अभी एक समाचार पत्र में एक पत्र छपा था .आप भी पढ़िए. नवम्बर २०१०(लन्दन ) ये एक खुला पत्र है उस आदमी के नाम जिसने बुधवार १७ नवम्बर को मेरी कार चुरा ली. मैं यह पत्र इसलिए लिख रही हूँ कि शायद अगली बार तुम या कोई और ऐसा करने से पहले २ बार सोचे.पिछले बुधवार काम से वापस आते हुए मैंने…