ब्रिटेन आजकल एक अजीब दौर से गुजर रहा है। हाल ही में, लाखों ब्रिटिश नागरिक लंदन की सड़कों पर अपनी आज़ादी और अधिकार मांगते हुए नज़र आए। उनका कहना है कि उन्हें अपना देश वापस चाहिए, क्योंकि अब यह देश उनके लिए पहले जैसा नहीं रहा। वे महसूस करते हैं कि वे अब अपने ही देश में अल्पसंख्यक बन गए…

क्योंकि हमने पढ़ना छोड़ दिया है – – हमारी अभिव्यक्ति में गलत , अभद्र शब्दों का प्रयोग होता है क्योंकि हम सही और सुन्दर शब्दों का प्रयोग जानते ही नहीं। – अपने भावों को अभिव्यक्त करते समय क्रोध, घृणा, पैर पटकना, आदि क्रियाओं को काम में लेते हैं क्योंकि किसी भाव को उपयुक्त शब्दों से अभिव्यक्त करना हम नहीं जानते।…

विज्ञान कभी भी अपने दिमाग के दरवाजे बंद नहीं करता। बेशक वह दिल की न सुनता हो परंतु किसी भी अप्रत्याशित, असंभव या बेबकूफाना लगने वाली बात पर भी उसकी संभावनाओं की खिड़की बन्द नहीं होती। यही कारण है कि आज हम बिजली का बल्ब, हवाई जहाज या टेलीफोन जैसी सुविधाओं का सहजता से उपयोग करते हैं जिनकी इनके अविष्कार…

भाषा – सिर्फ शब्दों और लिपि का ताना बाना नहीं होती. भाषा सम्पूर्ण संस्कृति होती है और अपने पूरे वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है. खासकर यदि वह भाषा किसी पाठ्यक्रम में इस्तेमाल की जाए वह भी छोटे बच्चों के तो उसपर थोड़ा विचार अवश्य किया जाना चाहिए. क्योंकि प्रारंभिक शिक्षा और किताबों का उद्देश्य नौकरी दिलाना या साहित्य पढ़ाना…