{New Observer Post Hindi Daily 28th nov.2009 (online edition )में प्रकाशित.}
एक जमाना था जब पत्रमित्रता जोरों पर थी.देश विदेश में मित्र बनाये जाते थे, उसे ज्ञान बाँटने का और पाने का एक जरिया तो समझा ही जाता था, बहुत से तथाकथित रिश्ते भी बन जाया करते थे।और कभी कभी ब्लेक मैलिंग का सामान भी .
आज यही काम इंटर नेट के जरिये हो रहा है॥
जिसे बाहरी दुनिया में जो न मिले आ जाये, यहाँ सब मौजूद है।
सपने देखने का शौक किसे नहीं होता अब बाहरी दुनिया में आपके सपनो को कोई घास न डाले तो चले आइये यहाँ ,आप अपनी मंजिल पा ही लेंगे, सपनो में ही सही ॥
बेटा ,बेटी से लेकर ,मासी ,बुआ और प्रेमी – प्रेमिका तक के रिश्ते मिल जायेंगे ।अब सही मिले तो मिले- खुश रहिये ।सोचिये आपकी किस्मत अच्छी थी, ।नहीं तो झेलिये दर्द और रोते रहिये जीवन भर अपनी बेबकूफी पर, उन्हें क्या…. वो तो कहीं और व्यस्त हैं दूसरी माँ,और भाई बनाने में .
बाहरी दुनिया के रिश्तों से आहात हैं? यहाँ आइये एक ढूढीयेगा हजार मिलेंगे. भड़ास निकालनी हो या कुंठाएं मिटानी हो .भावात्मक सहारा चाहिए हो या अहम् शांत करना हो , यहाँ सब होता है ..वो भी एक क्लिक से….मन भाए तो निभाइए वर्ना एक क्लिक से ही ख़तम कर डालिए. कौन क्या विगाड़ लेगा आपका
एक नहीं हजार प्रोफाइल बनाइये और जम कर इश्क लड़ाइए ,। खाते रहें बाहरी दुनिया के लोग भाव …..अपना मतलब तो यहाँ निकल ही रहा है न ,और सामने वाले का डर भी नहीं कि गले पड़ जायेगा/जाएगी…..जमा तो जमा नहीं तो बहुत बड़ा है ये अंतर्जाल कोई न कोई रिश्तों का सताया तो फंस ही जायेगा.
अब भाई हर फूल के साथ कांटे होते हैं तो यहाँ भी हैं ।अब बिना एतिहात के फूल चुनोगे तो काँटा तो हाथ में चुभ ही जायेगा न और दर्द भी करेगा. हो सकता है घाव ही बन जाये ..तो भलाई इसी में है कि रहिये सावधान इस जाल में , इसमें मोती भी हैं और मगरमच्छ भी .बस सावधानी से मोती चुनिए और मगरमच्छों से दूर ही रहिये .खुश रहेंगे आप ….