आत्मा से जहन तक का, रास्ता नसाज है या भावनाओं का ही कुछ, पड़ गया आकाल है दिल के सृजनात्मक भाग में आज़कल हड़ताल है। हाथ उठते हैं मगर शब्द रचते ही नहीं होंट फड़कते हैं मगर बोल फूटते ही नहीं पन्नों से अक्षर का रिश्ता लग रहा दुश्वार है दिल के सृजनात्मक भाग में चल रही हड़ताल है चल रहीं…





