रिश्ते मिलते हों बेशक स्वत: ही पर रिश्ते बनते नहीं बनाने पड़ते हैं। करने पड़ते हैं खड़े मान और भरोसे का ईंट, गारा लगा कर निकाल कर स्वार्थ की कील और पोत कर प्रेम के रंग रिश्ते कोई सेब नहीं होते जो टपक पड़ते हैं अचानक और कोई न्यूटन बना देता है उससे कोई भौतिकी का नियम। या ग्रहण कर लेते हैं मनु श्रद्धा और हो…
कुछ ताज़ी हवा के लिए खिड़की खोली तो ठंडी हवा के साथ तेज कर्कश सी आवाजें भी आईं, ठण्ड के थपेड़े झेलते हुए झाँक कर देखा तो घर के सामने वाले पेड़ की छटाई हो रही थी।एक कर्मचारी सीढियाँ लगा कर पेड़ पर चढ़ा हुआ था और इलेक्ट्रिक आरी से फटाफट टहनियां काट रहा था, दूसरा ,थोड़ी दूरी पर ही ट्रक के साथ रखी मशीन…


