.
उनका ये सवाल बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर गया मुझे …क्या वाकई यहाँ के बुजुर्ग ज्यादा समर्थ हैं ,ज्यादा मजबूत और आत्मनिर्भर हैं ,ज्यादा ज़िंदगी से भरपूर ?क्या सचमुच उनपर बुढ़ापा हावी नहीं होता ?मेरी ही एक पडोसी थीं ८० की अवस्था तो होगी ही .. बेटा- बेटी अलग रहते हैं ,अपना एक कमरे का घर है ,एक कार है आराम से अकेले जीती हैं एक दिन किसी काम से उनका दरवाया खटखटाया तो खुला नहीं , सोचा सो रही होंगी ,फिर दुसरे दिन गई फिर भी नहीं …कार बाहर ही खड़ी थी तो ये पक्का था कि घर के अन्दर ही हैं ..मैने २-४ बार घंटी बजाई तो दरवाजा खुला बहुत ही उनींदी सी आँखों के साथ. मैंने पूछा तो पता चला कि पिछले ३ दिनों से वह बहुत बीमार हैं ..कमर की हड्डी में कुछ परेशानी है जो ज्यादा बढ़ गई है और उन्होंने ३ दिन से कुछ खाया पिया भी नहीं है ..डॉ० का अपोयमेंट लिया है जो २ दिन बाद है …तब जाएँगी. बेटा पास ही में रहता है पर उसे क्या बताना.. वो क्या कर सकता है. मैंने उनसे कहा कि किसी मदद की जरुरत हो तो मुझे बता दें. उसके बाद वो खुद ही डॉ० के यहाँ चक्कर लगाती रहीं और अपना काम चलाती रहीं पर उसके बाद से मेरे बच्चों के लिए गाहे बगाहे चॉकलेट भेज देतीं कि उनके यहाँ कोई नहीं है खाने वाला …लोग गिफ्ट दे जाते हैं वो इनका क्या करें, हमारे त्योहारों पर फूलों के गुल्दास्त्ते देने आतीं .यहाँ तक कि छुट्टी में इंडिया जाते वक़्त बच्चों को १०-१० £ भी दिए कि एन्जॉय करना जैसे हमारी दादी नानी देती थीं कहीं जाते समय.उनकी ये हरकते जैसे उनके अन्दर की कसक निकाल देती थीं …हाँ वैसे सब ठीक ही था .
एक और थीं बुजुर्ग महिला … घर के सामने ही रहती थीं एक दिन उनकी पोस्ट गलती से हमारे घर आ गई , तो देने गई मैं .घर में घुसते ही देखा, पूरे कॉरिडोर में कुछ लोगों के फोटो ही फोटो लगे हुए हैं ..अपने डंडे के सहारे चलते हुए वो मुझे .लिविंग रूम से होते हुए बेडरूम में ले गईं ..कोई भी कोना ऐसा नहीं था जहाँ कोई फोटो ना रखा हो अचानक बोली “हैव यू सीन दीज़ पिक्चर्स ?” कोई अँधा ही होगा जिन्हें वो ना दिखेंगी ..मैने सर हिलाया ..और वो शुरू हो गईं परिचय कराना .”.ये मेरी पोती है ..और ये बेटा…ये मेरी बेटी का बेटा है …और ये मेरी बेटियां” …कुल मिलाकर १० लोग होंगे परिवार में ..मैने पूछा आप मिलती हैं इनसे ? बड़े फख्र से जबाब दिया उन्होंने ” यस ऑफकोर्स … ऐवरी क्रिसमस आई सी देम ” .और ये कप देख रही हो? मेरे बेटे ने मदर्स डे पर भेजा था ” .वो मुझे ऐसी चीज़ें दिखाए जा रही थीं पर मुझे जैसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था …अचानक सुना .”.बहुत बहुत “शुक्रिया …कभी आना कॉफ़ी पियेंगे साथ ..अभी मुझे जरा ब्यूटी पार्लर जाना है ..फेशियल कराने और बाल सेट कराने .वहाँ वो लड़की बहुत अच्छा फेशियल करती है सारा तनाव दूर होता जाता है ..और समय भी कट जाता है” .वो मुस्कुराकर कह रही थीं. पर वहां रखी निर्जीव तस्वीरें जैसे उस मुस्कान के पीछे का सब अनकहा बयाँ कर रही थीं. मैं भी मुस्कुराई और वापस आ गई ..कितनी खुशहाल जिन्दगी है इनलोगों की .
घर से बच्चे सत्रह साल के होते ही चले जाते हैं अपने अपने रास्ते .काम से छुट्टी तो बड़ा घर छोड़ एक छोटा घर ले लेते हैं ये बुजुर्ग ,कार का साइज़ भी छोटा हो जाता है…. सेवेन सीटर का क्या करना अब ? गुजारा भत्ता सरकार दे देगी और चिकित्सा के लिए सरकारी क्लिनिक हैं ही …और क्या चाहिए जीने के लिए. जब तक खुद चलने फिरने के काबिल हैं ठीक है वर्ना एक बार फिर गृह परिवर्तन …ओल्ड एज होम ..वहां भी सब सुविधा होंगी… इमरजेंसी के लिए एक बटन भी होगा जिसे दबाने से एम्बुलेंस आ जाएगी और किसी चीज़ की क्या जरुरत .अपने आसपास अपने ही जैसे अनगिनत लोगों को रोज़ मरते देख अपनी मौत से पहले ही ना जाने कितनी मौत मर जाते हैं ,और नई परेशानी को लेकर क्लिनिक के चक्कर लगाते ..रास्ते चलते बार बार पीछे मुड़कर देखते रहते हैं शायद कोई पुकार रहा है .फिर अपने आप से ही बात करते मुस्कुराते हैं “आज हेयर डाई के लिए जाना है .” ..आते हुए अचानक अपने घर वाली गली का ध्यान नहीं रहता ..कहीं दूसरी गली में मुड कर भटक जाते हैं ..फिर कोई पुलिस को इत्तला कर देता है और वो किसी तरह पता करके घर तक छोड़ आते हैं .कितना व्यवस्थित है सब कुछ .,
और हमारे यहाँ… बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ..घर पर एक खाट पर बैठ कर ही भुनभुनाते रहते हैं .फिर जोर का ठहाका लगा कर कहते हैं अच्छा जरा बढ़िया सी चाय पिलाओ और चाय पीकर एकदम तरोताजा और फिर चर्चाएँ यहाँ की वहाँ की .उसपर अपनी कार भी नहीं ..बीमार तो वो भी होते हैं .पर घर से कोई ना कोई ले जाता है अपने साथ. वहाँ भी डाक्टर को हड़का आते हैं कि बेकार की फीस लेते हैं ये लोग कुछ हुआ ही नहीं है… उन्हें बस जरा सा सर दर्द हुआ है ..बच्चे आयेंगे अभी स्कूल से उनसे बातें कर ठीक हो जायेगा .पोते – नातिओं के साथ अपनी उम्र का आभास ही नहीं रहता… अपना बचपन फिर जी लेते हैं एक बार ..और जीने की ख्वाहिश बनी रहती है ..भले ही समय बुदबुदाते बीते या बहु बेटे की खुन्खुनाहट सुनकर, पर मजे में कट जाता है .आस पास की चहल पहल, बच्चों का शोरगुल और जवानों की कार्यशक्ति , कभी बुड्ढा होने ही नहीं देती उन्हें ..फेशियल की ना जरुरत है, ना ही समय. चेहरे की आभा बनी रहती है घर की मलाई लगा कर ही .समय सारा बीत जाता है घरवालों पर नजर रखने में और यहाँ वहां गपियाने में .
और मैं सोच रही थी ….कि बुढ़ापा कहाँ नहीं आता ? किसको नहीं आता?
कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि अब हम भी पश्चिम से प्रभावित होकर वैसे ही व्यवस्था अपनाने लगे हैं .हमारी आजादी में खलल ना पड़े इसलिए अपने बुजुर्गों को आत्मनिर्भर देखना चाहते हैं हम ..भले ही तिल तिल कर क्यों ना हजारों मौत मरें वो ,क्या प्यार और अपनेपन की जरुरत सिर्फ बच्चों और जवानों को होती है…? बुड्ढों के जीने के लिए तो सिर्फ व्यवस्था ही जरुरी है.
चित्र गूगल से साभार
बहुत बढ़िया आलेख शिखा जी , मगर मैं समझता हूँ की हमें आपने वृद्धो की तुलनात्मक बात नहीं करनी चाहिए पश्चिम के साथ, क्योंकि उनका अपना कल्चर है हमारा अपना ! ऐसे दो बंगाली परिवारों को बहुत करीब से जानता हूँ, जो एन आर आई है , कनाडा के नागरिक, मॉन्ट्रियल में रहे करीब ४० साल और अब बुढापे में वापस भारत आ गए ! हाँ यह सच है कि हमारे यहाँ के बुड्ढे लोग ( सभी नहीं कुछ ) स्वत ही बूढापन अपने में वक्त से पहले ले आते है !
सही बात है शिखा जी..
बिलकुल ठीक कहा गोदियाल जी आपने ..सारी जिंदगी यहाँ बिताने के बाद सभी सुविधाएँ होने के वावजूद बुढ़ापे में लोग भारत लौट जाते हैं.क्योंकि अपनेपन की कमी सालती है उन्हें ..
यही मतलब था मेरे कहने का. यहाँ तुलना कल्चर की नहीं बल्कि इंसानों की है जो हर जगह एक हैं जिन्हें प्रेम की जरुरत होती है. बेशक वो अपनी समाजिक व्यवस्था की वजह से कह नहीं पाते.
जीवन के अंतिम प्रहर में , मनुष्य को भावनात्मक संबल की ज्यादा जरुरत होती है, जो उसे उसके परिवार से ही मिल पायेगी. पश्चिम में संयुक्त परिवार के प्रचलन ना होने से हमेशा देखा गया है की वहा का बुजुर्ग एकाकीपन में जीता है . जहा तक बात है भौतिक सुविधाओ की , ये ठीक है की हमारे बुजुर्ग , उतने भौतिकतावादी नहीं होते, लेकिन उन्हें अपने परिवार के रहते हुए एकाकीपन झेलना पड़े, ऐसा क्म ही होता है . बहुत अच्छी एवं सामाजिक दृष्टि से उपयोगी पोस्ट.
शिखा,
बहुत अच्छे से तुमने लिखा है, यहाँ फिर भी बहुत अच्छे हैं, बीमार को डॉक्टर के यहाँ जाने के लिए कई दिनों का इन्तजार नहीं करना पड़ता है. लड़के बहू अब बदल रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें लोकलाज की फिक्र रहती हैं. अभी ये प्रतिशत बहुत कम है की उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ दें या अकेला छोड़ दें. चलो अपनी संस्कृति फिर भी बहुत अच्छी है.
आपकी पोस पढ़कर मुझे भी कुछ याद आ गया मेरे मामा की बेटी पिट्सबर्ग में रहती है हमरी अक्सर घंटों फोन पर गप्पें होती हैं उसकी भी एक वयोवृद्ध महिला से दोस्ती हुई क्योकि मेरी बहन का घर ग्राउंड फ्लोर पर है एक रात उन्होंने ने दरवाज़ा खटखटाया और बोला की ये व्हील चेयर रख लो मेरे पति बहुत बीमार है उन्हें अस्पताल ले जाना है मेरी बहन ने उन्हें अकेला देखा सो उनकी मदद करने पहुंची उन्हें उठाकर अम्बुलेनस में लिटाया पर तब तक बहुत देर हो गयी थी उसके पह्य्ले उनकी कभी बात भी नहीं हुई थी अब वो दोनों दोस्त हैं
शिखा ,
आज की यह पोस्ट सोचने पर मजबूर करती है …संयुक्त परिवार की परम्परा यहाँ भी टूट रही है …भले ही ऐसा लगता हो किबुजुर्ग यहाँ पर अकेलेपन का एहसास नहीं करते पर कभी कभी भीड़ में भी अकेलापन महसूस करते देखा जा सकता है …पश्चिम देशों की तो संस्कृति में है अलग रहना लेकिन भारत में ऐसा नहीं है ..ज़रूरत है उम्र के साथ सामंजस्य की …यदि अपना अस्तित्त्व बनाये रखना है तो बच्चों के हिसाब से सोचना चाहिए ..बच्चों को प्यार के साथ साथ सम्मान भी देना चाहिए …वरना साथ तो रहते हैं लेकिन बुजुर्गों की स्थिति दयनीय भी देखी जा सकती है ..
बहुत सही आलेख। अच्छा भाव। आज कुछ नहीं दो शे’र
(१) घने दरख़्त के नीचे मुझे लगा अक्सर
कोई बुज़ुर्ग मिरे सर पर हाथ रखता है।
(२) बहुत हसीन सा एक बाग मेरे घर के नीचे है,
मगर सकून मिलता पुराने शज़र के नीचे है।
मुझे कढ़े हुए तकियों की क्या ज़रूरत है,
किसी का हाथ अभी मेरे सर के नीचे है।
बहुत ही बढ़िया आलेख….मन द्रवित हो गया, उन लोगों की अवस्था की सोच.
पर पहले जैसा ,यहाँ भी नहीं रहा सबकुछ , खासकर शहरों में. बुढापे में अकेलेपन से बहुत त्रस्त रहते हैं..ये लोग, भी….परिवारजनों के पास समय नहीं होता,उनके लिए. और अक्सर अब वृद्धावस्था अकेले ही कटता है…बेटे,बेटियां कहीं सुदूर होते हैं…..पर हाँ, आँखों में इतनी शर्म, यहाँ अब भी बची है कि बीमार पड़ने पर देखभाल में कोताही नहीं करते. और अपनी जिम्मेवारियों से पीछे नहीं हटते.
बिलकुल सही लिखा है अपने यहाँ तो शारीरिक रूप मे चाहे बुढे न भी हों मगर मानसिक परेशानियों की वजह से व्यक्ति असमय ही बूढा हो जाता है। बहुत अच्छा आलेख। धन्यवाद।
लगता है कि जितना प्रकृति से जितना इन लोगों ने सीखा उतना हम नहीं सीख सके दी. खासकर पंछियों से जिनके बच्चे पर निकलते ही हमेशा के लिए फिर हो जाते हैं और चिड़िया फिर से अपनी नयी जिंदगी शुरू करने में लग जाती है..
खूबसूरत पोस्ट..
वाह मनोज जी ! कितनी खूबसूरत पंक्तियाँ हैं ..आपकी इन पंक्तियों ने तो जैसे पूरी कर दी मेरी पोस्ट.
बहुत शुक्रिया.
poori vyavastha dayniy ho gai hai……nakal karte karte hum kya se kya ho gaye
भगवान करे कि यह पश्चिम संस्कृति हमारे यहाँ न आये वहीं रहे ज्यादा अच्छा है। हमें हमारे बुजुर्गों से प्यार मिलना अच्छा लगता है।
पोस्ट और टिप्पणियों नें विमर्श को पूरा कर दिया है …. अब अपने वृद्ध होने का इंतजार है जिसमें अभी काफी लंम्बा अंतराल है.
shikha ji,
bhartiya parampara aur pashchimi parampara mein bahut antar hai, aur jine ke dhang mein bhi. ye to achha hai ki umradaraaz log wahan aatmnirbhar hain, parantu jab asahaay hon to wo sthiti dukahd hai, parantu koi bhi tareeka jo jine ka ang ban chuka hai sabhi waise hin jine ke aadi ho jaate hain. hamare yahan bhi aisa hota hai par tulnaatmak roop mein bahut kam. waise yahan bhi bahut se asahaay hain jinko unke apne chhod dete aur bahut se aise pariwaar hain jahan aaj bhi buzurgon ka shaasan chalta hai.
sab kuchh paristhiti aur pariwar par nirbhar hai.
bahut achha laga padhkar, sochna hai ki hamein kaun see sanskriti pasand aati aur hum kya chahte? jaisa hum karenge hamare sath bhi wahi hoga. shubhkaamnaayen.
बहुत सुंदर चित्र खींचा आप ने, ओर यह सच भी है, लेकिन भारत मै भी अब मां बाप को बोझ ही समझा जाता है, सभी घरो मै नही, लेकिन ज्यादातर घरो मै, य फ़िर उन्हे अलग थलग छोड दिय जाता है
अपने भविष्य पर ही कील ठोंक रहे हैं।
शिखा जी, आपने तो पूर्व और पश्चिम के समाज का पूरा यथार्थ अपनी इस पोस्ट में बयां कर दिया—सच में हमारा भारत बहुत बेहतर है—-तभी तो यहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया बसेरा करती हैं।
बहुत सही आलेख ….
आपकी बात सटीक भी भी हैं और प्रासंगिक भी ….
बधाई
शिखा जी खटिया पर बैठे भुनभुनाते बुज़ुर्गों की छवि अब यहां भी खंडित हो रही है. संयुक्त परिवार अब लगभग समाप्तप्राय हैं. फिर भी बच्चे जब तक छोटे रहते हैं तब तक दूर-दराज बसे बेटे बहू अपने परिवार के बीच दीवाली जैसे त्यौहार मनाने लौटते ही हैं. और जो भी संयुक्त परिवार हैं, उनके भीतर बुज़ुर्ग भी सम्मानित, अहम दर्जा रखते हैं. बीमार मां-बाप को अकेला छोड़ने का माद्दा अभी यहां घर नहीं कर पाया है, और ईश्वर करे, न कभी घर कर पाये.
बहुत सुन्दर, सार्थक और विचारणीय पोस्ट.
बहुत मार्मिक तुलना… हमको तो फिलिम 36 चौरंगी लेन याद आ गया… हमरे देस का बाते अलग है… मगर ई भी सकसच है कि सब दिन एक जईसा नहीं होता है, इसलिए अब बदलाव आने लगा है… मगर सच में मन को छू गया ई पोस्ट!!
बहुत सुन्दर और सार्थक लेख |
शिखा जी दिल छू लेने वाली एक भावपूर्ण आलेख…हम हर जगह पश्चिमी नकल करते जा रहे है यही कारण है हमारे संस्कृति में भी बदलाव हो रहे है…बुज़ुर्गो के प्रति सम्मान की भावना छोटे शहरों तक ही सीमित रह गई है..जबकि ज़रूरत है इस रिश्ते के प्रति हम और कोमल बनें….बढ़िया बहुत बढ़िया आलेख..बधाई
मुझे बुड्ढा नहीं होना…. उं उं उंउं उं उं …… वा वा वा वा …..वा वा …..वा …….वा…उं उं उं उं उं उं उं ….
पता नहीं पश्चिम पर पक्षियों का प्रभाव है या पूर्व की अपेक्षाएं ही अधिक हैं…बहरहाल एक बात है कि वहां लोगों को मानसिक पीड़ा तो नहीं होती कि बुढ़ापे में बच्चे दुत्कार देते हैं क्योंकि वहां नियति ही यही है. हमारे यहां तो बहुत सी बहुएं मन मसोस कर ही रह जाती हैं कि मुआ मर्द इस काबिल ही नहीं कि अपना अलग मकान लेकर उन्हें आज़ादी दे पाता..
सही कह रही हो..बढ़िया विषय लिया.
हिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!
sundar bahut kuch kehta,
lekin jo india me hai wo kahi nhi shayd, kam se kam old age me maa-baap, sath to rehte hain, kuch apwad hain, lekin picture wahi he jo pehle thi, old age me atm nirbahrta hi nhi, apna pan bhi chahiye, apne chahiye, aur appnbe wo keh hi diya ant me
ek shandar prastuti seekh deti hui
बहुत यथार्थ चित्रण किया है आपने -मगर हम सभी अब पश्चिमी जीवन शैली को ही अपनाते जा रहे हैं-शायद यही हमारा अभीष्ट है और उचित भी !
सेल्फ रिलायंट होना भी अब एक पुरुषार्थ है…..बच्चों की एक अपनी जिन्दगी है वे हमारे बुढापेपन से क्यों अभिशप्त हों !
मैं रश्मि से सहमत हूँ …अब यहाँ भी कुछ पहले जैसा नहीं रह गया है …
अपने परिवार के प्रेम के लिए ये अपने आत्मसम्मान को गिरवी रख देते हैं …संयुक्त परिवार के नाम पर इन पर जो अत्याचार होता है , उससे अच्छा तो यही लगता है कि वे आत्मनिर्भर रहे …मैं ये नहीं कहती कि सभी संयुक्त परिवार ऐसे होते हैं मगर अधिकांश मामलों में मैंने वृद्धों को दुखी और उपेक्षित देखा है …जब तक खुद के बच्चे छोटे हों , बुजुर्गों के पास पैसा हो तभी तक उनकी पूछ है …वरना उनकी दुर्दशा पक्की है …इतना जरुर है कि हमारे देश में अगर घर वाले नहीं पूछ रहे हों तो पडोसी आ जाते हैं हाल चाल पूछने…
बहुत अच्छा विषय व आलेख …!
बहुत बढिया विषय और आलेख ………………जरूरत है तो सिर्फ़ समझने की……………ऐसा दौर सभी का आता है अगर इतना जान लें तो ज़िन्दगी आसान हो जाये।
शिखा जी हमारे बुजुर्गो को समर्पित आपका ये लेख बहुत ही पसन्द आया। आभार! -: VISIT MY BLOG :- (1.)जिसको तुम अपना कहते हो…………..कविता को पढ़कर तथा (2.) Mind and body researches…….ब्लोग को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप उपरोक्त लिँको पर क्लिक कर सकती हैँ।
मुझे लगता है की वो शायद उतना अकेलापन महसूस ना करते हो जितना हम सोच रहें है | क्योंकि रिश्तों को लेकर उनमें उतनी उम्मीदें नहीं होती है जितना की हमें क्योंकि वो शुरू से उसी तरह की संस्कृति में रहते आये है इसलिए वो ना तो किसी तरह की उम्मीद करते है और ना ही उतना अकेलापन महसूस करते है उनको देख कर हमें ज्यादा ख़राब इसलिए लगता है क्योंकि हम एक बड़े परिवार के साथ रहते आये है और हम अकेले रहना जानते ही नहीं | ऐसा हम सिर्फ पश्चिमी समाज के लोगों को देख कर ही नहीं भारत में रह रहे अकेले लोगों को भी देख कर कहते है" बेचारा कैसे अकेले रहता है उसे अकेलापन लगता होगा" पर एक बार उनसे पूछिये वो आप को बताएँगे की उनको कोई परेशानी नहीं है बल्कि उनको तो घर में ज्यादा लोग आ जाये तो परेशानी होने लगती है |
रही भारत की बात तो मुझे लगता है की यहाँ पर बुढ़ापा ज्यादा है बेटे ने कमान शुरू नहीं किया की लोग रिटायर्मेंट की सोचने लगते है मुझे समझ में नहीं आता की वो घर पर खाली बैठना क्यों चाहते है | कई बार तो लोग समय से पहले ही बुढा बना देते है ४० की उम्र में ही एक आम आदमी खुद को बुढा और दूसरे भी उसे बुढा मानने लगते है "अब अपनी उम्र देखो ये सब अच्छा लगता है " कोई उनसे पूछे की शाहरुख आमिर सलमान को भी क्या वो बूढ़े की श्रेणी में रखेंगे |
माँ बाप की सेवा करना और दादा दादी के साथ खेलना अब बीते ज़माने की बात हो गई है ये तभी संभव है जब दादा दादी समय के साथ चल रहे हो नहीं तो पूरे परिवार के साथ रह कर भी वो अकेले ही होते है ज्यादा दुखी होते है क्योंकि उनको सबसे उम्मींदे रहती है और वही अकेलेपन का कारण बनाती है |
दो संस्कृतियों का अन्तर है लेकिन मानव एक ही है और उसमें प्रेम की चाहत एकसी है। जब परिवार का रिवाज ही नहीं है तो चाहत भी कैसे करें? लेकिन मन में आकांक्षा के अंकुर तो हैं ही। यहाँ परिवार अभी शेष हैं तो प्रेम पाने का अधिकार भी है और नहीं मिलने पर आघात भी है। कुछ दिन में यहाँ भी अधिकार समाप्त हो जाएगा तब व्यक्ति ऐसे ही जिएगा। बहुत अच्छी पोस्ट, बधाई।
बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से, आप इसी तरह, हिंदी ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
कोई देश में रहे या विदेश में वृद्ध तो उसे हर हाल में ही होना है.
हो सकता है कि हमारे यहां वृद्धों को ज्यादा उपेक्षित किया जाता हो लेकिन यह भी सच है कि वृद्धों की उपेक्षा विदेशों में भी बहुत होती है.
उपेक्षा यदि जवान की भी होगी तो वह वृद्ध हो जाएगा और फिर वृद्ध तो वृद्ध है.
आपने सही कहा कि प्रेम की ताकत से वृद्धों में नई आशा का संचार किया जा सकता है.
आपने हमेशा की तरह शानदार लिखा.
बधाई.
बढ़िया आलेख लिखा है तुमने …वैसे काजल कुमार की टिप्पणी पर भी गौर किया जाए:]
भारतीय भावनात्मक ज्यादा होते हैं इसलिए विदेश गयी पहली पीढ़ी जीवन भर समायोजन करने मे ही लगी रहती है । जो नहीं समायोजित कर पाते लौट आते हैं । संस्कृतियों की दीवार भी गिरने लगी है ।
वैसे प्रेम में बड़ी ताकत है जो की आपके आलेख में अच्छी तरह से प्रदर्शित है।
bahut badhiya aalekh….budha ho jaane se jyaadaa kastakar swayan ko budhaa man lenaa hai..
अच्छा आलेख ,जानकारी परख ,धन्यवाद । देश-काल और परिस्थिति जन्य है जीवन शैली । जो हमारे पास है दूसरों के पास नहीं ,ठीक उसी तरह कि जो उनके पास है वह हमारे पास नहीं । यही भिन्नता हमें एक दूसरे के प्रति जिज्ञासू और आकर्षक बनाती है ।
@झरोखा जी,
अब कहाँ सोने की चिड़ियाँ बसेरा करती हैं मैम.. अब तो सब चिड़ियाँ मिट्टी की हो गई हैं वो भी चिकनी मिट्टी की.. अलबत्ता कौवे जरूर सारे सोने के हैं यहाँ जो उसके बावजूद चिड़ियों के दाने मार खा रहे हैं और कई बार चिड़ियों को भी..
बहुत खूबसूरत पोस्ट है दी, बेहद मार्मिक…और क्या कहूँ,
आज सुबह से कुछ भावुक सा हूँ, एक दोस्त की कुछ परेशानियाँ थी, और अब ये पोस्ट पढ़ के थोड़ा भावुक होना स्वाभाविक है.
Duniya ke har buzurg ko apnon kaa saath chahiye hota hai. Jab log jawan hote hain to shayad hi sochte hain,ki wo bhi kisi din boodhe,akele ya apahij hoke rah jayenge..
Sahi baat hai Shikha Jii
Chahe wo apne ko maintain rakh lete hain par yahaa ki tarah apne tajurbe apne bachcho se share tak nhi kar pate………..
बहुत अच्दी प्रस्तुति. यहां भी बुजूर्ग नयी पीढी के दंश सह रहे है व संयुक्त परिवार टूट रहे है। मगर ग्रामीण परिवेश में आज भी बुजूर्ग मुखिया का दर्जा रखता है।
Bahut gahara kataksh…..aapse puri tarah sahmat hun . apane ass paas bhu kuch aise hi prasang dekh mera man bhi masosata hai.
पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा। मेराज फ़ैजाबादी जी का एक शेर याद आ गया:
मुझे थकने नहीं देता ये जरूरत का पहाड़
मेरे बच्चे मुझे बूढा नहीं होने देते।
बढ़िया विषय चुना है आपने,
सुन्दर प्रस्तुति,
यहाँ भी पधारें :-
अकेला कलम…
शिखा जी हर देश की अलग रीती रिवाज़ हैं और उसी के अनुसार लोग ढल जाते हैं..पश्चिम के बुजुर्गों को अकेलापन काटने नहीं दौड़ता जब के हमारे यहाँ बुजुर्गों को परिवार पसंद है…दुखी वाहन भी लोग रहते हैं और यहाँ भी…अपनी सोच का फर्क है…
नीरज
बहुत अच्छा लिखा है …. अपनो की ज़रूरत सभी को होती है देश हो या विदेश …. पर कितना भी ग़लत हो अपना समाज और कल्चर अभी भी इस मामले में हर देश से आगे है ….. बुजुर्गों को नही पूछते बहुत से लोग … पर जो पूछते हैं उनकी तादाद भी कम नही है …..
Sochne ko majbboor kar diya aapne, naujawano kee jimmedari kewal apni jindagi jeena hee hai.
सच कहा आपने।
———
ब्लॉगर्स की इज्जत का सवाल है।
कम उम्र में माँ बनती लड़कियों का एक सच।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
अलाउद्दीन के शासनकाल में सस्ता भारत-१, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
अभिलाषा की तीव्रता एक समीक्षा आचार्य परशुराम राय, द्वारा “मनोज” पर, पढिए!
didi ,,,royen royen tak pahunch gaya aap ka ye aalekh… bas yahi kahna tha … 🙂
प्रेरक प्रस्तुति
जीवन की जो सब से बरी सच आप ने जो लिखा है वह बहुत ही बढ़िया है .आप की लेखनी में एक छुपा हुआ दर्द होता है बिल्बुल अंतर्मन मन से लिखतीहै.
अच्छा भाव।
बहुत सही आलेख…हमारे बुजुर्गो को समर्पित ….
आपकी संवेदनशील दृष्टि ने एक अछूते विषय से परिचय कराया . जो पका सो झरा. मगर ऐसा झरना सचमुच कष्टकारी है. संयुक्त परिवार की अहमियत तो है. मगर कई जगह संयुक्त परिवार में भी बुजुर्गों को चैन नहीं मिलता. बुजुर्गों को इस उमर में ही सहारे की जरुरत होती है. जिन पर सहारे की जिम्मेदारी होती है वे उदासीन हो कर एक दिन खुद भी कष्ट पाते हैं.
शिखा जी, इतने विलंब से आ रहा हूं कि कहने के लिए कुछ बचा ही नहीं है…
वैसे ये सब जीवन शैली है, जो जहां होते हैं उसी के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं.
आपकी हर पोस्ट की तरह ये भी बहुत अच्छी लगी.
शिखा जी . बहुत अच्छा लिखा ।
कितना अच्छा है ना हमारा देश.
फिर भी नज़र में है विदेश .
क्यों भागते हैं आप सब वहाँ
क्यों नहीं लौट आते अपने देश.
बहुत सुंदर पोस्ट. मन की आँखे भीग गयी.
बहुत समसामयिक आलेख |
पश्चिम की अपनी सभ्यता और सोच है जिसके लिए वहां के लोग आदि है उन्हें कोई फर्क भी नहीं पड़ता अपने यहाँ कितने भी वैचारिक मतभेद होंगे पर अभी भी बुजुर्गो की देखभाल तो की जाती है भावनाओ से जुड़े रहने के कारण कहे या की भारतीय संस्कारो के खातिर ?
मुझे अपनी ही कविता की कुछ पंक्तिया यद् हो आई
उन्होंने तो हमे दी थी
घने दरख्तों की छाया
जिसमे हम भरपूर फले भी, फुले भी
हम अभी से है आतंकित, आशंकित
क्योकि हमने तो दी है इन्हें
बोगनबेलिया और मनी प्लांट की छाया |
अपनी संस्कृति में कुछ अच्छाई और बुराई है. कितना भी कोई कहे की यहाँ बूढों को बहुत सम्मान मिलता है. पर क्या सच में ऐसा है. शायद नही जहाँ बड़ों ने हमारे बीच दखल देना शुरू किया वैसे ही वो हमारे लिए बुरे हो जाते है. दूर से देखने पर लगता है की यहाँ बहुत प्रेम है पर हम साथ रहते हुए भी साथ नही है . बूढ़े माँ बाप चिल्लाते रहते है की तबियत खराब है पर बेटे बहु को फुर्सत नही की उनको डॉक्टर के पास ले जाये. अरे कहने को बहुत है पर अपनी कमियों को कौन देखता है?
बहुत सही आलेख। अच्छा भाव।
बिलकुल सही लिखा है अपने यहाँ तो शारीरिक रूप मे चाहे बुढे न भी हों मगर मानसिक परेशानियों की वजह से व्यक्ति असमय ही बूढा हो जाता है। बहुत अच्छा आलेख। धन्यवाद।
सही कहा आपने शिखाजी!…यूरोप के प्रवास के दर्मियान जब मैने बुजुर्ग महिलाओं को हैल्मेट पहन कर साइकिलें चलाते हुए देखा…तो मन हर्षोल्हास से भर उठा!…यहां भारत में स्कूटर चालक तक हैल्मेट पहनने से जी चुरातें है!….बहुत सुंदर रचना!
एकदम मन से लिखा है आपने!! पूरा पढ़ने के बाद तो ऐसा लगा मानो अपना फ्यूचर भी ऐसा ही रहेगा… एकदम अकेला…
वर्तमान में ही यही हाल है… आगे की क्या कहें…
बेहद सुन्दर आलेख शिखा जी. गणेश चतुर्थी पर हमारे केम्पस में संध्या विभिन्न कार्यक्रम होते हैं. कल ही चार पांच छोटे छोटे बच्चे बच्चियों ने आकर बड़े प्यार से हमसे कार्यक्रम स्थल में आने को कहा. दादाजी आप हमारे स्पेशल गेस्ट हैं और हम लोगों का भी स्पेशल प्रोग्राम है. आप अनुमान लगा सकते हैं की हमें कैसा लगा होगा.
buzurgo ki sthathi ka sahi chitran kiya aapne sikha ji
बेहतरीन लेख
bahut acha likha hai aapne shikha ji, lekin bharat mein bhi kamobesh yahi stithti hoti ja rahi hai.
sundar
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RAIMUNDO LIMA DE SOUZA / Senhores;Sou graduado em Psicologia pela UEPB, gostaria de fazer uma graduação em Direito ou uma pós graduação em Recursos Humanos ou áreas afins. Peço-lhes que me orientem a respeito dos cursos disponÃveis a distancia e como faço para me inscrever.Gostei deste comentário ou não: 4
eh bien je découvre ton blog à mon tour et c'est un régal pour les yeux !! j'aime ton scrap très épuré et tendre !!! j'aurais adoré faire un de tes ateliers !!!
Really trustworthy blog. Please keep updating with great posts like this one. I have booked marked your site and am about to email it to a few friends of mine that I know would enjoy reading..
people cycle on that road, they usually use the area on the outside of the big white stripe. Maybe because they are told as kids? I was when we did the yearly competition between kids on at a certain class level to see who cycles the best.
I would say Della #3 and Miranda #3 ^.^Can’t wait for your last book to come out!!! Counting down the months of the weeks of the days of the hours of the minutes of the seconds! I’m soo glad I found this book! I read them all the time! I’ve read all the Shadow Falls series more than five times! I also got most of my friends addicted to the series ^.^
Hands down, Apple’s app store wins by a mile. It’s a huge selection of all sorts of apps vs a rather sad selection of a handful for Zune. Microsoft has plans, especially in the realm of games, but I’m not sure I’d want to bet on the future if this aspect is important to you. The iPod is a much better choice in that case.
zegt:wat een bijzonder boekje kreeg jij. leuk!en die arme mus. die heeft al heel wat ziektes voorbij zien komen he.veel betermaakkussen voor de kleine jongen. X
I don't even need to explain to you……….I have twin 3 year olds and this is happening all day every day. UGH! But I do love 'em so.Loving that pink dress up room. For you?LOL-Shannon in Austin
This is not just interesting and educative, but shows that you have a good knowledge of African leaders and leadership.I shall be interested in your proposed leadership model for Africa.Congratulations!!!
My brother is running an internet game, and it’s ruining my broadband, he’s too retarded to notice it, so I need to block it’s internet access, how do I block the internet access of that program only??My router is a Linksys WRT54GL. October 27, 2012 Andres C
C’est bizarre, le son me fait aussi penser à un morceau d’une oeuvre classique, malheureusement je ne me souviens plus du titre, quand ça me reviendra, je repasserai par ici ^^
I am not sure where you are getting your information, but good topic. I needs to spend some time learning much more or understanding more. Thanks for excellent info I was looking for this info for my mission.
Hello, Neat post. There’s a problem together with your web site ininternet explorer, may test this? IE still is the marketplace chiefand a good portion of folks will omit your great writing due tothis problem.
I’m not near a computer and nobody has gone too far yet but please maintain a civil tone. I know it’s a tangled subject…I’ll post later about my perceived intent in being there.
سلام دوباره خدمت آقای ساداتی عزیزآقا هنوز (پنج شنبه – Û±Û¸ آبان – ساعت Û±Û±:Û³Û³) پیامکی برای ما نیومدهخواهشا ما رو از این برنامه مØÂروم نÙÂرمائید !(بنده و دوستانم کتاب خاطرات آقای اØÂمد رو خوندیم و خیلی مشتاقیم که با ایشون از نزدیک دیدار داشته باشیم)البته اگه میسر بشه !یعنی ما هم میایم ؟ ؟ ؟
"They wore helmets with horns"No they did not wear helmets with horns. Much of your description of pagan nordic men is rather stereotyped and ridiculous; laughable even. It would be tedious to counter it point by point. I saw it in the movies, many in fact. And don't forget the metal breastplates.
Hey, already asked by email but let me ask here too So, does the Review Sites Made Easy plugin come with the blueprint (even though it’s said on this page that blueprint is no longer available)? How about this Newbie’s Guide, is it included with the plugin?Greetings A
Holaa! me encanto tu guia y consejos.. La verdad que me dieron muchas ganas de ir por esos lugares.Mi mail es , quisiera si no es molestia me pases la guia del sudeste asiatico para ir planeando mi viaje.Muchas gracias
computerness again…la la lapost something interesting.why havent you txted me yet?im so bored. i have no lessons, might do art.if i had a blog of my own i woudn’t bombard your journal with this sort of crap.x
nicht dem 1. Weltkrieg dem 2.. Das will sich wohl jemand als Retter der Welt etablieren….Soviel wie ich k… möchte kann ich gar nicht essen.@Le penseur, diese Anleihen haben zumindest einen künstlerischen Wert. Was man von dern derzeitigen Delebets nun ganz und gar nicht behaupten kann.
â–ºAlex s’adressant à moi: «Que devons-nous en penser ?» Je ne me sens pas du tout la vocation d’un directeur de conscience. Pensez-en ce que vous voulez et, si vos réflexions sont intéressantes, faites-nous en part.Allez, cadeau: À chaque marmite son couvercle, à chaque chaussure son pied.
This is really thinking out of the box! What a beautiful, decorative instrument you created. I will be looking forward to see what you do with the bass! Thank you for sharing your creativity at Potpourri Friday. I hope you will come toot you horn every week!
W przeważajacej części zgadzam siÄ™ z samym tekstem, nie do koÅ„ca zgadzam siÄ™ z tytuÅ‚em – do tego, by sprawić, zeby ludzie nie mogli przestać sÅ‚uchać, potrzebna jest też pewność siebie – a co za tym idzie, brak zakompleksienia. Å»ycz sobie hipotetycznej brzydkiej córki, nie ma problemu – ale życz też samej sobie, byÅ› faktycznie umiaÅ‚a jej wpoić te wartoÅ›ci, o których piszesz, a także zdrowe podejÅ›cie do samej siebie, bo to, nawiasem mówiÄ…c, potrafi czasem być naprawdÄ™ dużo atrakcyjniejsze niż nadmuchany cyc .
I mailed you a box of homemade chocolate covered cherries today Sara….I hope you have an appetite for them!! If they make your nausea worse I’m so sorry…just give them away. If they don’t bother you then….enjoy!!! Hugs, Lisa
This is the ONLY short poem I have ever wrote:). And this one has the most hits and come us:). I’m usually long winded:) thank you so much for kindness.
Alexandra, cand raspunzi pozitiv la o invitatie pentru un eveniment ma gandesc ca stii despre ce e vorba. Daca n-ai inteles ce se intampla (exact) la eveniment, ceri detalii, apoi decizi daca te prezinti sau nu.In fine, eu vorbesc de bun simt, nu arunc cu pietre, fiecare face cum crede.
3 Rogues in one party, eh, interesting choice. (I really don't like rogues. I take one out of necessity but never more; dualwields die all the time and archers do no damage.) Runecrafting is tedious. I used a Manual of Focus to re-skill my warden for Runecrafting, than another one once I had all the runes I could possibly want.
My cats have a similar tactic – one will wait for the opportune moment and give you ‘the look’; the other will just follow you everywhere, and I mean everywhere, until she gets what she wants! Very rarely will either of them meow for food…Loved the post.
salve a tutti… sono un operaio di 4° livello settore metalm. industria a ciclo continuo. da un po' di tempo circola la voce che vogliano non pagarci più i primi tre giorni di malattia, in base a cosa un'azineda (non certo piccola) può decidere se farlo o meno? saluti. andrea.
Mientras estuve "ausente", decidà no enterarme de nada. Todos me animan a ser positiva y pensar en el futuro y con esta pandilla de cacos dando hachazos a diestro y siniestro, me anulan mis pocos ánimos.Bicos
Been on both sides of an Assessment Center. Great opportunity as a candidate to shine and show what you have to offer. On the other side, have been able to identify talent in a group setting and depending on my peers to share their observations. I find the different tasks an accurate measure of skill sets and personalities. It is an effective process.
, we’re not 14 here ladies. Then again, I’m sure they could use a little break after the ppv event. Though seriously, we wait for the big Brooke confrontation, and then get cut off, I enjoy my weekend, Come back to start my Monday off right. BAM! Different scene, come Wednesday to see what is being said between the two. So mean. I’m sure stats have been explained and I’ve forgotten how old are these ladies? Obviously 21 or over…Sun does look interested in what Marina is doing rushing towards Pallas.
Ora bem, sou levado a concluir que a notÃcia publicada pela cara Suzana, complementada pelo comentário do caro Bartolomeu,provocou “agitação” nas férteis mentes dos insignes comentadores. Devo confessar que esse facto me apraz registar. Vejo como motivo para tamanha frisson, a hipotética prespectiva criada pelos ilustrÃssimos comentadores de um dia, talvez que remoto, se virem a achar na situação de “sugados” por essa anunciada “bomba russa”… será?
hola no puedo ver tu vÃdeo sabes no se si hay otra forma de ingresar te lo voy a agradecer es q compre aqui en peru un dvd pero la verdad solo están hasta el cap 25 y no se entiende mucho la traducción es pésima no se si me puedes ayudar plz
Does your blog have a contact page? I’m having trouble locating it but, I’d like to send you an e-mail. I’ve got some ideas for your blog you might be interested in hearing. Either way, great site and I look forward to seeing it grow over time.
Ppl kill me callin T.I a snitch. 1st there’s now secret snitches, if he did th gov wouldve used him as an example to snitch. & if he did.. So what! He snitched on the nigga that killed his to best friend he aint snitch on his best friend. And if you’re still falling for “50 cent traps” you must be new to this thing called rap..
I agree with Annie that you’re dealing with anger in a mature and sensible way and think the way you’ve written about it with your reasons clear and well-thought-through.As for your poem, Ethan, the rhyme, rhythm, tone and scansion are all wonderful, but better than that it further expresses what you say above. Smashing.
Is est vere interesting, tristique eget nulla ipsum. Lorem ipsum dolor sit amet quaeris ultra victum et tuos contulit vester iste stipes. Sed facilisis mi in amicabiliter networks dedi!
I'd enjoy this news, and looking forward to uploading some new videos. Though I'd enjoy it even more if I could keep my old Youtube channel rather than being forced into having something I don't want.
I could have a break but I have to go back in 30 mintutes but maybe I can ask for just a little bit longer. Phew, I was dusting my dresser and stuff in my room and now I’m sneezing
Thanks everyone. It's fun to be back–I've missed all the excitement from our bloggers, who always seem to come up with the most amazing ways to charm kids into exploring the real world. Textbooks online or off can't hold a candle to this group if I do say so myself.
dit :Hum… mignon… trop même ! mdrBon je retourne à ma cuisine moi. J’ai emprunté un livre à la bibliothèque, on va faire des cornets de frites maison (à préparer à l’avance), j’en parlerais sur mon blog.
Posted by on August 17, 2012 at 10:36 am Hi Donna,Looks like you two have a lot of fun together! Once I found an accountability partner, it added some pressure to stay on task – which was a real gift, because there are too many distractions out there. Wishing you continued success with your new venture!Samantha O’Connor recently posted..
diinstalnya di mmc mas,mau di di format mmc-nya tp sayang byk file penting, klo mau di restore ke factory default tp password apa y,soalnya saya lupa passwordnya
Hola, desconozco tu arte, pero me gustaria ver algo, mi tÃo Antonio “en paz descanse” si lo ha visto y me comento sobre el ,me gustaria ver algo.Tienes algo fotografiado. gracias
Neka lajkuju … nemaju nikakve koristi … samo lajkovi koji su dosli ”prirodnim” putem vrede… Ovako ne vrede ti lajkovi nista kao i one strane sa 100 000 fanova za neku glupost – tipa npr. pogledajte seks na farmi i sl…VA:F [1.9.20_1166]please wait…(1 vote cast)VA:F [1.9.20_1166](from 0 votes)
I want to have the bank change my car payment to $ 10.00 a month. Why? Because I’m special and I deserve it. Will they? NO!! LOL If you can’t afford your house, it is time to sell it. Better do it now than later when you have no choice and you get nothing because they foreclose.
This post is part of The Christian Home Magazine in the Modesty/Fashion Category. To see more articles in different aspects of Home life, please visit the latest issue, hosted at Day by Day in our World.
Sì, vabbè..un genio sta donna!Prima sborsa 60.000 dollari(60.000 eh!!!!..mica noccioline!)a degli sconosciuti e poi, non contenta se ne va (da sola?)in Sudafrica a ritirare (come?) 1.000.000 di dollari vinti (perchè?).Polli da spennare o idioti col patentino?No comment.'azzi suoi!
Ok, Since you said the water was back and running and you didnt do ‘rub and shine’, I believe you. There are some people in this diaspora that believe in ‘rub and shine’ cos its so cold!!! I think its just lazyness cos the heating is available to heat the water up.
#Oscar:Si yo fuera un directivo de una de esas grandes empresas harÃa exactamente lo mismo, porque después de pagar una millonada por la licencia de uso del software para los server, al menos si me falla, me iba a asegurar de que estuvieran las 24 horas del dÃa una legión de operarios preocupándose de volver a poner el sistema en funcionamiento.
haha hey you know what– i actually like the beyond song! then again i’m a big fan of wubai too! 😀 u should go listen u know if not wait u become angmorh.
dit :Et voilà , merci ma journée de formation, la vie est une jungle … j’ai loupé les cadals ! Rho, mais c’est pas vrai, t’as tjrs la loose, toi !!!
This sounds interesting! I’ve been thinking of reading more Graham Greene ever since my book club read The End of the Affair a few years ago..-= JoAnn´s last blog .. =-.
Yes. And add WORKING from home into the mix and you have a whole other ball park!My pet peeve with working from home is people dropping in or calling through the day… Something I wouldn’t dream of doing to anyone who was working their 9-5 job.But somehow working from home also isn’t really perceived as work.
That is really attention-grabbing, You are a very professional blogger. I’ve joined your rss feed and look ahead to seeking extra of your fantastic post. Additionally, I’ve shared your website in my social networks
Merci pour vos comms ! Je ne connais par contre pas Sixto Rodriguez mais vais l’écouter de suite ! Bonne fin d’année à vous toutes (ça fait bizarre d’écrire ça….) et « be at peace with yourself »
Je m'en fous du film, je m'en fous de SJP, je m'en fous de savoir si ces jumeaux par mere porteuse vont bien:DONNEZ MOI JUSTE CES SHOES NOIRES ET JAUNES!!!En vous remerciant.
such an amazing find! definitely real – it's persian lamb when it's close and brainy like that, and mongolian lamb is the longer brushed out kinky curls.as for real cat or stenciled cowhide it's often really hard to tell, but it totally could be leopard given it's from the 30s.completely jealous
Lynn, that’s called stacking the evidence. Choose the worst picture of Heidi. Choose the best picture of Barbra. The Jews win. C’mon, I gave you the candy category. Stop complaining already.
Õóþр:Úþô ôûѠòÑÂтðòúøÿþтрÑÂÑÂðющøù úþüüõýт. ø òõôь ÿрðòôð òÑÂõ. ýôð, ÑÂтþ ýõ þфøцøþ÷ýþõ üу-üу ÿрþÿûðчõýýþõ ø÷ óþрþôÑÂúþóþ ñюôöõтð þúþûьýыüø ÿутÑÂüø ò "ýõ÷ðòøÑÂøüую" ÿрõÑÂÑÂу. Ø òõôь ýø ÿþ þôýþüу ÿуýúту þтòõтð ýõ ôþöôõüÑÂÑÂ, ÿþтþüу úðú þтòõчðть тþ ø ýõчõóþ. ãûÿрõÑÂÑÂõ ÑÂÿðÑÂøñþ – òÑÂõ ÿрþÑÂтуÿðõт ò øÑÂтøýýþü ÑÂòõтõ. Õщõ ñþûьшõõ ÑÂÿðÑÂøñþ úþüÿõтõýтýыü ûюôÑÂü, úþтþрыõ ÑÂтðòÑÂт ÑÂòþø тþчúø – ÿþôòþôÑÂт чõрту ÿþô þфøцøþ÷ýþù ñõûøñõрôþù.
Petraeus lied to Congress which, as I understand it, is a felony.Of course, Petraeus may have 'lied' to Congress about an event that Congressional leaders already knew and approved.So, the big question is WHAT will Petraeus say before Congress this week?!Egghead
she doesnt sound too bad but the whole flavor of love chick trying 2 sing really annoys the hell outta me…shes always bent over so i couldnt even imagine a album cover or a video….oh wait…yeah i can
arkadaşlar yukarıda Provakatörce yorum yazan insanları dikkate almayın derim bizim ne reklam yapma ne de başka bir amacımız vardır bu hastalığı yaşayan biri olarak benimle msnden yazışan kaç kişiyle tecrübelerimi paylaştım kaç kişiye yardımcı oldum bizim amacımız sadece insanlara yadımcı olup hayır dularını almak yine söylüyorum bu hastalığı hiç bir ilaç iyi etmez
Oh my goodness! This recipe looks devine! I can see my husband drooling over it already! ;)Also, I'm following you now cause I found you on Mommy Blogs and loved your blog! I hope you'll stop over at mine some time and tell me what you think!<3MaryAnne
Bonsoir,Je sais que je m’y prend un peu tard mais je souhaiterai venir au salon du blog, est il trop tard ? peux on s’inscrire en tant que visiteur ? combien coute l’entrée ?Merci pour votre réponse.
Hi there,We are planning to go to leh ladakh mid june this year in SX4. my 2 children aged 11 n 9 will also accompany us. is it safe n comfortable enuf. Also I am a BP patient. Any advice is welcome.
*hihihi* Ich bringe mit “Punk” immer Stachelhaare und Sicherheitsnadeln in Verbindung… aber Du hast mich auf eine Idee gebracht! Danke 😉 (verraten tu ich die stelbstversändlich noch nicht)
I feel that I don’t have enough time to teach my English students how to use correct English and it’s their first language!We have ESL students in our building and I plan on forwarding this along to their teachers to share with the students to help them along. Nice find and thanks for the share.
Looking at the contents of your article through the eyes of a foreigner the only thing I can conclude is that because of the division you describe in the republicans they seriously undermine their capacity in dislodging the current terrible and destructive policies of Obama and the democratic party which would be hell for the United States and the rest of the Free World.
bonjour,Ce sont de grande vérités qui pour moi devraient être apprises à l’école dès le plus jeune âge car c’est par l’esprit que l’on crée. Ceci permettrait sans doute d’avoir plus de créateurs en France…merci pour cette vidéobonne journée à tousMarie-Laetitia
Sorry for your experience and thank you for bringing this to our attention. Can you tell me which store you shop at? We will contact them and get back to you.
Basileus sagte hierzu am 24. März 2012 um 17:05: Noch eine Anmerkung zu dieser Geschichte:”1138 soll Johannes Stampo, welcher 391 Jahre alt geworden, gestorben sein. Er ist ein Edelmann …
Just when I didn’t expect it–great you are still alive Brian! I also still think you should upload Beautiful Land of Nod 1 and 2 here too (I have just come around to Pt 1! but always thought Pt 2 was the best Atmpsheres/Drift mix I had ever encountered!). THANKS for all you have ever done and still do. Fly on, TD.
我ä¸çŸ¥é“有沒有人宣稱唯心論是科å¸,ä¸éŽå®—教宣稱是科å¸ä¸”試圖影響政治、決ç–å€’æ˜¯é —å¸¸è¦‹çš„。2.精神分æžçš„特置å‡è¨(ad hoc hypothesis)特別多,多到令人難以接å—,然而所有的科å¸æˆ–多或少都有這種å•é¡Œ,åƒé†«å¸å°±å……æ–¥ä¸€å¤§å †ad hoc。多和少åªæ˜¯ç¨‹åº¦ä¸Šçš„差別,ä¸æ˜¯æœ¬è³ªä¸Šçš„差異。å¦‚æžœä½ è¦å®£ç¨±ç²¾ç¥žåˆ†æžæ²’有å¦è‰æ€§,é‚£éº¼ä½ æ‰€è¬‚çš„「å¦è‰æ€§」æ怕ä¸æ˜¯ç•Œç·šåˆ†æ˜Ž,而是有5分、10分、20分、60分、90分這樣程度差異的。3.我ä¸æ¸…æ¥šä½ æŒ‡çš„「抽象å˜åœ¨」是什麼æ„æ€,åˆç‚ºä½•「抽象å˜åœ¨」ä¸å¯è§€æ¸¬。æˆ‘çŒœä½ å¯èƒ½æƒ³è¡¨é”上å¸æ²’有精準的æè¿°,åªæœ‰è¬å¦‚「全知、全善、全能」這類的æè¿°。ä¸éŽé€™ç¨®å‘½é¡Œå¾ˆå¤š,比如「å°èŒœé 圓、è¾®åé•·、善解人æ„但脾氣å¤æ€ª」並ä¸æœƒè®“å°èŒœä¸å¯è§€æ¸¬,也ä¸æœƒè®“「101裡é¢æœ‰å°èŒœ」æˆç‚ºä¸å¯å¦è‰çš„陳述。è€Œä½ èªªä¸Šå¸çš„概念彼æ¤çŸ›ç›¾,這å¯èƒ½åªæ˜¯èªžæ„模糊而尚未é‡æ¸…é€ æˆçš„å•é¡Œ,以上例來說,å¯èƒ½å°±æœ‰äººèªç‚º「善解人æ„」å’Œ「脾氣å¤æ€ª」互相矛盾,但事實上它們是å¯èƒ½ä¸¦å˜çš„。
Her hair looks great!! And, I think it makes her look at least 5-7 years younger than she is.Sounds like you guys had a BLAST!
سلام ببخشید نمیشه همه ÙÂایلهای MW2 & MW3 رو بزنید تو چندتا dvd برای خرید اینترنتی چون ØÂجم و تعداد ÙÂایلها زیاده
vero vero! Attendo con ansia post sulla mostra dei Chapman da Project B, a partire dalla frase: “era veramente surreale vedere sfilare fighetti vestiti a festa ecc ecc….” probabilmente i signori e le signore di Project B a vedere la mostra di McCarthy non c'erano, eppure l'identificazione sarebbe stata ancora più perfetta. Eh si, più perfetta della mia!!!
Vixcita,I love how you tell it like it is MaMa! while wearing a gorgeous glittery maxi. Your casa is so mansion museum. want to come over sometime and play with all your stuff. We will spend a drinkin,eating,fest. I am slaving making tamales all day while drinking Mezcal.Besos
Gosh I can relate to everybody above me :-/ I fell in love with a straight girl and couldn’t get over her for two years. I just met a girl a couple of weeks ago and now she is starting to get to me too but I think she’s straight as well! >_< I don't know what to do cuz there's so many beautiful girls but nobody I meet is like me. I feel so lonely and worthless that I can't help but feel it's going to be like this for the rest of my life.
Tomi, siinä oli jääkausi välissä. Ja ne pakanauskonnot ovat vaihtuneet moneen kertaan.Pääsääntöisesti tällaisissa tapauksissa on käynyt niin päin että juhla on ensin ollut kristityillä ja naapurin pakanat ovat omaksuneet sen. On muistettava, että Britannia oli kristitty ennenkuin pakanat valloittivat sen.Pääsiäinen on ollut juutalainen juhla tuhansia vuosia, ja juutalaiset viettävät sitä täsmälleen niinkuin tuhansia vuosia sitten. Siinä ei pitäisi olla mitään kummaa.
I have EXACTLY the same issue with my bottle of Best Pink Ever. It's gorgeous and goes on like a dream if you set it upside down overnight and then open it, poke down the sparkley goo that accumulates at the top, then shake it vigorously for about five minutes… but that's such a pain. I'll probably swap it at some point. I had such high hopes! 🙁
Thanks a lot for your post. I would like to write my opinion that the cost of car insurance will vary from one policy to another, since there are so many different issues which play a role in the overall cost. For example, the make and model of the automobile will have a significant bearing on the purchase price. A reliable ancient family motor vehicle will have a more affordable premium compared to a flashy sports car.
Someone should have the balls to tell the truth about the birth of Zionism by making a film based on Jacob Israël de Haan’s life and the crimes committed by Haganah and Irgun.
Er ogsÃ¥ helt enig her. Men det sagde jeg vist allerede da du fik den hjem søde 🙂 at den var lidt konet./ChauChau recently posted..
Realmente o BlogBlogs vem melhorando muito. Mas ainda tem muito a melhorar, especialmente pelo excesso de publicidade. Eu tenho o widget de últimos acessos em meu blog (com o css alterado) porque gosto de apoiar projetos que surgem aqui e vejo bem este projeto.
Below are sale transactions for townhouses on the same street with same configuration in Bridgewater. Sep 06 $320,000Jun 06 $330,000Jul 05 $375,000Nov 04 $305,000Oct 04 $299,000Aug 04 $316,000Jul 04 $300,900May 04 $285,000Sep 03 $272,000Jul 03 $239,000Feb 03 $230,000 According to this we are back in August 2004 territory. Buying anything at prices higher then August 2004, shows uninformed buyer.
I’m kind of having the same problem. I want to buy a lot of stuff, but when I get it, it’s suddenly not that special anymore. It feels like I lost control, I need to stop buying and be creative with the things I have. Those outfits are way more interesting! XxX A.
Hej Pernille,Man kan kun vælge en af de norminerende. Jeg læser flere af de blogs og min yndlings er ikke den med flest læsere og kan forestille mig at flere andre har det pÃ¥ samme mÃ¥de. AltsÃ¥ har man ikke vundet bare fordi man har flest læsere 🙂
Carlos dit :ouf, merci à vous, c’était le point le plus imoportant pour moi cette batterie. j’allais l’acheter pour ne plus devoir utliser ma Idaube de Ipad. Mais finallement l’Ipad a encore de l’avance à ce niveau. allez Google, sortez nous vite 1 mise à jour ou le même joujou, même un peu plus chère, j’achèterai !
WOW, I don’t think I could even think of any other word except WOW. Kinda glad I live in Canada where this kinda shit doesn’t really happen. Don’t get me wrong we have out left and right fwing fruit bats but nothing on this kinda scale. You Americans must have the patience of saints ’cause I think I would have picketed their church by now!
Relgio binrio, o acessrio que faltava…Geeks e nerds ditam moda: relgio que usa LEDs representando zeros e uns ganha em originalidade, mas requer raciocnio rpido para calcular a hora….
Har vært i Bergen mange ganger, og jeg skal kanskje ikke si det, men det er Norges vakreste by. Kultur, arkitektur, menneskene der…Og sÃ¥ ble min sønn hjerteoperert i denne flotte byen:) Sjøl bor jeg i Trondheim ,-)Ha en flott dag!
39 is not too old to be a first-time mom! Congrats to the happy couple!!The posters in their 40s here who think nobody can tell that they are in their 40s are kidding themselves.
atripa645, And that’s why libertarians support property rights. Google “Law, Property Rights, and Air Pollution”.When you get to the page, there will be a table with the different sections of the article. In the column on the right, there’s a section called “Air Pollution: Law and Regulation”. Click that and read that section.
you’re actually a excellent webmaster. The web site loading speed is amazing. It sort of feels that you’re doing any unique trick. In addition, The contents are masterpiece. you have done a magnificent task on this topic!
author with the explosive book, The Whistleblower. How the Clinton White Property Stayed in Electric power to Reemerge inside the Obama White Household, tells Accuracy in Media which the scheduled speaking physical appearance of former President Bill Clinton at
Jandir, muito obrigado pelo seu comentário, suas palavras nos lisonjeiam. Seu espumante de fato é uma bebida de altÃssimo nÃvel e muito bem feita, a vinÃcola está de parabéns.Com certeza adoraria conhecer seu estabelecimento, assim que possÃvel faremos um passeio até aÃ!Forte abraçoTiago Bulla
Y dejar claro que el uso de frenos es obligatorio. Gracias a gente que no lo lleva ya sea por snobismo u otra cosa, si prolifera el uso de esta cosa proliferarán las recetas de la policÃÂa y con razón.
Good website the following! Furthermore your internet site rather a whole lot upwards very fast! What service provider are you currently using? Am i allowed to buy your affiliate url for the web host? We want this site crammed up as fast as your own house hehe
I am from Switzerland and I know who you are writing about and this is mostly untrue. You are very hurtful about this man. He is a friend of mine and I insist that you stop writing these hurtful things about him. You are the swine!
Demorei a responder, me desculpe tenho vontade de participar mas não tenho coragem de ir sou gordinha e não tenho namorado(solteira), tb ainda não aceitei o convite mas entro sempre pra olhar. Fico sonhando com as festas.ADORO BJKS!!!!!!!!!!!!! em disse:
I think Germany must provide shelter and food for all scumbags, criminals and hobos that walk the Earth. Also, they need to bail out every disfunctional economy in Europe and Africa. By the way, have they finished paying war reparations? I mean for WW1, naturally they still have some billions to pay for WW2. So Germans, please work harder. There are many more mouths to feed.
Hola MarÃa,Uno de los sÃntomas de los quistes ováricos es la irregularidad del periodo, asà que es posible que se pueda deber a ellos, sin embargo, te recomiendo acudir con el ginecólogo para que recibas un acertado diagnóstico de tu estado. Solo el puede confirmar si se trata de quistes o no.
, Jews regard the Jewish state as the “fulfillment of a long historical and religious journey.”And George Wallace and Bull Coonnor are kicking themselves in their graves for not thinking of the “fulfillment of a long historical and religious journey” bullshit as excusing THEIR racism.
Immature adult checking in here. I blame PITNB for this.I may have to slide back into the middle aged category when I ask this question (forgive me): “what with all the shorn crotchal areas on the “it” girls?” Doesn’t that take a lot of time, or hurt like the dickens if you’re talking waxing?I ask the informed readers of COTM for an answer. My eternal thanks.
I was wondering if you ever considered changing the layout of your blog? Its very well written; I love what youve got to say. But maybe you could a little more in the way of content so people could connect with it better. Youve got an awful lot of text for only having one or two images. Maybe you could space it out better?
Who doesn’t love clean typography? My favorite web 2.0 logos and fonts are clean, large-lettered fonts with gradient overlays and dropshadows with a tint of glossy web 2.0 shine. Granted I’m a web 2.0 nut, so leave that to me
I sure do hate Bob Marley. It’s hard to tell, but from the video, you may be able to see than I am actually not smiling. Every little thing was in fact alright though.
Not only is Flash slow, cumbersome and computing intensive, the flash format is the perfect example of bandwidth waste as videos can't be saved for offline viewing without tremendous aggravation. …
Excellent article. You written many Hyderabadi people’s mind .Funny thing here is , no one objects for Telanagana , except high command (?)but no one is thinking about what happens after getting Telganana?Will all these Telangana protesters can come out and vote for a good party/leader?Again some useless MLA/MPs will be elected.We have to fight for correcting our society from poverty , corruption and political leaders capability.
I got what you intend, thanks for posting .Woh I am thankful to find this website through google. “Remember that what you believe will depend very much on what you are.” by Noah Porter.
Actually… which camera stores would you suggest in Cork for looking for somehting new?I will be having a look for 8+ mpi and at least 15x optical zoom in hte next few days, maybe ordering from J&R … but want to give a shot for the local ones.
Ho abitato in Olanda presso un amico italiano che lavorava alla sede centrale europea di M.D… – settore- Petti di Pollo.Ebbene, nè io nè lui ci siamo mai più azzardati ad avvicinarsi ad un petto di pollo di qualsiasi ditta sia !!! Anche il solo guardarlo ci faceva uno strano effetto intestinale….
à®®ுà®´ுà®®ையாக தகவல்கள்… பாà®°ாட்டுக்கள்…தொடர வாà®´்த்துக்கள்… நன்à®±ி…
Jeg håper det kommer ikke noe på den dagen! Jeg gaske ny på blog verden med en liv for interior intereser. Trenge dere frivillige? Jeg kan være interesert! Vicky
Hi!! Love this blog! My husband and I are looking to move in 2 or 3 years. Where do you live and how do you make an income? How much do you pay for rent? Any advice would be great, your blog is very inspirational to us. I really enjoy the cost of living updates Thanks!Sarah