ove is life

अपने बारे में कुछ कहना कुछ लोगों के लिए बहुत आसान होता है, तो कुछ के लिए बहुत ही मुश्किल और मेरे जैसों के लिए तो नामुमकिन फिर भी अब यहाँ कुछ न कुछ तो लिखना ही पड़ेगा न तो सुनिए. by qualification एक journalist हूँ हमने शुरू कर दी स्वतंत्र पत्रकारिता..तो अब कुछ फुर्सत की घड़ियों में लिखा हुआ कुछ ,यदा कदा हिंदी पत्र- पत्रिकाओं में छप जाता है और इस ब्लॉग के जरिये आप सब के आशीर्वचन मिल जाते हैं.और इस तरह हमारे अंदर की पत्रकार आत्मा तृप्त हो जाती है.तो जी बस यही है अपना परिचय….

ब्लॉगजगत में अनोखी चोरी 

वो क्या है कि आज हम महान ही नहीं महा -महान बन गए हैं ..अब पूछिये कैसे ? तो जी बात ये है कि अब तक हमने सुना था कि महान लोगों की  कृतियाँ चोरी की  जाती हैं..महान लेखकों की  रचनाये कोई चुरा लेता है ,महान कवियों की  कवितायेँ लोग अपने नाम से छाप लेते हैं ..महान डायेरेक्टर की  फिल्म की  स्क्रिप्ट लोग चुरा लेते हैं ..यहाँ तक कि दिल ओर रूह की चोरी के किस्से भी सुने हैं ..पर क्या कभी  आपने सुना है कि किसी ने किसी का ( इंट्रो ) परिचय ही चुरा लिया हो ? अब अगर ऐसा हुआ हो तो वो महा – महान की श्रेणी में ही गिना जाना चाहिए ना ? जी हाँ उसका एक नजारा आप यहाँ देख सकते हैं .(ऊपर का फुटवा वहीँ का है ).( पहले हमारे ब्लॉग पर हमारा परिचय तो पढ़ लिए  हैं ना ? ).हुआ यूँ  कि कल हमारी पोस्ट पर एक  टिप्पणी  आई तो अपने स्वाभाव से मजबूर हम उनके ब्लॉग पर पहुँच गए धन्यवाद  देने अब वहां जाकर देखते क्या हैं कि हमारा ब्लॉग तो नहीं है पर कुछ तो है जो हमारे जैसा है ..जरा दिमाग पर जोर डाला तो समझ आया कि जी हमारा परिचय है जो अब उनका भी  है 🙂 अब दुःख इस बात का नहीं कि हमार्रे इंट्रो को कॉपी किया गया ..अब भाई ये तो सौभाग्य की  बात है कि किसी को इतना पसंद आया इंट्रो कि उन्होंने अपना ही  बना लिया ..पर दुःख इस बात का है कि आधा ही क्यों कॉपी किया ? अरे पूरा करना चाहिए था ना ..गृहस्थ जीवन क्यों छोड़ दिया ,भाई ,यूनिवर्सिटी  नाम क्यों छोड़ दिया ? ओर हाँ फुटवा भी छोड़ दी …अब ये तो नाइंसाफी है ना जी ..पर क्या कीजियेगा ? क्या उखाड़ लीजियेगा ? ये ब्लॉग जगत है ..यहाँ सब स्वतंत्र हैं अब आपकी कोई जायदाद तो ली नहीं है ..परिचय में से कुछ पंक्तियाँ ही लीं हैं ..तो कोनो कॉपी राईट है का आपके पास ? फाँसी पे चढ़ा देंगे का? नहीं ना? तो बस…. बैठिये चुपचाप ..अब एक हम टिपिया के भी आये कि भाई जरा छोटा सा एक वाक्य लिख कर बता ही देते कि ये  खुराफात  किये हैं तो हम भी थोडा खुश हो जाते …और कोई नौकरी तो मिल नहीं रही तो लोगों का परिचय ही लिखकर कुछ कमा  लेते ..पर जी उन्होंने तो छापी ही नहीं  वो टिप्पणी . अब आप ही बताइए का करें हम ? तो इस पोस्ट के जरिये धन्यवाद ही दिए देते हैं हमें महा – महान बनाने के लिए .शुक्रिया जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका.