गद्य

कुछ दिन पहले एक दोपहर को दरवाजे की घंटी बजी,जाकर देखा  तो सूट, बूट, टाई में ३- ४ महानुभाव खड़े थे. उनमे से एक ने बड़ी शालीनता से आगे बढ़कर एक परचा थमाया और धन्यवाद कहकर चले गए. दरवाजा बंद करके मैंने पर्चे पर नजर डाली तो समझ में आया कि वह एक राजनैतिक पार्टी के चुनाव प्रचार का परचा है जिसमें उस पार्टी को वोट…

दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन पर काफी भीड़ थी. महिलाओं के लिए सुरक्षित डिब्बा जहाँ आने वाला था वहाँ भी लाइन लगी हुई थी. मेट्रो के आते ही एक लड़के ने उस लाइन में आगे लगने की कोशिश की शायद वह महिलाओं के डिब्बे से होकर दूसरे डिब्बे में जाना चाहता था या उसे पता नहीं था कि वह डिब्बा…

मुस्कुराहटें संक्रामक होती है बहुत तेजी से फैलती हैं साथ ही चिंता, दुःख जैसे वायरस के लिए एंटी -वायरल  भी होती है. फिर वह मुस्कुराहटें मरीज की हों या मरीज के साथ वाले की उनका प्रभाव सामने वाले पर अवश्य ही पड़ता है और इसी मुस्कराहट से उपजी सकारात्मकता से बेशक मुश्किलें न सुलझें पर कुछ वक्त के लिए भुलाई…

जिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ था जब सीजन की पहली बर्फबारी हुई और कोई बर्फ में खेलने को नहीं मचला। हॉस्पिटल के चिल्ड्रन वार्ड में अपनी खिड़की के पास का पर्दा हटाया तो एक हलकी सी सफ़ेद चादर बाहर फैली थी पर खेलने के लिए मचलने वाला बच्चा बिस्तर पर दवा की खुमारी में आराम से सोया हुआ था. मैंने…

इस बार लंदन में ठण्ड बहुत देरी से  पड़नी शुरू हुई इसलिए अब भी अजीब सी पड़ रही है. सूखी सूखी सी. यहाँ तक कि लंदन में तो इस बार अब तक बर्फ तक नहीं पडी. पर ठण्ड ऐसी कि जैसे दिमाग में भी घुस गई हो. ग्लूमी – ग्लूमी सा मौसम फ़िज़ा में और वैसा ही मूड मन पर तारी…

एक बार मैं बस से कहीं जा रही थी. बस की ऊपरी मंजिल की सीट पर बैठी थी. तभी बस अचानक रुक गई और काफी देर तक रुकी रही. आगे ट्रैफिक साफ़ था और ऐसा भी नहीं लग रहा था कि बस खराब हो गई हो. नीचें आकर देखा तो पता चला कि बस में दो युवक बीयर का कैन हाथ में लिए…

काला धन काला धन सुन सुन कर कान तक काले हो चुके हैं ।  यूँ मुझे काला रंग खासा पसंद है। ब्लेक ब्यूटी की तो खैर दुनिया कायल है पर जब से जानकारों से सुना है की काले कपड़ों में मोटापा कम झलकता है तब से मेरी अलमारी में काफी कालापन दिखाई देने लगा है।  परन्तु काले धन के दर्शन…

मोबाइल और टेबलेट जैसी नई तकनीकियों के आने से एक फायदा बहुत हुआ है कि कहीं कैफे या रेस्टौरेंट में अकेले बैठकर कुछ खाना पीना पड़े तो असहजता नहीं होती, यह एहसास नहीं होता कि कोई घूर रहा है. या कोई यह सोच रहा है कि भला अकेले भी कोई खाने पीने बाहर आता है. क्योंकि अब कोई भी, कभी…

आह… ऑटम ऑटम ऑटम… आ ही गया आखिर। इस बार थोड़ा देर से आया। सितम्बर से नवम्बर तक होने वाला ऑटम अब अक्टूबर में ठीक से आना शुरू हुआ है. सब छुट्टी के मूड में थे तो उसने भी ले लीं कुछ ज्यादा। अब आया है तो बादल, बरसात को भी ले आया है और तींनो मिलकर  छुट्टियों की भरपाई ओवर टाइम…

पिछले दिनों बाजार गई तो १६ वर्षीय एक बच्ची को ढेर सारी अलग अलग तरह की खुशबू  वाली मोमबत्तियां खरीदते हुए देखा। बच्ची मेरी जानकार थी सो मैंने पूछ लिया, अरे अभी तो क्रिसमस में बहुत समय है, क्या करोगी इतनी मोमबत्तियों का?. उसने जबाब दिया कि यह मोमबत्तियां वह अपने स्ट्रेस पर काबू पाने के लिए खरीद रही है. कुछ अलग अलग तरह की खास…