मुझे नफरत है 

नम आँखों से मुस्कुराने वालों से 

मुझे नफरत है 
दिल के छाले छिपा जाने वालों से।

मुझे नफरत है 
ऍफ़ बी पर गोलगप्पे से सजी प्लेट की 
तस्वीर लगाने वालों से 
नफरत है मुझे 
रोजाना चाट उड़ाने वालों से। 
मुझे नफरत उनसे भी है 
जो पानसिंह तोमर देखने के बाद 
नुक्कड़ की दुकान पर 
दही – गुलाब जामुन खाते हैं 
और उनसे भी, 
जो आधी रात उठकर मैगी बनाते हैं। .
मुझे नफरत है 
दोस्तों के साथ आवारा गर्दी करने वालों से 
मुझे नफरत है 
सुबह ४ बजे तक दोस्तों से गपियाने वालों से।
हाँ मुझे नफरत है 
दोस्त की बरात में नाचने वालों से 
और मुझे नफरत है 
टोली बनाकर फिल्म देखने वालों से.
हालाँकि मुझे नफरत है 
अपनी मजबूरी को नफरत बताने से मगर,
फिर भी,
मुझे नफरत है…. नफरत है ….नफरत है … 🙂 🙂

Missing India and Old friends 🙁 🙁