यूँ मैं बहुत धार्मिक नहीं और पूजा पाठ में तो यकीन न के बराबर है. पर मैं नास्तिक भी नहीं और उत्सवों में त्योहारों में बहुत दिलचस्पी है. उनमें यथासंभव भाग लेने की कोशिश भी हमेशा रहा करती है.
ऐसे में जब पता चले कि अपने ही इलाके में जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा का आयोजन है तो जाए बिना रहा नहीं जाता. भारत में, पुरी में तो इस तरह के आयोजन देखने का न कभी संयोग हुआ न ही कभी हिम्मत, परन्तु लन्दन में इन आयोजनों के साथ अनुशासन और सुरक्षा के ऐसे इंतजाम होते हैं कि इनमें शामिल होने के लिए सिर्फ मन होने से काम चल जाता है हिम्मत जुटाने की जरुरत नहीं पड़ती.
तो इस रथयात्रा की आँखों देखी झलकियां हाज़िर हैं – हालाँकि आयोजन करने वाले हरे राम हरे कृष्ण वाले थे यानि कि इस्कॉन ने आयोजन किया था परन्तु जो भी था दर्शनीय तो अवश्य ही था.
कार्यक्रम के मुताबिक रथयात्रा – इल्फोर्ड टाउन हॉल से ठीक दोपहर बारह बजे शुरू होकर करीब एक मील चलती हुई वेलेंटाइन पार्क में ठीक १ बजे पहुंची. समय का अनुशासान आवश्यक था क्योंकि इस दौरान इस मुख्य सड़क पर वाहनों का आवागमन बंद किया हुआ था.
पार्क में एक छोटा सा मेला लगा हुआ था, वहीँ भगवान जगन्नाथ के विश्राम और भंडारे की व्यवस्था थी.
तो चलिए चलते हैं – कदम दर कदम, तस्वीरों के ज़रिये, इस यात्रा के साथ –

 भगवान के लिए सड़क बुहारती एक भक्तिन 

सड़क बंद का आधिकारिक नोटिस  


प्रसाद बांटती एक स्वयंसेवी 

 रथ खींचते भक्त 

नाचते गाते लोग  










ये बच्चियां पूरी तरह तैयार थी उत्सव के लिए. बीच वाली पूरे रास्ते अपने साथियों को जगन्नाथ भगवान और उनके परिवार की कहानी सुनाती आ रही थी.

 पार्क में लगा हुआ छोटा सा मेला 

भगवान का अस्थाई मंदिर और पूजा की थालियाँ

नाश्ता और केक 

 भंडारा