अहसास तेरी मासूम निगाहों का
मेरी सर्द निगाहों से इस कदर मिला
कि  सारी क़ायनात पीछे छोड़ कर
मैं तेरी नज़रों मे मशगूल हो गया।
तेरे दिल के सॉफ आईने मे
देखा जो तसव्वुर अपना मैने
सारे जमाने की मोहब्बत का
हसीन अहसास अधूरा हो गया।
सुनी जो धीमी-धीमी रुनझुन
तेरे पावं मे खनकती पायल की
मंदिर में बजती हुई घंटी का
पावन अहसास निरर्थक हो गया