँखें – (भावानुवाद – शिखा वार्ष्णेय )
नहीं है सूर्य सी आँखें मेरी प्रिया की
उसके होंठों से अधिक लाल होता है मूंगा भी.
अगर होती है बर्फ भी सफ़ेद तो क्यों मटमैले है स्तन उसके।
जो बाल होते तार अगर तो काले तार उसके सिर पर उगते.
देखे हैं लाल -श्वेत धारी वाले गुलाब मैंने
पर उसके गालों पर नहीं दिखते ऐसे बूटे।
हाँ कुछ खास इत्र भी होंगे सुगन्धित
मेरी प्रिया की साँसों से आती हवा से.
मैं सुनता हूँ उसे प्रेम से, जबकि जानता हूँ मैं
संगीत होता है अधिक कर्णप्रिय मेरी प्रिया की ध्वनि से.
मानता हूँ मैं कि नहीं देखा मैंने किसी देवी को चलते
जब चलती है मेरी प्रिया,रखती है ज़मीं पर कदम अपने
फिर भी खुदा के वास्ते मेरा प्रेम है दुर्लभ,
किसी भी झूठी उपमा से परे।
(भावानुवाद – शिखा वार्ष्णेय )
बहुत खूब शिखा जी ।
स्पन्दन पड़ा आत्मा की आवाज ।
अच्छा लगा , अपने ही दिल की आवाज
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " केलकुलेटर का धोखा – ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
Awesome…loved it!
Anuvaad bahut hi achhhe se hua hai didi!!
बहुत सुंदर, अनुराग सर के फेसबुक प्रोफाइल में यह मिला। अद्भुत है।
बहुत बढ़िया अनुवाद
प्रेम को अभिव्यक्त करने का अपना अलग ही अंदाज नज़र आता है शेक्सपिअर की अभिव्यक्ति में …
nice
वाह, बहुत ही सुंदर और प्रभावी अनुवाद किया गया है अाापके द्धारा।
This blog is definitely rather handy since I’m at the moment creating an internet floral website – although I am only starting out therefore it’s really fairly small, nothing like this site. Can link to a few of the posts here as they are quite. Thanks much. Zoey Olsen