यूँ देखा जाए तो यह साल  पूरी दुनिया के लिए ही खासा उथल पुथल वाला साल रहा. वहाँ भारत में नोटबंदी हंगामा मचाये रहीउधर अमरीका में विचित्र परिस्थितियों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हो गई और इधर ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से किनारा कर लिया. 
हालाँकि रेफेरेंडम के नतीजे आने के तुरंत बाद ही इन्टरनेट पर उसे लेकर पछतावे की पोस्टें आने लगीं थीं. लोगों ने कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता के नियमों को खोजना शुरू कर दिया था और ब्रिक्सिट को एक नुकसान दायक फैसला कहा जाने लगा थाजिसके कालांतर में बेशक कुछ लाभ नजर आएँ पर वर्तमान में गंभीर हानि होने की संभावना जताई जा रही थी. 
अन्य देशों का तो पता नहीं पर ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति का जायज़ा उस वर्ष विशेष में होने वाले क्रिसमस उत्सव से आसानी से लिया जा सकता है. देश के आर्थिक हालातों का सीधा असर इस त्यौहार परइसकी तैयारियों और खरीदारी पर पड़ता है. क्रिसमस के आसपास बाजार में होने वाली रौनक से तुरंत ही देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है.
जैसे कुछ साल पहले रेसेशन के समयक्रिसमस पर बाजारों में भीड़ बेहद कम दिखाई दी थी. दुकाने खाली थीं और उस साल लोगों ने सिर्फ जरुरत भर की खरीदारी ही की थी. एक सर्वे के मुताबिक उस साल पोस्ट ऑफिस और कुरियर कंपनियों से बेहद कम उपहार भेजे गए थे. देश की आर्थिक मंदी का सीधा असर इस त्यौहार और उपहार लेने -देने के इसके रिवाज पर पड़ा था. वर्ना क्रिसमस की खरीदारी के लिए लगने वाली सालाना छूट पर ब्रिटेन के मॉल और बाजार इस कदर ठुसे-भरे होते हैं कि पाँव रखने की जगह भी मुश्किल से मिला करती है. क्रिसमस पर लोग नए घर से लेकर क्रिसमस ट्री तक खरीदते हैं और उनके लिए यह नए साल की नई शुरुआत की तरह होता है. 
ऐसा ही कुछ असर ब्रिक्सिट के बाद इस साल क्रिसमस आने पर देखा जा रहा है परन्तु यह मंदी के दौर से एकदम विपरीत है. लन्दन में प्रोपर्टी का गुब्बारा फटने को है. विश्लेषकों का कहना है कि क्रिसमस तक इसमें २०,००० पौंड्स तक की गिरावट आ सकती है. 
यूरोपीय संघ जनमत संग्रह के परिणामों की घोषणा के कुछ मिनटों के भीतर ही FEST 100 में 122 बिलियन पौंड्स मूल्य की गिरावट देखी गई. 1985 के बाद से पाउंड इतना कभी नहीं घटा।
लन्दन में मकानों की कीमत में 20% तक की कमी आई है ब्रिक्सिट अब अधिक लोगों को एक सस्ता घर खरीदने के लिए बढ़ावा दे सकता है हालाँकि बैंक्स अपनी ब्याज दर बड़ा कर एक बाधा खड़ी कर सकतीं हैं. 
लन्दन बेशक दुनिया के सबसे महंगे शहरों में एक माना जाता हो परन्तु डेलॉइट के शोध के अनुसारडिजाइनर और अन्य विलासिता के सामान डॉलर के संदर्भ में अब किसी भी और जगह से ब्रिटेन में सस्ते मिल रहे हैं. 
यह ब्रिक्सिट मतदान के बाद स्टर्लिंग में गिरावट की प्रवृत्ति से जुड़ा हुआ है, जो पर्यटकों की खर्च करने की क्षमता को बढ़ा रहा है।
जून के बाद से पाउंडडॉलर के मुकाबले 17% से अधिक गिर गया है।
बरहाल ब्रिक्सिट से ब्रिटेन को कितना फायदा होगा या कितना नुकसान यह तो आने वाला समय ही बताएगा परन्तु ब्रिक्सिट का यह क्रिसमस जरूर धमाकेदार होने वाला है. लोगों ने जमकर खरीदारी करनी शुरू कर दी है. शॉपिंग मॉल और सड़कों पर पर्यटकों और खरीदारों का रेला लगा हुआ है और ऑक्स्फोर्ड स्ट्रीट अपने शाही अंदाज में चमक रही है.
लन्दन के होटल, रेस्टोरेंट्स के दाम भी पिछले कुछ दशकों के मुकाबले पहली बार इस साल सबसे कम नजर आ रहे हैं और यह ब्रिक्सिट की ही मेहरबानी है कि अब हर कोई क्रिसमस और नए साल की पार्टी करने के लिए लन्दन का रुख कर रहा था. अमेरिका और एशिया के व्यापारियों ने शहर के महंगेशानदार बॉलरूम और पार्टी हॉल इस साल के लिए ही नहीं बल्कि अगले दिसंबर के लिए भी अभी से बुक कर लिए हैं.
तो तैयार हो जाइए ब्रिटेन के इस शानदार उत्सव में भाग लेने के लिए. उसकी भव्यता अनुभव करने के लिए आप आमंत्रित हैं. इस बार खास गोल्डन टूर्स लेकर आप शहर को इस खास सीजन के लिए सजता देख सकते हैं. चाहें तो थेम्स नदी के ऊपर होने वाली खास और शानदार आतिशबाजी का आनंद ले सकते हैं या बॉक्सिंग डे की सेल में जम कर खरीदारी कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि लुइ बिट्टन का हैण्ड बैग इस साल लन्दन में सबसे सस्ता बिक रहा है तो चढ़ा लीजिए अपनी आस्तीन और हो जाइए तैयार अपने सपनों को कुछ रंग देने के लिए क्योंकि ब्रिक्सिट की कृपा से इस साल जैसा भव्य और धमाकेदार क्रिसमस सीजन होने वाला है शायद ब्रिटेन में पहले कभी नहीं हुआ.