ove is life
ब्लॉगजगत में अनोखी चोरी
वो क्या है कि आज हम महान ही नहीं महा -महान बन गए हैं ..अब पूछिये कैसे ? तो जी बात ये है कि अब तक हमने सुना था कि महान लोगों की कृतियाँ चोरी की जाती हैं..महान लेखकों की रचनाये कोई चुरा लेता है ,महान कवियों की कवितायेँ लोग अपने नाम से छाप लेते हैं ..महान डायेरेक्टर की फिल्म की स्क्रिप्ट लोग चुरा लेते हैं ..यहाँ तक कि दिल ओर रूह की चोरी के किस्से भी सुने हैं ..पर क्या कभी आपने सुना है कि किसी ने किसी का ( इंट्रो ) परिचय ही चुरा लिया हो ? अब अगर ऐसा हुआ हो तो वो महा – महान की श्रेणी में ही गिना जाना चाहिए ना ? जी हाँ उसका एक नजारा आप यहाँ देख सकते हैं .(ऊपर का फुटवा वहीँ का है ).( पहले हमारे ब्लॉग पर हमारा परिचय तो पढ़ लिए हैं ना ? ).हुआ यूँ कि कल हमारी पोस्ट पर एक टिप्पणी आई तो अपने स्वाभाव से मजबूर हम उनके ब्लॉग पर पहुँच गए धन्यवाद देने अब वहां जाकर देखते क्या हैं कि हमारा ब्लॉग तो नहीं है पर कुछ तो है जो हमारे जैसा है ..जरा दिमाग पर जोर डाला तो समझ आया कि जी हमारा परिचय है जो अब उनका भी है 🙂 अब दुःख इस बात का नहीं कि हमार्रे इंट्रो को कॉपी किया गया ..अब भाई ये तो सौभाग्य की बात है कि किसी को इतना पसंद आया इंट्रो कि उन्होंने अपना ही बना लिया ..पर दुःख इस बात का है कि आधा ही क्यों कॉपी किया ? अरे पूरा करना चाहिए था ना ..गृहस्थ जीवन क्यों छोड़ दिया ,भाई ,यूनिवर्सिटी नाम क्यों छोड़ दिया ? ओर हाँ फुटवा भी छोड़ दी …अब ये तो नाइंसाफी है ना जी ..पर क्या कीजियेगा ? क्या उखाड़ लीजियेगा ? ये ब्लॉग जगत है ..यहाँ सब स्वतंत्र हैं अब आपकी कोई जायदाद तो ली नहीं है ..परिचय में से कुछ पंक्तियाँ ही लीं हैं ..तो कोनो कॉपी राईट है का आपके पास ? फाँसी पे चढ़ा देंगे का? नहीं ना? तो बस…. बैठिये चुपचाप ..अब एक हम टिपिया के भी आये कि भाई जरा छोटा सा एक वाक्य लिख कर बता ही देते कि ये खुराफात किये हैं तो हम भी थोडा खुश हो जाते …और कोई नौकरी तो मिल नहीं रही तो लोगों का परिचय ही लिखकर कुछ कमा लेते ..पर जी उन्होंने तो छापी ही नहीं वो टिप्पणी . अब आप ही बताइए का करें हम ? तो इस पोस्ट के जरिये धन्यवाद ही दिए देते हैं हमें महा – महान बनाने के लिए .शुक्रिया जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका.
ये तो बहुत ख़ुशी की बात है… (हा हा )
मुझे वाकई अफसोस है …वो कहते हेँ ना चोर, चोरी से जाए हेरा-फेरी से ना जाए ….पकड़ में आगया ना
ऐसे ही बहुत पहले जगदीश भाटिया (http://aaina2.wordpress.com/) का प्रोफ़ाइल – मय फोटो (जी हाँ, फोटो समेत)एक परदेसी ब्लॉगर ने टीप लिया था … 🙂
वाकई बडी नादानी भरा काम किया है उसने! वैसे वो सज्जन हैं कौन जो इतना "……." इंट्रो अपने ब्लोग पर लगाने की गुस्ताखी किये हैं!
bahuttt bahutt badhai…ab tum badee blogar ho gaee ho:]:]
link nahi diya tumne…..
अरे बज्र बेशरम होते हैं ! शुक्रिया क़ुबूल कर लें तो
बड़ी बात ! वहाँ गया , अब तो और अविश्वास हो
रहा है , जो इंट्रो… चुरा सकता है वह तो …. पर होलीबुड-बोलीबुड
से कम खलनायक / नीच पात्र ब्लॉगबुड में नहीं हैं !
ऐसे भी समझना होता है इस दुनिया को !
कमाल है जी, अगर समझ दार होगा तो चुपचाप वो लाईने हटा देगा, जो उस ने चोरी की है, कृप्या अभी आप उस का नाम ना बताये, उस के लिये अभी इतना ही काफ़ी है… अगर फ़िर भी ना सुधरे तो नाम उजागर करे….
चोरों का भी ईमान होता है, कुछ तो आपके लिए भी रहने दिया न.
"क्या उखाड़ लीजियेगा ?" जहां तक मैं जानता हूं, यह श्लील नहीं है, ऐसे वाक्यों से बचा जाए तो अच्छा…
hame bhi ek dhansu intro ki talash hai………..plz………help help…:D
nice
Yah to bade faqr kee baat hai! Ha,ha!
Ham galati se hee sahi,bache hue nazar aane lage..mera intro hai,"jaan jayenge dheere,dheere!"Koyi nahi churayega!
शिखा जी, इसका मतलब तो यही हुआ कि आपने अपना परिचय इतने सुन्दर ढंग से लिखा है कि उसने किसी का मन मोह लिया! बहुत बड़ी उपलब्धि है यह आपके लिये!
महान बनने के लिए ढेर सारी बधाईयाँ।
——–
रूपसियों सजना संवरना छोड़ दो?
मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?
वाह भई ..महा..महान ब्लोगर साहिबा…आपने परिचय इतना अच्छा लिखा कि उसने उड़ा लिया…अब ऐसी चोरी का क्या कर लेगा कोई…
शेफाली जी…लिंक तो है…(यहाँ ) पर क्लिक करें तो पढ़ सकते हैं
हूँ बात को बढ़ाना चढ़ाना तो कोई आप से सीखे ,,,, अरे भाई अगर उसने येसा कुछ लगा लिया तो उससे उसे मेल या तिपद्दी कर के बताया जा सकता था और कौन सी उसने कोई आप की कोई रचना चोरी की थी मैंने भी पढ़ा है कुछ लायने है जो सामान है बाकी कुछ नहीं मिलता ,,,, आप के पास जब लिखने कुछ नहीं होगा और ब्लॉग पर पोस्ट तो ठेलनी है सो वही सही ,,,,, कहने को बहुत बड़ी प्रबुद्ध ब्लोगेर है (केवल विदेश में रहने,, और विदेशी चश्मे से देखने वाला कोई प्रबुद्ध होता है मै तो नहीं मानता ) और भाषा येसी की की (,,,,,,,,,,,,,,,,,,उसे भी शर्म आये,,,,,,,,,,,)
धन्य है आप
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
हूँ बात को बढ़ाना चढ़ाना तो कोई आप से सीखे ,,,, अरे भाई अगर उसने येसा कुछ लगा लिया तो उससे उसे मेल या तिपद्दी कर के बताया जा सकता था और कौन सी उसने कोई आप की कोई रचना चोरी की थी मैंने भी पढ़ा है कुछ लायने है जो सामान है बाकी कुछ नहीं मिलता ,,,, आप के पास जब लिखने कुछ नहीं होगा और ब्लॉग पर पोस्ट तो ठेलनी है सो वही सही ,,,,, कहने को बहुत बड़ी प्रबुद्ध ब्लोगेर है (केवल विदेश में रहने,, और विदेशी चश्मे से देखने वाला कोई प्रबुद्ध होता है मै तो नहीं मानता ) और भाषा येसी की की (,,,,,,,,,,,,,,,,,,उसे भी शर्म आये,,,,,,,,,,,)
धन्य है आप
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
यहाँ कुछ भी हो सकता है………………हर पल तैयार रहिये कमर कस कर्…………………जै हो चोरों की………हा हा हा………………वैसे उसका लिंक तो देना चाहिये था ताकि सरे आम बेनकाब तो होता।
Hi..
Parichay tera chura ke baitha..
Apne blog laga ke baitha..
Bhagya ka achha humko lagta..
Uska ye saubhagya hai dikhta..
Apna naam likha baitha wo..
Tera blog main aa baitha wo..
Ye aalekh samarpit usko..
Chor hai samjha tumne jisko..
Tere es prayas se sabne..uske naam ko jaana hai..
Tere sang use bhi sabne.. Ab dekho pahchana hai..
'Badnam hue to kya naam na hoga'.. Aapne yun to apni shikayat darz ki hai, par anjaane hi aapne us blogger ko bhi popular kar diya..
Sab us blogger ka link dhundh rahe hain.. Apne blog tak logon ko laane ka ye ek naya shagufa achha rahega..
Vaise badhai ho.. Ab aapka naam bhi swarnakshron se likha jane wala lagta hai.. Bade logon ki hi sab copy karte hain..hai na..
DEEPAK..
आप इन महापुरुष का नाम भी तो ब्लॉगजगत को बता दीजिए!
मिल गया जी पता ठिकाना!
अब तो सन्देह हो रहा है कि कही इसमें और भी माल चोरी का न हो!
हा हा हा …कौन है शिखा जी वो.. 🙂
हम ऐसे ही महा महान बन गए थे जब एक बार देखा की दो व्यक्तियों ने मेरा पूरा ऑरकुट का प्रोफाइल ही कॉपी पेस्ट मार दिया है 😉
खैर, आप तो खुशी मनाइए जी आप महा महान बन गयी हैं…
हा हा 🙂
ओह!!…तो ऐसे ऐसे लोग भी हैं, इस ब्लॉग जगत में……एक परिचय भी नहीं लिख सकते खुद से…और पोस्ट लिखने का शौक पाल बैठे हैं….और महाशय जी की अक्कल तो देखो…टिप्पणी देकर ट्रेल भी छोड़ दिया…वो तो भला हो तुम्हारी इस अच्छी आदत का…कि नवागंतुकों को शुक्रिया कहने चली जाती हो…हमारे जैसों को तो पता भी ना लगे…
चलो…इसी बहाने महानता की श्रेणी में नाम तो आ गया…:)
बड़ा मौलिक चोर है जी!
ha ha ha ha are kya baat hai ,,,,hota rahta hai .plz chek this out my blogs,am a new blogar,, * ▼ 2010 (6)
o ► June (1)
+ ताज महल नहीं तेजोमहल, मकबरा नहीं शिवमन्दिर ।।
o ▼ May (5)
+ नारी एक रूप अनेक by lovely
+ हिन्द की माता ,,,,,,,,,,,,हिन्दी
+ धरती कहे पुकार के,,,,,,,,,,,,
+ कन्या दान महादान [एक अजन्मी बच्ची ]
+ aankh
बुरी बात है जी
@प्रवीण जी,
पहले मैने आपकी टिप्पणी नहीं देखी थी….आप शिखा पर भाषा का इल्जाम लगा रहें हैं पर स्वर तो आपके कमेन्ट का भी बहुत उग्र है…और हम-आप कौन होते हैं देखने वाले कि कौन प्रबुद्ध है, कौन नहीं…इस तरह की छींटाकशी ठीक नहीं….यहाँ, सबका अपना ब्लॉग है,सबके अपने विरोध व्यक्त करने का तरीका है…कोई किसी को निर्देश नहीं दे सकता कि क्या करना चाहिए क्या नहीं.
लिंक नहीं दिया??
🙂
ये तो फेमस होना ही कहाया…जय हो!! बधाई ले लो और मिठाई खिलाओ!! 🙂
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प्रवीण जी,
सादर…
आपने जो रास्ता सुझाया वो वाकई लाजवाब है….सच ही मेल करके पूछा या कहा जा सकता था….लगता है कि आपने पूरी पोस्ट पढ़ी नहीं….ज़रूरी नहीं कि मेल ID हो…पर शिखा ने उनके ब्लॉग पर टिप्पणी की जो उन्होंने छापी भी नहीं और कोई जवाब भी नहीं दिया…अब यदि ये बात सरेआम कही गयी है तो पहले तो प्रयास किया ही होगा ना…
अपना लिखा चाहे परिचय ही क्यों ना हो कोई अपने ब्लॉग में बिना इजाज़त के लिख दे तो बुरा तो लगेगा ही ना…
मुझे आशा है की आप मेरी बात को अन्यथा नहीं लेंगे… आभार
वर्तनी अशुद्धि के कारण पहली टिप्पणी हटा दी गयी है
मुझे भी ऐसा लगता है .. आपने अपना परिचय इतना अच्छा लिखा है की चोरी करने का मन कर जाए ….
शिखा जी ! अच्छा लिखना आप के लिए सामान्य है . चोर के लिए श्रमसाध्य । अतः उसे आशीर्वाद दो जिससे उसका भला हो ।
चोरोँ के लिए भी साँफ्ट कार्नर रखो ।
यहाँ तो यह रोजमर्रा है । कवि सम्मेलनो मे हमारी उपस्थिति मे ही कथित कवि हमारी रचना पढकर वाहवाही लूट लेते हैं………-।
हम सब क्या कर सकते हैं . आशीर्वाद दो ।
उनको अच्छा लगा होगा, उन्होंने सोच, चलो..आपके ब्लॉग से बना बनाया उठा लेते हैं, बुरा मत मनाईए..क्या पता आपके प्रशंसक हो। चलता चलता है..अनुसरण तो इसे ही कहते हैं।
"अपने बारे में कुछ कहना कुछ लोगों के लिए बहुत आसान होता है, तो कुछ के लिए बहुत ही मुश्किल और मेरे जैसों के लिए तो नामुमकिन फिर भी अब यहाँ कुछ न कुछ तो लिखना ही पड़ेगा न तो सुनिए. by qualification एक journalist हूँ हमने शुरू कर दी स्वतंत्र पत्रकारिता..तो अब कुछ फुर्सत की घड़ियों में लिखा हुआ कुछ ,यदा कदा हिंदी पत्र- पत्रिकाओं में छप जाता है और इस ब्लॉग के जरिये आप सब के आशीर्वचन मिल जाते हैं.और इस तरह हमारे अंदर की पत्रकार आत्मा तृप्त हो जाती है.तो जी बस यही है अपना परिचय…"
ये है वो परिचय .
वैसे काजल जी की बात पर भी ध्यान दिया जाए
bahut majedar hadsa hai..ab koi had se gujar jaye to kaya ho? cahaliye isi bahane achha manoranjan huya.
एक वाकया सुनाऊँ -एक प्रोफ़ेसर साहब की पूरी किताब ही एक सज्जन ने अपने नाम से छपवा ली -प्रोफ़ेसर यह तो किसी तरह बर्दाश्त कर गए मगर उन्हें यह बात बेहद नागवार गुजरी की उस नामुराद लेखक ने उनका अक्नाल्ज्मेंट तक भी हूबहू छाप दिया था …अपना नाम तक नहीं डाला था ….प्रोफ़ेसर ने उसे लिखा कि भैये अक्नालेज्मेंट तो बदल लिए होते ….. आपका तो फिर भी गनीमत है …यहाँ बढियां चीज के तलबगार भी कोई कम नहीं -मुझे तो ऐसा लगता है अब आपकी फोटो भी कहीं और लगनी है 🙂 हर हंसी चीज के हम तलबगार हैं …..
आपके परिचय का अंदाज भा गया होगा बेचारे को … ….
पोस्ट के माध्यम से शुभकामना भेजने का अंदाज अच्छा लगा.
बधाई के आप हकदार हैं. स्वीकार करें.
heheehehe..are di….. aise hi log …qualification se patrkar rah jate hain …hehe …profession se nahi ..:P ….aish hai aap ki to ..log intro tak chura le rahe hain ..
.
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"अपने बारे में कुछ कहना कुछ लोगों के लिए बहुत आसान होता है, तो कुछ के लिए बहुत ही मुश्किल और मेरे जैसों के लिए तो नामुमकिन फिर भी अब यहाँ कुछ न कुछ तो लिखना ही पड़ेगा न तो सुनिए. by qualification एक journalist हूँ हमने शुरू कर दी स्वतंत्र पत्रकारिता..तो अब कुछ फुर्सत की घड़ियों में लिखा हुआ कुछ ,यदा कदा हिंदी पत्र- पत्रिकाओं में छप जाता है और इस ब्लॉग के जरिये आप सब के आशीर्वचन मिल जाते हैं.और इस तरह हमारे अंदर की पत्रकार आत्मा तृप्त हो जाती है.तो जी बस यही है अपना परिचय…"
यही है वह परिचय !
कभी कभी ऐसा होता है कि जो हम कहना चाहते हैं वही सब कुछ बेहतर शब्दों मे कह चुका होता है कोई… उन साहब ने यदि अपने परिचय में आपके परिचय की कुछ पंक्तियों का प्रयोग कर लिया है तो यह बताता है कि आपने अच्छा लिखा है…आपको खुश होना चाहिये… इस बात को इतना तूल देना अच्छा नहीं… मेरे विचार से… वैसे जरा दिमाग पर जोर डाल कर देखें तो बहुत ही कम काम मौलिक होता है… बाकी सब-कुछ तो हम सब लोग अपने से पहले आयों का लिखा-सुना दोहरा ही रहे होते हैं… जाने-अनजाने… यही दुनिया है।
जिस किसी की कोई रचना या लेख उसकी जानकारी के बगैर चुरा ली जाती है तो वह लेखक खुद ब खुद ठगित लेखक संघ का सदस्य बन जाता है। इसमें न कोई अध्यक्ष, न कोई लिखित नियम और न ही कोई गठन का प्रारूप…बस आपकी रचना चोरी होने की देर है बस 🙂
स्वागत है इस ठगित लेखक संघ में 🙂
वैसे जिस तेजी से संघ फंग बन रहे हैं उससे लगता है ठगित संघ फिर से ठगा गया 🙂
प्रवीण शाह से सहमत.
बात को बढ़ा दिया गया है.
परिचय चोरी की बात पहली बार सुनी है…! आश्चर्य हो रहा है.
हम रात-दिन न जाने कितने शब्दों की चोरी करते हैं, कितने फैशन की नकल करते हैं, बस उसका उद्देश्य यही होता है कि जो अच्छा लगा उसे ले लिया। अब कुछ लोगों को यह पता नहीं होता है कि किसी द्वारा लिखी गयी पंक्तियों को चोरी नहीं करनी चाहिए। लेकिन फिर भी सभी करते हैं। उस व्यक्ति से सीधे ही पूछ लीजिए उसकी मंशा, सब ठीक हो जाएगा।
द्रास्तुते! आपके ब्लोग पर आकर अच्छा लगा! अपने विश्वविद्यालय के समय रुसी के पाठयक्रम में प्रवेश तो लिया और मात्र दो शब्द ही सीख पाया ! वेसे एतो दोम एतो साद भी पढ़ा था अब सब भूल गया हूं! अनोखी चोरी हैरान करती है! खैर पकड़ में आया तो चोर नहीं तो साध ! दसविदानिया!
मतलब अब यह सोच लीजिये की आप का लेवल क्या है….? मैं ऐसे ही थोड़े ना कहता हूँ…. कि यू आर ग्रेट…. पर शुक्र है कि उन सज्जन ने आपकी फोटो नहीं चुराई….. हाय! कैसी लगती आपकी फोटो दाढ़ी और मूछ में……. ही ही ही ही ही ही ही …. बड़े अलग अंदाज़ से कराया है उन्होंने…. वैसे अगर वो फोटो चुराता ना…. मैं उसके ब्लॉग में घुस कर मारता…. आजकल वैसे भी डोले – शोले बहुत फड़क रहे हैं…… अगर अबसे कोई चुराए तो बताइयेगा……
मतलब अब यह सोच लीजिये की आप का लेवल क्या है….? मैं ऐसे ही थोड़े ना कहता हूँ…. कि यू आर ग्रेट…. पर शुक्र है कि उन सज्जन ने आपकी फोटो नहीं चुराई….. हाय! कैसी लगती आपकी फोटो दाढ़ी और मूछ में……. ही ही ही ही ही ही ही …. बड़े अलग अंदाज़ से चुराया है उन्होंने…. वैसे अगर वो फोटो चुराता ना…. मैं उसके ब्लॉग में घुस कर मारता…. आजकल वैसे भी डोले – शोले बहुत फड़क रहे हैं…… अगर अबसे कोई चुराए तो बताइयेगा……
यदि मैं चोर की जगह होता तो शायद इस खूबसूरत सी चोरी के लिए आपका शुक्रिया अदा करता और आपको सूचित जरूर करता।
मुझे चोर से जलने लगा हूं…. साला यह आइडिया अपने दिमाग में क्यों नहीं आया।
वैसे मैंने आपके बारे में एक बात सुनी है और वह यह कि आप जिन लोगों ने फालतू टिप्पणी की है उन पर आप ध्यान नहीं देती और काफी उदार है।
चोर को भी जीने-खाने दीजिए आपको दुआ देगा बेचारा।
माफ कीजियेगा शहर से बाहर थी इसलिए टिप्पणियाँ नहीं देख पाई.कुछ साथियों ने लिंक देने कि बात की है तो लिंक मैंने पोस्ट पर दिया है ( यहाँ ) पर क्लिक कीजिये नाम लिंक सब मिल जायेंगे
फिर भी यहाँ एक बार ओर दे देती हूँ 🙂
http://www.dpmishra.blogspot.com/
http://www.dpmishra.blogspot.com/
"@ प्रवीण शुक्ल ( पार्थी )..माफ कीजियेगा मेरी इस पोस्ट से आपको दुःख हुआ ..हालाँकि मैं जो कहना चाहती हूँ संगीता दी ने कह ही दिया. मैंने उन्हें टिप्पणी कि थी ओर मेल भी करना चाह पर ID नहीं मिला फिर भी इतना जरुर कहना चाहूंगी मैं प्रबुद्ध हूँ ये मैंने कभी नहीं कहा पर हाँ जो लिखती हूँ मौलिक होता है, और मन से, मेहनत से लिखती हूँ तो उसे कोई बिना इत्तला किये अपने नाम से अपना बना ले तो बुरा लगना जायज़ है .हो सकता है आप महान हों आपको बुरा न लगता हो .मैं इतनी महान नहीं .
कंहीं इसी को तो inspiration नहीं कहते….
जय हो..
कौन है शिखा जी वो……..
Congrats for attaining such height of greatness. ha ha , but i agree with you , its really bad to copy any concept from anyone whetehr its introduction or post.
wow
shandar chori he
चलिये टीआरपी टाइप की चीज तो मिली मिश्रा जी को..
Ha..ha..ha… bechare pakade jaate hain….
अरविन्द मिश्रा जी की टिप्पणी से सहमत.
जब कोई आपकी नक़ल करने लगे , आपका उदाहरण देने लगे या फिर आपकी कृतियों का इस्तेमाल करने लगे तो समझिये आप स्टार बन चुके हैं । बधाई जी ।
अमूमन कोमन है ….अलबत्ता चुराने वाला शायद कम समझदार है.
..वर्ना कुशल चुराने वाले कई ओर तरीके आजमाते है .आपके लेखन की शैली…..आपका स्टाइल .कई बार आपकी पुरानी पोस्टो को पढ़कर घुमा फिर कर लोग बेशर्मी से अपनी पोस्ट लिख देते है ….
टिप्पणियों को पढने से ऐसा प्रतीत होता है कि ब्लॉगजगत में ऐसा कर्म सामान्य बात है.
आपके ही शब्दों में,"महा -महान", बनने पर बधाइयाँ |
अब क्या बोलूँ.. सबने तो बोल दिया.
hota he esa, kintu karne vaale ki himmat ki daad deni chahiye..jo di bhi he kher.., aapki rachna mera/usakaa chaand padhh rahaa thaa..satik aour marm ko chhooti se lagi..behatar likhati he aap.
Hi..
Hum Etne din se etne blogs ka peechha kar-kar ke bekar hi pareshan ho rahe hain..ki esi bahane koi humare blog ki taraf bhi nazar-e-enayat kar de..
Kash hum bhi Shikha ji ke blog se kuchh chura kar apne naam se chhap dete..
Aur kuch bhale na milta par kam se kam etne pathak to humare blog ka aapse pata puchh rahe hote…aur naam to naam ek post hi humare naam ki samarpit milti..haha
Mahfooz bhai.. Ye foto churane ka kam aap hi kar sakte hain..haha..
Tab Agli post par hum aapki charcha kar rahe honge..
Vaise bhi,
Kshma Badan ko chahiye..chottan ko utpaat..
So jaisa ki Arunesh Bhai ne likha hai..
Eski hi khushi manayiye ki parichay hi churaya gaya.. Blog to bach gaya..
Prasann rahiye..
DEEPAK..
Hi..
Hum Etne din se etne blogs ka peechha kar-kar ke bekar hi pareshan ho rahe hain..ki esi bahane koi humare blog ki taraf bhi nazar-e-enayat kar de..
Kash hum bhi Shikha ji ke blog se kuchh chura kar apne naam se chhap dete..
Aur kuch bhale na milta par kam se kam etne pathak to humare blog ka aapse pata puchh rahe hote…aur naam to naam ek post hi humare naam ki samarpit milti..haha
Mahfooz bhai.. Ye foto churane ka kam aap hi kar sakte hain..haha..
Tab Agli post par hum aapki charcha kar rahe honge..
Vaise bhi,
Kshma Badan ko chahiye..chottan ko utpaat..
So jaisa ki Arunesh Bhai ne likha hai..
Eski hi khushi manayiye ki parichay hi churaya gaya.. Blog to bach gaya..
Prasann rahiye..
DEEPAK..
अब तो भाई जमाना चोरी का ही है बहुत हो तो मौलिकता मिल जाए तो मिल जाए नही तो कुछ इधर से तोडा कुछ उधर से तोडा और मिला जुलाकर बना दिया कुछ ऐसा जिसका नाम हुआ सुंदर जोडा …देखा
ओ अम्मा रे,
ई तो बड़ी खतरनाक बात है, आज इंट्रो का चोरी किया है, कल फोटो का होगा, राम जाने परसों का चोरी कर लें, हम अभी रक्षा मंत्रालय मा एक आवेदन लगाते हैं, कि हम सभी ब्लोगर्स कि सुरक्षा के लिए एक विशेष सुइरक्षा बल, और उस पर नियंत्रण के लिए संसदिए बोर्ड कि एक समिति बने जाये, वैसें कहबे खां परी है के दिओसा आपकी कलम का जादू आजकल पूरे रंग मा है,
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देखो गूगल ने हमको ये सिखा दिया है कि कहाँ से क्या सर्च किया जाए और कॉपी कर लिया जाय. सो कर लिया अब ये क्या पता था कि तुम वहाँ पहुँच कर पकड़ ही लोगी. वैसे इससे तुम्हारी कीमत पता चल गयी है कि लोग तुम्हारी कलम से लिखे हुए को चुराने में कितना रूचि रखते हैं. कुछ हम भी चुरा लें ????????????? चलेगा न.
"अपने बारे में कुछ कहना कुछ लोगों के लिए बहुत आसान होता है, तो कुछ के लिए बहुत ही मुश्किल और मेरे जैसों के लिए तो नामुमकिन फिर भी अब यहाँ कुछ न कुछ तो लिखना ही पड़ेगा न तो सुनिए ………………………………..SHIKHA MAIN BHI LAGAA LOON……???LAGAA LENE DO NAA PLIZ…..RAAM TUMHARA BHALAA KARENGE…
…..AYE SHIKHA…..LAGAANE DETI HAI YAA NAHI…..KI DIKHAAUN PISTEL……TAMANNCHA
…..SEEDHI TARAH TO KOI MAANTAA HI NAHI….HAAAN NAHIN TO……..!!!!
अरे भई चोरी करने की भी हिम्मत होनी चाहिये ये कला भी किसी किसी को आती है
सुमन जी की बात भी सही है
बहुत छोटा चोर हे वो, जो थोड़े ही में संतुष्ट हो गया ,
निकम्मा चोर रहा होगा, चोरी में भी निकम्मापन,
में चुराऊंगा तो पूरा ही चुराऊंगा, आधे -अधूरे से काम नही चलता अपुनका, तो शिखा दी ग्रेट तैयार हो जाओ, अब चुरने के लिए आधुनिक सीता को , आधुनिक रावण चुराने आ रहा हे,
हा हा हा हा हा हा हा हां,
hota hai aisa isase gabaraana nahi chahiye
CONGRATS, जब कोई आपकी नक़ल करने लगे , आपका उदाहरण देने लगे या फिर आपकी कृतियों का इस्तेमाल करने लगे तो समझिये आप स्टार बन चुके हैं । बधाई जी
यहाँ पर मैंने एक कमेन्ट चोरी की है , डॉ टी एस दराल KEE
SORRY
हा…हा…कमाल है शिखाजी , आपकी तारीफ करना क्या बुरी बात है ..हा ….हा….हा….हा…..
आनंद आ गया इस पोस्ट में ! खूब हंसाने के लिए शुक्रिया !
शिखा जी हमें भी आपका इंट्रो पसंद आया सो हमने भी लगा लिया अपने ब्लाग पर। जरा हमारा जिक्र भी करें।
वैसे ब्लाग चोरों की खूब खिंचाई होगई इस बहाने। शुक्रिया।
शिखा जी हमें भी आपका इंट्रो पसंद आया सो हमने भी लगा लिया अपने ब्लाग पर। जरा हमारा जिक्र भी करें।
वैसे ब्लाग चोरों की खूब खिंचाई होगई इस बहाने। शुक्रिया।
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