गद्य

ब्रिटेन आजकल एक अजीब दौर से गुजर रहा है। हाल ही में, लाखों ब्रिटिश नागरिक लंदन की सड़कों पर अपनी आज़ादी और अधिकार मांगते हुए नज़र आए। उनका कहना है कि उन्हें अपना देश वापस चाहिए, क्योंकि अब यह देश उनके लिए पहले जैसा नहीं रहा। वे महसूस करते हैं कि वे अब अपने ही देश में अल्पसंख्यक बन गए…

यूके हिंदी समिति की स्थापना 1990 में हुई थी और इसने साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में 35 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इसका हिंदी परीक्षा प्रतियोगिताओं का शैक्षणिक कार्यक्रम 25 वर्ष पहले शुरू हुआ था, इसलिए 6 सितंबर 2025 को इसे मनाने का समय आ गया। इस दिन की शुरुआत इसके संस्थापक पद्मेश गुप्त, सुप्रसिद्ध लेखिका और पत्रकार शिखा…

क्योंकि हमने पढ़ना छोड़ दिया है – – हमारी अभिव्यक्ति में गलत , अभद्र शब्दों का प्रयोग होता है क्योंकि हम सही और सुन्दर शब्दों का प्रयोग जानते ही नहीं। – अपने भावों को अभिव्यक्त करते समय क्रोध, घृणा, पैर पटकना, आदि क्रियाओं को काम में लेते हैं क्योंकि किसी भाव को उपयुक्त शब्दों से अभिव्यक्त करना हम नहीं जानते।…

ग्रीष्मकालीन अवकाश, स्कूल वर्ष और स्कूल के शैक्षणिक वर्ष के  बीच गर्मियों में स्कूल की एक लम्बी छुट्टी को कहते है। देश और प्रांत के आधार पर छात्रों और शिक्षण स्टाफ को आम तौर पर छ: से आठ सप्ताह के बीच यह अवकाश दिया जाता है। जहाँ भारत में यह अवकाश सामान्यत: पाँच से छ: सप्ताह का होता है वहीँ संयुक्त…

मनुष्य के अस्तित्व में सभ्यताओं का प्रमुख स्थान रहा है और सभ्यताओं में नदियों का। ये ना सिर्फ मानव जीवन के लिए एक आवश्यक तत्व रहीं बल्कि उसके बनाए स्थान, गांव, शहर को सुंदरता प्रदान करने में भी प्रमुख रहीं। नदियों के किनारे बसे हुए गाँव, शहर प्राकृतिक रूप से सुंदर दिखाई देते हैं. यूरोप के शहरों की अतिरिक्त सुंदरता…

 असल ज्ञान वह मेरी पहली अनुबंधित नौकरी थी. अब तक छात्र जीवन को चलाने के लिए बहुत से पार्ट टाइम काम (ट्यूशन, अनुवाद आदि) किये थे पर अब मैं स्वयं छात्रा की श्रेणी से निकलते ही शिक्षिका की श्रेणी में आ गई थी. मास्को से टीवी पत्रकारिता में परास्नातक करने के पश्चात वहीं पी एच डी करने के आग्रह को…

Pavn ke Pankh      By Shikha Varshney SOME OBSERVATIONS Glanced through the book while reading chapters on places visited by us also but long long ago ; to be more specific during June 1979 when we visited England , Belgium , Luxemburg ,Germany , Austria , Switzerland , Italy and France . To start with the book, read details about Switzerland…

बाबू मोशाय बात ऐसी है कि हमें लगता है, जितने भी त्यौहार वगैरह आज हैं सब इत्तेफाकन और परिस्थिति जन्य हैं। तो हुआ कुछ यूं होगा कि एक परिवार में (पहले संयुक्त परिवार होते थे) किसी की किसी से ठन गई। महीना था यही फागुन का। नए नए टेसू के फूल आये थे। पहले लोग इन्हीं फूलों आदि के रंग…

ये जो लाल ईमारत देख रहे हैं न. तो यह लाल रंग बैल के खून से बनाया जाता था. अब बैल के खून से ही क्यों? सूअर या किसी और के खून से क्यों नहीं ? तो वह इसलिए कि बैल का खून सबसे महंगा होता था और तब रईसों की शान का यह एक दिखावा था. आज यह यूरोप…

यह साल खास था. कुछ अलग. अलग नहीं, बहुत अलग. इतना अलग कि मैं मुड़ मुड़ कर देखती रही, पूछती रही – “ ए जिन्दगी ! तुम मेरी ही हो न? किसी और से बदल तो न गईं? तुम ऐसी तो न थीं. न जाने कितना कुछ अप्रत्याशित घटा. कितने ही पल ऐसे आये जिन्हें दुनिया ख़ुशी कहती है. मैं…