आलेख

उसे इंडिया वापस जाना है. क्योंकि यहाँ उसे घर साफ़ करना पड़ता है ,  बर्तन भी धोने होते हैं ,  खाना बनाना पड़ता है.  बच्चे को खिलाने के लिए आया यहाँ नहीं आती.  जब उसे जुखाम हो जाए तो उसकी माँ नहीं आ सकती .  फिल्मो में होली,दिवाली के दृश्य देखकर उसे हूक उठती है. कि उसका बच्चा वह मस्ती नहीं…

अपने देश से लगातार , भीषण गर्मी की खबरें  मिल रही हैं, यहाँ बैठ कर उन पर उफ़ , ओह , हाय करने के अलावा हम कुछ नहीं करते, कर भी क्या सकते हैं. यहाँ भी तो मौसम इस बार अपनी पर उतर आया है. तापमान ८ डिग्री से १२ डिग्री के बीच झूलता रहता है. घर की हीटिंग बंद किये महीना…

होली आने वाली है। एक ऐसा त्योहार जो बचपन में मुझे बेहद पसंद था। पहाड़ों की साफ़ सुथरी, संगीत मंडली वाली होली और उसके पीछे की भावना से लगता था इससे अच्छा कोई त्योहार दुनिया में नहीं हो सकता।फिर जैसे जैसे बड़े होते गए उसके विकृत स्वरुप नजर आने लगे। होली के बहाने हुडदंग , और गुंडा गर्दी जोर पकड़ने लगी…

पिछले दिनों एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक एक 16 साल के लड़के को 15 हूडी लड़कों ने चाकू से गोदकर बेरहमी से सरे आम सड़क  पर मार डाला . वह बच्चा छोड़ दो  , ऐसा मत करो की गुहार लगाता रहा और वे उसे चाकू से मारते रहे। यह इस साल का लन्दन में होने वाला पहला नाबालिक लड़के का खून है , जबकि पिछले साल 17 वर्षीय एक…

यदि विदेशी धरती पर उतरते ही मूलभूत जानकारियों के लिए कोई आपसे कहे कि पुस्तकालय चले जाइए तो आप क्या सोचेंगे? यही न कि पुस्तकालय तो किताबें और पत्र पत्रिकाएं पढ़ने की जगह होती है, वहां भला प्रशासन व सुविधाओं से जुड़ी जानकारियां कैसे मिलेंगी। यह बात शत प्रतिशत सच है। खासकर इंग्लैंड में। यहां आपको बेशक घर ढूंढ़ना हो,…

कुछ ताज़ी हवा के लिए खिड़की खोली तो ठंडी हवा के साथ तेज कर्कश सी आवाजें भी आईं, ठण्ड के थपेड़े  झेलते हुए झाँक कर देखा तो घर के सामने वाले पेड़ की छटाई हो रही थी।एक कर्मचारी सीढियाँ लगा कर पेड़ पर चढ़ा हुआ था और इलेक्ट्रिक आरी से फटाफट टहनियां काट रहा था, दूसरा ,थोड़ी दूरी पर ही ट्रक के साथ रखी मशीन…

 हम बचपन से सुनते आये हैं ” डर के आगे जीत है ” , जो डर गया समझो मर गया ” वगैरह वगैरह। परन्तु सचाई एक यह भी है कि कुछ भी हो, व्यवस्था और सुकून बनाये रखने के लिए डर बेहद जरूरी है। घर हो या समाज जब तक डर नहीं होता कोई भी व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चल सकती।…

अपनी स्कॉटलैंड यात्रा के दौरान एडिनबरा के एक महल को दिखाते हुए वहां की एक गाइड ने हमें बताया कि उस समय मल विसर्जन की वहां क्या व्यवस्था थी। महल में रहने वाले राजसी लोगों के पलंग के नीचे एक बड़ा सा कटोरा रखा होता था। जिसमें वह नित मल त्याग करते थे और फिर उसे सेवक ले जाकर झरोखों / खिडकियों से नीचे…

आँखों में ये खारा पानी कहाँ से आता है किस कैमिकल लोचे से यह होता है,सबसे पहले किसकी आँख में यह लोचा हुआ और क्यों ? और कब इसे एक इमोशन से जोड़ दिया गया,और कब एक स्त्रियोचित गुण बना दिया गया,यह सब हमें नहीं मालूम। हाँ इतना जरूर मालूम है कि, काफी समय से इस पर महिलाओं की मोनोपोली रही है। मर्दों के लिए यह…

बोर हो गए लिखते पढ़ते आओ कर लें अब कुछ बातें कुछ देश की, कुछ विदेश की हलकी फुलकी सी मुलाकातें। जो आ जाये पसंद आपको तो बजा देना कुछ ताली पसंद न आये तो भी भैया न देना कृपया तुम गाली। एक इशारा भर ही होगा बस टिप्पणी बक्से में काफी जिससे अगली बार न करें हम ऐसी कोई  गुस्ताखी। तो…