देशकाल, परिवेश जो भी हो. सभ्यता के प्रारंभ से ही मनुष्य प्रकृति की तरफ आसक्त था. वह जानता था कि प्रकृति सबसे महत्वपूर्ण है अत: प्रकृति को ही पूजता था. उसी के संरक्षण के लिए उसने अपनी आस्था से जुड़े त्यौहार और रिवाज बनाये जिससे कि लोग उनका पालन श्रृद्धा के साथ कर सकें. यही कारण है कि आज भी…

एक बेहद दुखद सूचना अभी अभी मिली है कि प्रख्यात हिंदी साहित्यकार डॉ. विवेकी राय का आज सुबह पौने पांच बजे वाराणसी में निधन हो गया है। बीते 19 नवंबर को ही उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती से भी सम्मानित विवेकी राय जी ने हिंदी में ललित निबंध, कथा साहित्य, उपन्यास के साथ साथ भोजपुरी साहित्य में भी एक आंचलिक उपन्यासकार…

अमरीका के एक प्रसिद्ध लेखक रे ब्रैडबेरि का कहना है कि अपनी आँखों को अचंभों से भर लो, जियो ऐसे कि जैसे अभी दस सेकेण्ड में गिर कर मरने वाले हो, दुनिया देखो, यह कारखानों में बनाए गए या खरीदे गए किसी भी सपने से ज्यादा शानदार है. वाकई घुमक्कड़ी, यायावरी या पर्यटन ऐसी संपदा है जो आपके व्यक्तित्व को अमीर बनाती है और शायद…

रोमांच की भी अपनी एक उम्र होती है और हर उम्र में रोमांच का एक अलग चरित्र. यूँ तो स्वभाव से रोमांचकारी लोगों को अजीब अजीब चीजों में रोमांच महसूस होता है,स्काइडाइविंग , अंडर वाटर राफ्टिंग, यहाँ तक कि भयंकर झूलों की सवारी, जिन्हें देखकर ही मेरा दिल धाएं धाएं करने लगता है. मेरे ख़याल से रोमांच का अर्थ प्रसन्नता…