Venice city
बहुत साल पहले एक फिल्म आई थी ” द ग्रेट गेम्बलर ” उसमें अमिताभ बच्चन और जीनत अमान पर एक गाना फिल्माया गया था ” दो लफ़्ज़ों की है दिल की कहानी ” वेनिस में गंडोले (एक तरह की लम्बी नोंक वाली नाव जिसे नाविक उसके पिछले छोर पर खड़ा होकर चलाता है ) पर फिल्माए इस गीत ने बचपन में ही मुझे वेनिस से प्यार करा दिया था.जिस उम्र में बच्चे “डिजनी वर्ल्ड ” जाने का सपना देखते हैं ,वहां मैने वेनिस जाने की कल्पना कर डाली थी. मन ही मन सोच लिया था कि वहाँ उस गंडोला वाले को यही गीत “ओ मोरे मिओ (गीत की पहली पंक्ति जो इटालियन भाषा में है ) गाने को कहूँगी. तब किसने सोचा था कि जिन्दगी ये मौका भी देगी. हम तो ये सोच कर भूल गए कि “न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी“पर कहते हैं न कि सपने जरुर देखने चाहिए तभी हम उनके पूरा होने की उम्मीद कर सकते हैं. तो वह दिन भी आया जब हम मेरे सपनों के उस शहर में खड़े थे और उसे उस फिल्म के दृश्य से मिलाने की कोशिश कर रहे थे.
A Museum in Venice.उत्तरी इटली का एक छोटा सा शहर वेनिस- लगभग १७७ छोटे -छोटे द्वीपों से घिरा हुआ, जिसकी खूबसूरती किसी हसीन पेंटिंग की तरह लगती है, कल्पना से कोसों दूर हम कहाँ ये सोच सकते हैं कि कोई शहर ऐसा भी है जहाँ सड़क ही नहीं है. पानी है सिर्फ पानी। खुबसूरत कनाल बिछी हुई हैं पूरे शहर में और ४०० से ज्यादा पुल हैं. जब सड़क ही नहीं है तो उस पर चलने वाले वाहन कहाँ से आयेंगे सो कोई कार, बस, रेल यहाँ तक कि स्कूटर या बाइक का नमो निशान नहीं दीखता.अजीब शहर है. सारी सुविधाएँ है जैसे-टैक्सी ,बस पर सब पानी में चलती है. (वाटर टैक्सी ,वाटर बस) आपको कहीं भी जाना है शहर में, यही एक मात्र साधन हैं आपके पास या फिर पैदल चलिए. कहीं परियों के देश सा कुछ एहसास होने लगता है. यह शहर इस दुनिया का तो नहीं लगता …यूँ वेनिस में काफी होटल हैं परन्तु ट्रांसपोर्ट की कठिनाइयों के कारण काफी महंगे होने की वजह से अधिकांश ट्यूरिस्ट वेनिस के बाहर किसी शहर में रुकना पसंद करते हैं और वहां से नाव द्वारा वेनिस की सैर किया करते हैं. परन्तु हमने ठीक वेनिस में ही पानी से घिरा हुआ एक होटल चुना। मिलान से युरोरेल के द्वारा हम वेनिस के सांता लुसिआ रेलवे स्टेशन पर उतरे और वहां से एक वाटर टैक्सी के द्वारा उस होटल में. डुप्लेक्स की तरह का २ कमरों का वह फैमिली सुइट बेहद खूबसूरत था. परन्तु दीवारों और फर्नीचर पर एक अजीब सी सीलन थी. जो भी हो वेनिस में जल महल जैसा एहसास कराने के लिए यह सीलन बुरी नहीं थी. होटल से सैर करने की सारी जानकारी लेकर हम बाहर निकले तो एक वाटर टैक्सी फिर हमारा इंतज़ार कर रही थी.अनगिनत चर्चों के साथ यह शहर एक सांकृतिक और व्यापारिक केंद्र भी है. साल भर सेलानियों को लुभाने के लिए बहुत से कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं यहाँ। क्रिसमस पर होने वाला कार्निवाल तो दुनिया भर में प्रसिद्ध है जिसमे खुबसूरत मास्क पहन कर लोग निकलते हैं, और इन मास्क की फैक्ट्री और दुकानों की भव्यता देख कर गश आने लगता है. बहुत से संग्रहालय और आर्ट गैलरियां हैं. और बहुत ही खुबसूरत ग्लास फैक्टरी है जहाँ जाकर हमें एहसास हुआ कि हमारे भारत के लोग कितने अमीर हैं क्योंकि वहाँ के एक दुकानदार ने बताया कि उनके यहाँ से ६०% माल भारत के लिए निर्यात किया जाता है.खैर इन सब को छोडिये। मुझे जो वेनिस की दो चीज़ें बहुत पसंद आईं जिसमें एक थी – शहर की बनावट। लम्बी लम्बी पानी की कनाले, उन पर चलती हुई मोटर बोट, शहर की छोटी छोटी पानी की गलियों से जाते हुए गंडोले, इमारतों की दीवारों पर जमी हुई काई. किसी काल्पनिक लोक में होने का सा एहसास देते है.यह एक सपनों का शहर है जहाँ की हवाओं में प्यार है, फिजाओं में रोमांस है, उसपर गंडोला की दिलकश यात्रा.हालाँकि अपने बचपन के उस सपने को पूरा करने के लिए मुझे काफी मशक्कत करनी पड़ी। क्योंकि वेनिस यूरोप का सबसे महंगा शहर है और ये वहाँ काम करने वाले लोग बड़े फक्र से आपको जताते हैं कि साहेब ! पैसे बचाने थे तो वेनिस क्यों आये?. तो जी गंडोला की एक ट्रिप का दाम था £१०० और ये सुन कर हमारी सांस कुछ अटक सी गई थी. पर फिर हिम्मत बांधी और अपना हिन्दुस्तानी रास्ता आजमाया. थोड़ी बहुत मेहनत गंडोला वाले से मोल भाव करने में लगी और थोड़ी पतिदेव को इमोशनल ब्लेकमेल करने में. आखिरकार £80 में दोनों मान गए और हम चढ़ गए गंडोले पर. हाँ यहाँ ये बताती चलूँ कि उसपर चढते ही मैंने अपनी फ़रमाइश रख दी गंडोले वाले से, कि गाना सुनाओ। वह और भी झक्की निकला, कहने लगा, ये तो पुरानी बात हो गई अब कोई नहीं गाता, न ही किसी को वे लोकगीत अब आते हैं. हमने कहा अरे इतने पैसे दिए हैं गाना तो हम सुनकर जायेंगे और दूसरी नाव वाला भी तो गा रहा है तुम्हें क्या गुरेज़ है. लोकगीत नहीं तो कुछ भी सुना दो.वह ठहाका लगा कर हँसने लगा बोला, आपको क्या पता वो क्या गा रहा है ? वो तो हमें पता है. टीपिकल इतालवी में गालियां दे रहा है. अब सकपकाने की बारी हमारी थी. पर बचपन का सपना था तो छोड़ने वाली तो मैं थी नहीं हम, अत: उसे वही दो लाइन ओ मोरे मिओ” बताईं और कहा- ये ही गाओ बार बार. हमारी जिद देख आखिर उसने २ लाइन सुना ही दीं और हमारे पैसे वसूल हो गएGandola venice ki galiyon main. Venetian Mask
पूरे ट्रिप के दौरान उसने कुछ बड़े -बड़े लोगों के घर दिखाए। जिसमें से लेओनार्दो डी विन्ची का घर भी था. कुछ पल को लगा कि जरूर इसी बालकोनी में बैठकर मोनालिसा बनी होगी इसलिए उसमें इस जगह का जादू समा गया होगा. एक बात जो वहाँ जगह-जगह पर अचंभित करती है वह यह कि आपके घर की खिड़की हो या दरवाजा, पानी में ही खुलता है. घर से निकले तो नीचे पानी. आपके स्कूटर या कार की जगह खड़ी है नाव. बैठिये और चल पढ़िए। फिर रैस्टोरेंट जाना हो या राशन की दुकान, उसी से जाना होगा. हाँ रैस्टोरेंट से याद आया. दूसरी चीज़ जो वहां हमें बहुत पसंद आई, वह था वनेशियन खाना। वहां जाकर हम मांसाहारी से शाकाहारी बन गए थे. वो कहते हैं न when there is so much to eat why eat meat ?. पिज्जा और पास्ता की इतनी किस्में मैने और दुनिया में कहीं नहीं देखी वे भी शाकाहारी। परन्तु भाषा की समस्या से कुछ सब्जियों को समझने में भी खासी कठिनाई आती थी. हालाँकि एक ट्यूरिस्ट स्थल होने के कारण काम चलाऊ अंग्रेजी वहां के सभी कर्मचारी बोल समझ लेते हैं परन्तु उच्चारण की भिन्नत्ता के कारण कई बार साधारण सी बात समझने में भी खासी मशक्कत हो जाती है. एक पालक और बैगन वाला पिज़्ज़ा समझाने के लिए बेचारे वेटर को पूरी एक्टिंग करके दिखानी पड़ी. खैर इससे पहले की मेरे मुँह में फिर से पानी आये, आगे बढ़ते हैं.
बहुत सुन्दर संस्मरण….पढ़ कर मन हो रहा है की एक नज़र हम भी देख लें….बहुत सारी जानकारी के साथ लिखा है…लिखने की कलात्मकता पढाते ही बनती है ….बहुत खूब
अरे वाह वीनस नाम से से रूमानी खुशबु आती है 🙂 अभी देख कर दिल हो रहा है है काश …चलिए हम भी सपने देखते हैं वहां जाने के …सुन्दर बहुत अच्छा लिखा आपनेशुक्रिया
वेनिस तो बस जैसे सबके सपनो का शहर ही है….अनगिनत बार फिल्मो में देखा है (ग्रेट गैम्बलर नहीं :),अंग्रेजी फिल्मो में)…और जैसे आँखों में बस जाती हैं वे छटाएं…आज तुम्हारी नज़रों से देखना ज्यादा भाया,बहुत ही खूबसूरती से बयाँ किया है…जैसे सारे दृश्य ही उकेर दिए हैं,आँखों के समक्ष….सब कुछ इतना सुन्दर…संस्मरण पढ़ें या कविता या बस तस्वीरें ही देखते रहें….
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Shikha maam, bahut sundar tasweeron ke jariye Venice ki sair karane ke liye bahut bahut shukriya… yahan lab me mera ek friend hai Venice se.. kai baar aane ki jid kar chuka hai
is baar hoke hi aata hoon, is sapnon ke shahar me..
Jai Hind…
मुझे ऐसा लगता है कि आप पिछले जन्म में Princess of Venice ही थीं….. और देखने में तो आप Princess of Venice हैं हीं…….. शायद वो पिछले जन्म कि ही पुकार थी…. जो आप Venice की ओर खिंची चलीं गयीं….. और हमें इतना सुंदर संस्मरण पढने को मिला….. वैसे जापान को सुंदर गुड़ियों का शहर कहा जाता है…. क्या आपका जापान जाने का मन करता है?
आपके कल्पना लोक की सैर मजेदार रही -भाग्यशाली हैं आप !
सुन्दर बहु सुन्दर पोस्ट है यह आपकी. हमें तो जानकर गुदगुदी होने लगी …काश की वेनिस में, गंडोला नाव पर,कोई कविसम्मेलन हो और हम बुलाए जाएँ. सपने देखने में क्या बुराई है!
शिखा जी,
वेनिस की सैर करा दी आपने…
मुझे याद है जब मैं …क्लास ५ में थी हमारे स्कूल में एक डाक्युमेंटरी दिखाई गई थी…वेनिस पर…खूबसूरत पानी का शहर…
मेरे मन में भी तभी से ये इच्छा पल रही है कि जाऊँ…और देखूं….लेकिन अभी तक हो नहीं पाया है…
बाकि disney land, london, peris, eithopia, cape town, mauritius, schschelle, arooba, new york, pittesburg, mayami, florida, tempa और न जाने कहाँ कहाँ घूम तो आये हैं…लेकिन इनसब पर वेनिस निसार है…अगर उम्र रही और ऊपर वाले ने चाहा तो ये भी हो ही जाएगा…न भी हुआ तो क्या…आपकी आँखों से हम भी देख आये ..
बहुत सुन्दर….
और हाँ..महफूज़ मियाँ ने बिलकुल सही कहा है…आप वाकई 'वेनिस कि शहजादी' रही होंगी…
यूँ लगा कि हो आये हम भी वेनिस..
और आपकी उस बात पे, कि बचपन में हीं आपने तय कर लिया था वेनिस भ्रमण के बारे में, मुझे कहना है कि हम जो बहुत तीव्रता से चाह लेते हैं…उसे पूरा करने में आपकी कायनात भी आपका साथ देती है…शायद ये किसी फिल्म का संवाद है…
बहुत ही सुन्दर संस्मरण लिखा है आपने। हमारे जैसे कितने ही पाठकों की आंखो में आपने वेनिस जाने का ख्वाब जगा दिया। काश आपके जैसे हम सबके भी ख्वाब पूरे हों। आमीन!
सही कहा सपने देखे ही नहीं तो पूरे कैसे होंगे
वेनिस को तो वाकई जवाब नहीं
ये महफूज क्या, राज पिछले जन्म से होकर आए हैं 🙂
महफ़ूज की बात को ही मेरी बात भी समझिए…एक शब्द में कहूं…सुपर्ब…आप भी, आपका वेनिस वृतांत भी..
जय हिंद…
मन मचला फिर से…सुन्दरता से चित्र खींचा है अपनी यात्रा का. याद है मुझे भी ग्रेट गैम्बलर का वो नौका विहार!!
बहुत बढ़िया!!
Amore mio dove sei tu?
अमोरे मियो दोवे सेई तू
हमारी ली गयी तस्वीर यहाँ है
बहुत सुंदर, घर बैठे वेनिस घूम लिये आपकी इस पोस्ट की बदोलत.
बसंत पंचमी की घणी रामराम.
रामराम.
Shika Mam Basant Pancham kee aapko bahut bahut shubhkamnahen. Shukriya for beautiful visit of Venis. when i read this i really flt that i m visiting in Venis..Really so nice. Thanks
Narenda Vyas
http://www.aakharkalash.blogspot.com
bhut subdar chuitran kiya hai aap ne na sundar hote huye bhi kam se kam aap ki lekhni ke dwara to sundar lagne hi laga hai
शिखा जी,
९ मन तेल हुआ, शिखा घूम आई, और साथ हीं हम भी ख़्वाबों के इस रूमानी सफ़र से घूम कर लौट आये| पानी के शहर की यात्रा, वहाँ का स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन और रात्रि की खूबसूरत छटा से मन आनंदित हुआ| यात्रा पर ले जाने केलिए धन्यवाद| उम्मीद रहेगी कि पूरा यूरोप आप यूँ हीं दिखा दें| संस्मरण के जीवंत चित्रण केलिए बहुत बधाई|शुभकामनायें!
wah ji wah, shikha d gr8 ji, aapke to paise karch hue, aur hame free mewa mil gayi, bakai aapnse jis tarha se is parilok ke shehar ka chitran kiya hai, kabiletarief hai, meri ek salaha hai ki aapko yaha aane ki ichcha film dekh kar hui, aur aap pahuch bhi gaye, jaroor iska sambandh "Raaj Pichchle anm" ka se hoga,
so u r welcom to unfold ur last birht mystery,
anyways its wonderful journey of wonderful place on the earth.
aapke is sansmarn ko padh kar to mujhe bhi venis se pyar ho gya…aur sapni ki duniya me ek aur sapna jud gya…chaliye dekhte hai mera ye sapna kab pura hota hia…bahut sundar likha aapne…
regards…
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शिखा जी,
अति सुन्दर चित्रमय वेनिस यात्रा वृतांत,
आभार!
वेनिस का इतना लाजवाब चित्रण किया है आपने ……… लेखनी और चित्र दोनो माहौल को दिलकश बनाने में कोई कसर नही छोड़ रहे ……….
..
Nice Pic.s with even nicer Travelogue ..
Happy Basant Panchmi to you !
Keep writing.
सबसे पहले इस पंक्ति ने पाश की याद करा दी:
सपने जरुर देखने चाहिए तभी हम उनके पूरा होने की उम्मीद कर सकते हैं ..
आपने हमें भी वेनिस जैसे खूबसूरत शहर की सैर करा दी, आभार!
यह पंक्ति, ओह!! गज़ब का संयोजन.बहुत हसीं वेनिस की तरह ही:
जल में बहता एक गाँव सा
सुंदर नावों के पांव सा.
हमें तो दुख हो रहा है कि इन फोटो में हम क्यों न हुए?
——–
औरतों के दाढ़ी-मूछें उग आएं तो..?
ज्योतिष के सच को तार-तार करता एक ज्योतिषाचार्य।
Deepak ji kisi takniki samsya ke karan yahan apni tippani nahi post kar pa rahe the unhone mujhe ise yahan post akrne ke liye kaha…to ise main yahan post kar rahi hoon.
Hi..
"EK SHAHAR HO SAPNON KA..VENICE"
Wah Shikha ji aapne to sama bandh diya.. Yatra vratant to khoob padhe hain par etne sahaj aur saral shabdon main Venice ki sair kabhi nahi padhi. Esme, kahan ruken, kaise jayen, kahan khayen, kya khareeden vagairah aur jod den to kisi bhi patrika je 'PARYATAN VISHESHANK' ke liye aapki rachna uparyukt rahegi.. Apki rachna padh kar hamare bhi swapn yaad ho aaye.. Vaise ab aap 'LOVE IN TOKIYO' aur 'EN EVENING IN PARIS' bhi dekh hi lijiye.. Ho sakta hai SAYONARA SAYONARA karte hum main se koi aapko wohi mil jaye..
DEEPAK.
शिखा जी,
आपने तो हमें घर बैठे ही वेनिस की सैर करवा डाली…
पढ़कर बड़ा ही आनद आया और आपने बड़े ही खूबसूरती के साथ वेनिस शहर का विवरण दिया है यहाँ…
बचपन के सपने हमारे भी बहुत सारे हैं, अब देखते हैं की उनमे से कितने पुरे होते हैं… 🙂
आपका ब्लॉग आज पहली बार पढ़ा और बहुत ही अच्छा लगा..
बहुत अच्छा लिखती हैं आप.. 🙂
vaah, ham bhi sair kar aae…
हम भी घूम लिये वेनिस।
वेनिस की सुरमयी शाम के चित्र को देख कर मज़ा आ गया. पिछले साल गये थे वहाम, मगर शाम तक निकल गये थे,इसलिये ज़्याद मज़ा आगया.
शिखा जी सबसे पहले इस बात की बधाई कि आपका सपना पूरा हो गया । ठीक इसी तर्ह उस उम्र मे मुझे यही गीत फिल्म मे देख कर इस शहर से प्यार हो गया था और मैने भी आपकी ही तरह यह सपना देखा था । मेरा सपना अभी तक पूरा नहीं हुआ है.. क्या पता हो न हो लेकिन यह पोस्ट पढ़कर मज़ा आ गया ।
beautiful 🙂
I am falling in love with venice.
शिखा जी,
वृतांत बड़ा रोचक और ज्ञानप्रद लगा.
– विजय
sajiv yatra vratant, shikha ji badhai.
mukundmitr@gmail.com
mukundmitr@yahoo.com
mukundmitr@hotmail.com
Very nice description, good fotos, Young people from North America often go to Itlay for vacation. But from India we can fullfill this dream when our hairs turned gray, or our parents are Politicians or big businessman.
Thanks
beautiful venis…. beautifully explained by you…. loved it sooo much 🙂
पर फिर हिम्मत बांधी और अपना हिन्दुस्तानी रास्ता , आजमाया . थोड़ी बहुत मेहनत गंडोला वाले से मोल भाव करने में लगी और थोड़ी पतिदेव को इमोशनल बलेक मेल करने में …आखिरकार £80 में दोनों मान गए और हम चढ़ गए गंडोले पर …
sahi hai… kyun nahi karenge 🙂
bahut badhiya
kaash humen bhi ghoomne mile venis
शिखा जी आपकी यह पोस्ट पढी तो ऐसा लगा जैसे कि वेनिस मे ही खडा हूँ चित्र बहुत ही अच्छे है वेनिस से रूबरू कराने के लिए आपका धन्यवाद
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