बचपन में हम बहनें बहुत लड़ा करती थीं ..सभी भाई बहन का ये जन्म सिद्ध अधिकार है ..और लड़ते हुए गुस्से में एक दूसरे  को ना जाने क्या क्या कह दिया करते थे .तब मम्मी बहुत डाँटती थीं , कि शुभ शुभ बोला करो, ना जाने कौन से वक़्त माँ सरस्वती ज़ुबान पर बैठ जाये , और तीन  बार कुछ बोलने से वो सच हो जाता है. ..ऐसे ही एक दिन इसी बात पर मैने हँस  कर तपाक से कहा कि हाँ तभी तो “तलाक” तीन  बार बोलो तो तलाक हो जाता है 🙂 और मम्मी भुनभुनाती हुई वहां से चली गईं 🙂 ..ये बात मैने अनजाने में और मस्ती में कही थी ..परन्तु बाद में जब उत्सुकताएं  बढीं तो एक यह भी कि 

किसी प्रार्थना  के बाद या मन्त्र के बाद  हम “शांति” शब्द  तीन  बार  क्यों बोलते हैं ? 
एक किताब पढने पर पता लगा कि वो बात शायद ठीक ही थी.ऐसा माना जाता है “त्रिवारं सत्यम ” .इसलिए हम कोर्ट में सुनते हैं “I shell speak the truth ,the whole truth and nothing but truth .
तो हम ३ बार शांति ..हमारी शांति के लिए तीर्व इच्छा पर जोर देने के लिए कहते हैं. 
क्योंकि ..शांति .यानि आपके होने की एक प्राकृतिक अवस्था .अशांति हमारे या किसी और के द्वारा ही फैलाई जाती है . शांति अपनी जगह ही होती है जब तक कि उसे किसी के द्वारा भंग ना किया जाये..इस तरह शांति हमारे सारी समस्यायों के मूल में है तो जब शांति होगी तब ख़ुशी होगी .इसतरह हर किसी को बिना अपवाद शांति की  जरुरत होती है.
सारी बाधाओं, समस्याओं,और दुखों के स्रोत निम्नलिखित   तीन  हैं. 
१- आधिदैविक – .अनदेखी दिव्य शक्तियां (बलाएँ ) जिनपर हमारा कोई बस नहीं या बहुत ही कम हैं .जैसे भूकंप, बाढ़ , ज्वालामुखी का फटना आदि ,
२- अधिभौतिक  – वास्तविक तथ्य जैसे – दुर्घटना ,प्रदूषण , अपराध आदि .
३- आध्यात्मिक – हमारे शरीर और दिमाग की समस्याएं जैसे – बिमारी, गुस्सा,अवसाद आदि.
हम भगवान् से इन सभी समस्यायों से दूर रखने के लिए प्रार्थना करते हैं इसलिए भी शांति शब्द का उच्चारण ३ बार किया जाता है.
पहली बार शांति जोर से बोला जाता है उन अदृश्य  शक्तियों को संबोधित करने के लिए. 
दूसरी बार थोडा धीरे सिर्फ अपने आस पास की चीजों को और लोगों को इंगित करने के लिए .
और तीसरी और आखिरी बार बहुत ही हलके से सिर्फ अपने आप को जोड़ने के लिए.
तो इस तरह मेरी समझ में आया कि “शांति” हम तीन बार क्यों उच्चारित करते हैं
(इस श्रृंखला को फिलहाल हम यहीं  विराम देते हैं .और भी बहुत कुछ है फिर कभी सही.:) .