हर सुबह आती है जैसे ,
रात के जाने के बाद.
याद उनकी आती है,
उनके खो जाने के बाद.
ज़िंदगी की राह में,
अक्सर ही ऐसा होता है,
 गुनगुनाते हैं हम नगमे,
 शब्द खो जाने के बाद.
लेके ज़हन में घूमते हैं,
तस्वीर किसी की यूँ सदा,
कि  देख ना पाएँगे उन्हें हम,
आँख नम होने के बाद.
आधी-अधूरी सी शक्सियत ,
आधे अधूरे से ये पल,
थम गई हो जैसे ज़िंदगी,
उनके चले जाने के बाद.
हो सके तो लौट आ,
या एहसास दिला होने का तू,
बस जाएगा सुना मेरा जहाँ ,
तेरे यूँ लौट आने के बाद……..