कुछ कोमल से अहसास हैं 
कुछ सोये हुए ज़ज्वात हैं 
है नहीं ये ज्वाला कोई 
सुलगी सुलगी सी आग है 
कुछ और नहीं ये प्यार है। 
 धड़कन बन जो धड़क रही 
ज्योति बन जो चमक रही 
साँसों में बसी सुगंध सी 
महकी महकी सी बयार है 
कुछ और नहीं ये प्यार है। 
 हो कोई रागिनी छिडी जेसे 
रिमझिम पड़ती बूंदे वेसे 
है झंकृत मन का तार तार 
लिए प्रीत का पावन संसार है 
कुछ और नहीं ये प्यार है।