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इस चक्कर की शुरुआत होती है इंजीनियरिंग डिग्री के बाद किसी maltinational में जॉब ऑफर से ….नया नया जोश और सजने लगते हैं सपने…Onsite के बहाने विदेश यात्रा के ..तभी एक स्पीड ब्रेकर आता है..” कि बेटा शादी कर के जाओ जहाँ जाना है , .एक बार गए तो क्या भरोसा है .नौकरी लग गई है, उम्र भी हो गई है ब्याह रचा लो और पत्नी सहित जाओ..और हमें छुट्टी दो . विदेश में भी खाने पीने का आराम रहेगा नहीं तो कहाँ मारे मारे फिरोगे खाने के लिए...सो जी बात में दम नजर आता है..पर समस्या दो – घरेलू बीबी किसी को चाहिए नहीं आजकल और कमाऊ ..ली ..तो वो भला क्यों जायेगी वो अपनी नौकरी छोड़ कर आपके साथ…तो जी या तो शादी शुदा हो कर भी आप जाओ अकेले २-३ महीने के वादे पर, निकल ही जायेंगे जैसे तैसे ..फिर जुगत शुरू होती है वहां ३ महीने हो गए अब वापस जाना है ..पर बॉस कहेगा अरे ऐसे कैसे? ..अब काम समझ गए हो प्रोजेक्ट को बीच में छोड़ कर कैसे जाओगे… ऐसे नहीं जा सकते . तो ३ के ६ और ६ के १२ महीने हो जाते हैं फिर किसी तरह माँ की बीमारी का बहाना बना कर कोई वापस आने में सफल हो गया तो ठीक वर्ना फिर से दो समस्या.या तो बीबी छुट्टी लेकर आये १-२ महीने की… तो उसका क्या फायेदा २ महीने के लिए अलग घर लो ,बसाओ इतनी हुज्जत करो..या वो अपनी नौकरी छोड़ कर आये ….जो मुश्किल है ..चलो अच्छी बीबी थी आ गई नौकरी छोड़ कर और बन कर रह गई ग्लेमरस maid तो अब जिन्दगी भर सुनो कि कैरियर बर्बाद कर दिया.काम वाली बाई बना कर रख दिया …..खैर किसी तरह चलती रही गाड़ी बीच बीच में लटकती रही तलवार कि अब वापस जाओ तब वापस जाओ ..इसी बीच हो गए १-२ बच्चे ,बच्चे हुए स्कूल जाने लायक ..तो फिर २ समस्या एक तो कंपनी वाले सर पर कि जाओ वापस बहुत साल हो गए यहाँ …दूसरा आपको लग गई हवा बाहर की तो अपना देश कूड़े का डिब्बा लगने लगा है .वहां बच्चे कैसे रहेंगे अब…अब फिर २ समस्या कि या तो उठाकर बोरिया बिस्तर चले जाओ वापस ..नहीं तो छोडो ये कम्पनी और ढूंढो दूसरा कोई वहां धंधा … और बस जाओ…अब फिर २ समस्या कि नौकरी छोड़ दी दूसरी नहीं मिली तो…? फिर बीबी ढूँढ ले नौकरी पर इतने साल घर बैठ कर अब उसके बस का भी नहीं बाहर काम ढूँढना .. विदेशी भ्रमण के चक्कर में चक्रम गोरे क्लाइंट , देसी बीबी और मिक्स बच्चों के बीछ चकरघिन्नी बन कर रह गया और बैठ गया सर पकड़ कर ..बेकार पड़े इस onsite के चक्कर में इंडिया में ही रह जाते २ रोटी कम खाते पर सुकून तो पाते .अब बीबी भी जिन्दगी भर सुनाएगी और बच्चे भी..

आखिर नहीं बचा रास्ता तो आ गए वापस ….फिर शुरू हुआ समस्यायों का सिलसिला आज पानी नहीं आया…बिजली नहीं है…बच्चे हिंदी में फेल हो गए..उफ़ कितनी गर्मी है ..हाय कितनी महंगाई है….और फिर से वही ….बेकार आये काश वहीँ रह जाते….ये तो अजीब घनचक्कर है चक्कर ….आपको समझ में आया ये चक्कर? अजी जब अब तक हमें नहीं समझ में आया तो आपको क्या खाक समझ में आएगा ये चक्कर घनचक्कर.

सभी इंजिनियर और उनके परिवार वालों से क्षमा याचना सहित :)