ये जो लाल ईमारत देख रहे हैं न. तो यह लाल रंग बैल के खून से बनाया जाता था. अब बैल के खून से ही क्यों? सूअर या किसी और के खून से क्यों नहीं ? तो वह इसलिए कि बैल का खून सबसे महंगा होता था और तब रईसों की शान का यह एक दिखावा था. आज यह यूरोप के उस डार्क एज के एक भयानक सच की याद दिलाता है.

ये जो इतनी खिडकियों वाली इमारत है इसका मालिक भी बहुत अमीर रहा होगा. क्योंकि उस काल में उन खिडकियों पर कर {टैक्स) लगता था जिनसे छन कर सूर्य की रौशनी आये. यानि जितनी खिड़की उतना कर. इसे लाइट रोबरी कहा जाता था. यह फ्रांसीसियों की देन थी.

और ये जो बड़े, कलात्मक, खूबसूरत खूबसूरत घर हैं, जो अब अपनी आब खो रहे हैं. ये पहचान हैं कि कैसे डच लोग रहा करते थे और अब इनकी संभाल के लिए किसी के पास पैसा नहीं है. क्योंकि ये सब यूनेसको द्वारा संरक्षित हैं अत: आप इनके रूप स्वरुप में कोई परिवर्तन नहीं कर सकते और इन्हें इसी तरह मेंटेन करने का पैसा किसी के पास नहीं है.

तो यह है बेल्जियम का सबसे खूबसूरत शहर / टाउन ब्रूज़.

उत्तर पश्चिमी बेल्जियम में वेस्ट फ़्लैंडर्स की राजधानी ब्रूज़ अपनी नहरों, पक्की ईंटों वाली सड़कों और मध्ययुगीन इमारतों के कारण बाकि शहरों से अलग है। इसका बंदरगाह,  मछली पकड़ने और यूरोपीय व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। सिटी सेण्टर के चौराहे पर, 14वीं सदी के सिटी हॉल में एक नक्काशीदार छत है। पास में, मार्कट स्क्वायर में 13वीं सदी का घंटाघर है जिसमें 47-घंटियों वाला कैरिलन और मनोरम दृश्यों वाला 83 मीटर का टॉवर है

हर कुछ कदम पर यूरोपीय मध्ययुगीन समय का एक संग्रहालय, चर्च या किले वाला शहर. पूरे शहर के बीच बिछी हुई कनालों वाला शहर और चॉकलेट और बफल की खुशबू से भरा हुआ यह शहर मंत्रमुग्ध कर देता है.

यूँ बेल्जियम की राजधानी ब्रसल्स है जो यूरोपियन यूनियन का मुख्यालय भी है. ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से निकलने के बाद उसका हेड ऑफिस/पार्लियामेंट जाना अजीब सी भावना से भर देता है। जैसे छोड़े हुए घर को फिर से देखने आए हों। इसका एहसास ब्रिटेन वासियों को हो या न हो पर बाकियों को तो होता है।

पार्लियामेंट के रिसेप्शन पर बैठे महोदय ने मुझे देखकर हिन्दी में “नमस्ते” कहा फिर मेरा परिचय पत्र देखकर पूछा – आप ब्रिटिश नागरिक हो? मेरे हाँ कहने पर उसने मजाकिया ताना मारा – so you are not obliged.

भव्य है यह लोकतंत्र का संसद। इमारत के बीच में एक लोहे का बड़ा सा स्ट्रक्चर बना है जो प्रतीक है इयू के सभी सदस्यों के आपस में एकजुट होने का। इसमें से एक भी शाखा निकाली तो पूरा स्ट्रक्चर ढह जाएगा।

परन्तु उस शहर में इयु की संसद और सिटी सेण्टर एक चौराहे के अलावा मुझे कुछ भी आकर्षित नहीं करता. सिटी सेण्टर के चौराहे पर ही कुछ मुख्य इमारतें हैं, जो बेहद खूबसूरत है. रात में इनकी आभा चकाचौंध करती है. सबसे ज्यादा चहल पहल बस इसी इलाके में देखी जा सकती है. वह भी मार्च के बाद. सर्दियों में 25 दिसंबर से फरवरी तक का समय एकदम उदासीन होता है और लगभग मृत शहर जैसा आभास देता है. इसी चौराहे पर एक ईमारत में है दुनिया में सबसे अधिक बियर और सबसे अधिक प्रकार एवं ब्रांड की बीयर बनाने वाले देश का एक बियर म्यूजियम-

यह शहर 120 प्रकार की और 580 ब्राण्ड की बीयर बनाता है। ‘द बीयर वर्ल्ड” नाम के इस म्यूजियम में बियर का सारा इतिहास, भूगोल और विधियाँ बताई गईं हैं। यहाँ एक गतिविधि के दौरान मैंने भी एक बीयर बनाई, जिसमें मैंने धनिया के बीज डाल दिये। रिजल्ट आया – yummy. यानी मैंने बढ़िया बियर बनाई थी।

बाद में पता चला ऐसी धनिया बीज के फ्लेवर वाली बियर वहाँ बनती और मिलती भी है। जिसे हमने उनके रूफ टॉप बार में चखा भी।

बेल्जियम को फ्रेंच फ्राइज़ की मातृ भूमि और बियर की पितृ भूमि कहा जाता है.

लंबे कटे, तले हुए आलू के चिप्स जिन्हें दुनिया फ्रेंच फ्राइज़ के नाम से जानती है, इनका अविष्कार ब्रसल्स में ही हुआ था और इन्हें यहाँ टमाटो कैचप नहीं, बल्कि सुमरइ, ट्रफल, ब्राज़ील, माफिया आदि विभिन्न स्वाद वाले मेयोनेज़ के साथ खाया जाता है।

कहने का तात्पर्य यह कि – बेल्जियम में फ्रेंच फ्राइज़, चॉकलेट, बफल और बीयर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यानी खाओ पीओ ऐश करो।

हाँ! ब्रसल्स में एक चीज और प्रसिद्ध है – सुसू करते हुए एक छोटे बच्चे का पुतला – Manneken Pis. इसका निक नाम है – लिटिल जूलियन।

हालांकि यह अब नकली पुतला है यहाँ। असली पुतला चोरों के डर से ब्रसल्स के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा हुआ है।

असल में यह पुतला ब्रसल्स वासियों के लिए पीने के पानी की उपलब्धता का द्योतक था कालांतर में इसके पीछे कई किवदंतियाँ और कहानियाँ भी गढ़ दी गईं।

सबसे लोकप्रिय यह कि कैसे एक छोटे लड़के ने शहर को बचाया। शहर दुश्मनों से घिरा हुआ था, उन्होंने शहर के नीचे टनों बारूद डाल दिया था।

इस लड़के ने जलता हुआ फ्यूज देखा और उस पर पेशाब कर दिया.

जो भी हो, यह पुतला बेल्जियम का राष्ट्रीय प्रतीक है एवं ब्रसल्स के मुख्य आकर्षणों में से एक है और हर तरह की चीज इस पुतले के सुविनियर के रूप में शहर, देश, दुनिया भर में बनाई और बेची जाती है।

इन सभी जगहों को एक ही दिन में पूरा घूमा जा सकता है अत: दूसरे दिन मैंने होटल की रिसेप्सनिस्ट से पूछा कि यहाँ कोई दूसरा शहर है क्या जो देखने लायक हो, बेशक छोटा हो. तब उसने मुझे ब्रूज़ के बारे में बताया और उसी दिन मैं ट्रेन की टिकट लेकर डेढ़ घंटे में ब्रूज़ पहुँच गई.

ब्रसल्स मुकाबले यह छोटा सा शहर ब्रूज़ एक खूब्रूरत कैनवास का सा एहसास देता है. शहर का मुख्य इलाका और एतिहासिक मूल्य की इमारतें युनेसको हेरिटेज साईट में शामिल हैं. और इनके बीच से निकलती हैं कनालें, जिनपर नौका विहार करना इंग्लैंड के कैम्ब्रिज और ऑक्सफ़ोर्ड में पंटिंग करने जैसा अनुभव देता है. अनगिनत म्यूजियम और गेलेरी के अलावा यहाँ एक टॉर्चर म्यूजियम भी है जो कभी जेल हुआ करता था और अब मेडिवल काल में कैदियों की हालत को बयाँ करता है.

बियर और फ्रेंच फ्राईज के अलावा बेल्जियम, चॉकलेट और बफल का भी जन्मदाता है अत: पूरा शहर इनकी खुशबू से महकता रहता है. हर गली में अनेकों खूबसूरत दुकाने हैं जहाँ न जाने कितने तरह की चॉकलेट सजी रहती हैं. शहर के मुख्य चौराहे के पास ही बेल्जियम चॉकलेट के सबसे पुराने ब्रांड की दूकान भी है.

ब्रूज़ को एक वाक्य में कहना चाहूँ तो – इस शहर की हर इमारत खूबसूरत रंगों की एक  तस्वीर है और शहर का हर कोना कैमरे की कैद में आने को बेताब रहता है. तो बस मैंने भी जितने दृश्य भर सकती थी अपनी नज़रों और कैमरे में भर कर संजोये और फिर इस प्यारे से शहर को तोत सीन्स (फिर मिलेंगे) कह दिया.