मुझे नृत्य से बेहद लगाव है और इसलिए टीवी की शौकीन ना होने पर भी उस पर पर आने वाले नृत्य के रियलिटी कार्यक्रम मैं बड़े चाव से देखती हूँ .”नच बलिये” जैसे कार्यक्रमों में भारतीय नृत्य के अलावा सभी विदेशी और आधुनिक नृत्य शैली होने बाद भी वह डांस कार्यक्रम ही लगा करते थे.परन्तु आजकल स्टार प्लस पर डांस का…

हवा हुए वे दिन जब बच्चे की तंदरुस्ती से घर की सम्पन्नता को परखा जाता था. माताएं अपने बच्चे की बलाएँ ले ले नहीं थकती थीं कि मेरा बच्चा खाते पीते घर का लगता है. एक वक़्त एक रोटी कम खाई तो चिंता में घुल घुल कर बडबडाया करती थीं ..हाय मेरे लाल ने आज कुछ नहीं खाया शायद तबियत ठीक नहीं है. नानी दादी से जब भी बच्चा…

कभी कभी फ़ोन के घंटी कितनी मधुर हो सकती है इसका अहसास कभी ना कभी हम सभी को होता है , मुझे भी हुआ जब सामने से आवाज़ आई ..शिखा जी , आपके संस्मरण को हाई कमीशन द्वारा घोषित लक्ष्मी मल्ल सिंघवी प्रकाशन अनुदान सम्मान दिया जायेगा. कृपया वक्त पर हाई कमीशन पहुँच जाएँ. लैटर आपको १-२ दिन मे मिल जाएगा ...शब्द जैसे…

अभी कुछ दिन पहले दिव्या माथुर जी ((वातायन की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष यू के हिंदी समिति) ) ने अपनी नवीनतम प्रकाशित कहानी संग्रह “2050 और अन्य कहानियां” मुझे सप्रेम भेंट की .यहाँ हिंदी की अच्छी पुस्तकें बहुत भाग्य से पढने को मिलती हैं अत: हमने उसे झटपट पढ़ डाला.बाकी कहानियां तो साधारण प्रवासी समस्याओं और परिवेश पर ही थीं परन्तु आखिर की दो कहानियों ” 2050…