एक आंटी अंकल आये थे
आज बड़ी सी चमचमाती कार में,
वह बाते कर रहे थे दीदी से
कुछ कागजों पर लिखा पढी भी की
 सारा आश्रम देखा
बाद में पूछा था उसने,
तो दीदी ने बताया था,
छोटू को लेने आये है
छोटू को पूरा ग्लास दूध मिलेगा,
बिना पानी मिला ,
मलाई वाला.
और तीनों वक़्त का खाना भी,
नये कपड़े,खिलोने सब कुछ
उजले रंग का छोटा सा था छोटू ,
बस मुस्कुरा भर दिया था आंटी को देख ,
 वेसे रंग तो उसका भी दबा हुआ नही है
 मुस्कुराना छोडो
हंस भी सकता है वो तो
तभी जाकर
पास वाले बॅनबारी काका से
थोड़ा चूना माँग लाया था वो.
और मूँह पर उसे पोत,,
दाँत निकाल खड़ा हो गया था
उसी बोर्ड के नीचे.
दीदी ने बताया था
एक रात वहीं
कोई टोकरी में छोड़ गया था उसे.
शायद अंधेरे में
उसका रंग ओर मुस्कान
नज़र ना आए हों उन्हें
पर आज़ तो धूप है गहरी,
सब दीखेगा सॉफ सॉफ.
यक़ीनन आज़ उसकी बारी है.
नये मम्मी पापा मिलने क़ि……..